Tuesday 27 August 2013

प्रतिदिन काम आने वाली बातों से स्वास्थ्य को सही रखें


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धन्यवाद ......

Health Advice (स्वास्थ्य सलाह) घरेलू नुस्खे

कौन नहीं चाहता कि उसके जहन में ऐसे नुस्खे समाए रहें जिनसे वह समय-समय पर लाभ उठा सके। अपनी प्रतिदिन काम आने वाली बातों से स्वास्थ्य को सही रख सके। आइए चुनते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स।

* पेट में दर्द हो तथा पके जामुन उपलब्ध हों, इसका रस निकालकर पी लें। दर्द तो दूर होगा ही, शरीर हो अपार शक्ति भी मिलेगी।

* गठिया की पीड़ा से परेशान हैं, राई को पीसकर रखें। उसे जोड़ों पर मलने पर दर्द में आशातीत आराम पायेंगे।

* किसी कारण से या जान-बूझकर किसी ने जहरीला पदार्थ पी लिया हो तो राई का चूर्ण एक छोटा चम्मच खाकर पानी पी लें। उससे उल्टी हो जायेगी। स्वयं भी उल्टी करने का प्रयास करें तो सारा जहर उल्टी के साथ बाहर निकल जायेगा। खतरा खत्म।

* कान में दर्द हो तो 1. सरसों का तेल गुनगुना करें, उसे कानों में डालें। आराम पायेंगे। 2. सुदर्शन वृक्ष के पत्तों के रस की दो-चार बंद निकालकर कान में डाले। आराम मिल जायेगा।

* यदि बाल टूटते हैं, बढ़ते भी न हों तो बालों को दही के पानी के पानी से धोएं। टूटने बन्द हो जायेंगे। लम्बे भी होंगे। कुछ दिन उपचार करें।

* नींद न आने की जिसे शिकायत हो, उसकी मदद बेंगन करता है। बैंगन को छीलें, इसकी सब्जी घी व दही के साथ बनायें। रात को अपने भोजन में केवल इसे ही खाएं। यह अच्छी नींद लाने का सरल व सस्ता उपाय है।

* सर्दी है, नाक बन्द हो गयी है, सांस लेने में भी तकलीफ होती है, ऐसे में कपूर की पोटली सूंधे। नाक खुल जायेगी।

बातें काफी छोटी व सरल हैं। मगर इनसे आप चलते-फिरते अपना उपचार कर सकते हैं, बिना कठिनाई के।


अश्व यानी घोड़ा, शक्ति का प्रतीक होता है, तभी इंजन या मोटर की शक्ति को, 'हॉर्स पॉवर' कहा जाता है यानी अश्व शक्ति से मापा जाता है और घोड़ा घास के अलावा चना ही खाता है। दिनभर मेहनत करता है, ताँगा खींचता है पर थकता नहीं। इससे यह भी साबित होता है कि चने में कितनी शक्ति होती है।

ताकतवर तो हाथी भी होता है पर किसी इंजन की शक्ति को एलीफेंट पॉवर नहीं कहा जाता, क्योंकि हाथी में बल तो बहुत होता है पर साथ ही आलस्य और ढीला-ढालापन भी होता है। हाथी घोड़े की तरह फुर्तीला और सुडौल शरीर वाला नहीं होता और उसका बल आम तौर पर मनुष्य के काम नहीं आता जैसे घोड़े का बल काम आता है।

चने का नाश्ता : नाश्ते के लिए एक मुठ्ठी काले देशी चने पानी में डालकर रख दें। सुबह इन्हें कच्चे या उबालकर या तवे पर थोड़ा भुनकर मसाला मिलाकर, खूब चबा-चबाकर खाएँ। चने के साथ किशमिश खा सकते हैं, कोई मौसमी फल खा सकते हैं। केला खाएँ तो केले को पानी से धोकर छिलकासहित गोलाकार टुकड़े काट लें और छिलका सहित चबा-चबाकर खाएँ। नाश्ते में अन्य कोई चीज न लें।

भोजन में चना : रोटी के आटे में चोकर मिला हुआ हो और सब्जी या दाल में चने की चुनी यानी चने का छिलका मिला हुआ हो तो यह आहार बहुत सुपाच्य और पौष्टिक हो जाता है। चोकर और चने में सब प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। चना गैस नहीं करता, शरीर में विषाक्त वायु हो तो अपान वायु के रूप में बाहर निकाल देता है। इससे पेट साफ और हलका रहेगा, पाचन शक्ति प्रबल बनी रहेगी, खाया-पिया अंग लगेगा, जिससे शरीर चुस्त-दुरुस्त और शक्तिशाली बना रहेगा। मोटापा, कमजोरी, गैस, मधुमेह, हृदय रोग, बवासीर, भगन्दर आदि रोग नहीं होंगे।

चने को गरीब का भोजन भी कहा जाता है, लेकिन इसकी ताकत को हम अनदेखा कर देते हैं। चना सस्ता भी है और सरल सुलभ भी, इसलिए हमें पथ्य यानी सेवन करने योग्य आहार के रूप में चने का सेवन करके स्वास्थ्य लाभ अवश्य प्राप्त करना चाहिए।

रक्ताल्पता, कब्ज, डायबिटिज और पीलिया जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है। बालों और त्वचा की सौंदर्य वृद्धि के लिए चने के आटे का प्रयोग हितकारी होता है।

एक मुट्ठी चना से आप स्वस्थ और ताकतवर बन सकते हैं। ये आपको सुंदर और तेज दिमाग वाला बनायेगा। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं।

चना खाने से लाभ- 1. प्रोटीन- इससे शरीर चुस्‍त दुरुस्‍त बना रहता है। चने में लगभग 12-15 ग्राम प्रोटीन होता है जो कि अनाज के मुकाबले कई गुना ज्‍यादा होता है।
2. कालेस्‍ट्रॉल को घटाए- चना आंत में पित्‍त रस के साथ मिल कर खून में बढे हुए कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर कम करता है। यह लीवर को कोलेस्‍ट्रॉल सोखने से बचाता है।
3. फॉलिक एसिड- पहली बार मां बनने जा रही हैं तो चने का सेवन आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिये हिताकारी है। इसे खाने से शिशु के ब्रेन का विकास अच्‍छी तरह से होता है। साथ ही यह रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से बचाता है।
4. मधुमेह कंट्रोल करे- चना रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल करता है।
5. मैगनीज से भरा- खून के लगातार बहाव में कॉपर और मैगनीज जैसे माइक्रो न्‍यूट्रियंट्स का होना बहुत जरुरी है। चना एक अच्‍छा स्रोत है जिसको खाने से शरीर का तापमान बना रहता है।
6. रेशा- एक कटोरा चना खाने से 28 ग्राम रेशा आपके शरीर में जाता है , जिससे पेट संबन्‍धी सारी शिकायते दूर रहती हैं। कब्‍ज हो या फिर पेट का कैंसर, दोनों ही नहीं होते।
7. फॉस्फोरस और आयरन- चने में 27 और 28 प्रतिशत फॉस्‍फोरस और आयरन होता है। यह न केवल रक्त कोशिकाओं का निमार्ण करते हैं बल्कि हीमोग्‍लोबीन बढा कर किडनियों को भी नमक की अधिकत्‍ता से साफ करते हैं।

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