Tuesday 26 November 2013

मूली,गाजर,पालक और नमक से उपचार


Arun Kumar Nigam
 मूली

हरा दुपट्टा , गोरी काया
सबका दिल है इस पर आया.
ना सखि जूही, ना सखि जूली
नाम गँवइहा है मिस – मूली.

नन्हीं नटखट ,बड़ी चरपरी
लेकिन होती, बहुत गुणभरी.
है सुडौल और छरहरी काया
उसने इसका राज बताया.

मूली- नीबू रस पी जाओ
मोटापे को दूर भगाओ.
रस मिश्रण चेहरे पे लगाओ
और कांतिमय चेहरा पाओ.

मूली का रस सिर में लगाना
लीख - जुँओं से छुट्टी पाना.
जो मूली का रस पी जाता
मूत्र सम्बंधी नहीं रोग सताता.

कोई याद करे हरजाई
और तुम्हें गर हिचकी आई.
मित्र जरा भी मत घबराना
मूली के पत्तों को चबाना.

मूली के पत्ते मत फेंको
लवन विटामिन भरे अनेको
सेंधा- नमक लगाकर खायें
मुख-दुर्गंध को दूर भगायें.

मूली में प्रोटीन, कैल्शियम
गंधक ,आयोडीन, सोडियम
लौह तत्व, विटामिन बी,सी
गुण इसके कह गये मनीषी.

पतली वात,पित्त,कफ नाशक
मोटी मूली है त्रिदोष कारक.
विटामिन ‘ए’ का है खजाना
पतली- चरपरी मूली खाना.

इसे सलाद के रूप में खायें
या फिर इसकी सब्जी बनायें
मूली की भाजी है रुचिकर
मूली का रस अति श्रेयस्कर.

गरमागरम मूली के पराठे
शीत ऋतु में मन को भाते.
बहुत चमत्कारी है मूली
मत इसको कहना मामूली.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )

 
गाजर...

ठंडी का है मौसम छाया
हल्वा खाने मन ललचाया
बिट्टू लेकर गाजर आया
मम्मी से हल्वा बनवाया.

कद्दूकस में गाजर को किस
खोवा,दूध औ काजू किसमिस
पलभर में तैयार है हल्वा
बहुत खूब बिट्टू का जल्वा.

पापा जी जब हल्वा खाये
गुण गाजर के यूँ बतलाये
ए, बी, सी, डी, ई, जी और के
विटामिन ये सब गाजर के.

रक्त, नेत्र की ज्योत बढ़ाये
यह शक्ति का स्त्रोत बढ़ाये
कच्ची गाजर भी गुणकारी
दूर करे ये कई बीमारी.

पाचन तंत्र की करे सफाई
पेट के कीड़े मरते भाई
लाल और केसरिया रंग है
यह सलाद का प्रमुख अंग है.

इसमें होता बिटा कैरोटिन
कैंसर से जो बचाता हर छिन
कैल्सियम भी पाया जाता
जो हड्डी मजबूत बनाता.

दिल की धड़कन तेज हो जायें
गाजर थोड़ा भून के खायें
बवासीर, सूजन , दुर्बलता
पथरी का भी नाश ये करता.

पैक्टीन -फाइबर भी सम्मिलित
जो राखे कोलेस्ट्राल संतुलित
एंटी - आक्सीडेंट हितकारी
त्वचा सदा रहती सुकुमारी.

सर्दी आई , गाजर खाओ
खाओ और खिलाते जाओ
सेहत अपनी खूब बनाओ.
अपने मित्रों को बतलाओ.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )
 
Health Advice (स्वास्थ्य सलाह) घरेलू नुस्खे
बुखार

बदलते मौसम में बुखार की चपेट में आना एक आम बात है। कभी वायरल फीवर के नाम पर तो कभी मलेरिया जैसे नामों से यह सभी को अपनी चपेट में ले लेता है। फिर बड़ा आदमी हो या कोई बच्चा इस बीमारी की चपेट में आकर कई परेशानियों से घिर जाते हैं। कई बुखार तो ऐसे हैं जो बहुत दिनों तक आदमी को अपनी चपेट में रखकर उसे पूरी तरह से कमजोर बना देता है। पर घबराइए नहीं सभी तरह के बुखार की एक अचूक दवा है भुना नमक। इसके प्रयोग किसी भी तरह के बुखार को उतार देता है।



भुना नमक बनाने की विधि- खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर कॉफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें।जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से आपको बुखार कभी पलट कर नहीं आएगा।



विशेष :-

- हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह विधि नहीं अपनानी चाहिए।


- यह प्रयोग एक दम खाली पेट करना चाहिए इसके बाद कुछ खाना नहीं चाहिए और ध्यान रखें कि इस दौरान रोगी को ठण्ड न लगे।


- अगर रोगी को प्यास ज्यादा लगे तो उसे पानी को गर्म कर उसे ठण्डा करके दें।


- इस नुस्खे को अजमाने के बाद रोगी को करीब 48 घंटे तक कुछ खाने को न दें। और उसके बाद उसे दूध चाय या हल्का दलिया बनाकर खिलाऐं।


 पालक................

हरी-हरी पालक की भाजी
हर मौसम में मिलती ताजी.
कच्ची पालक लगती खारी
नमक की मात्रा होती भारी.

इसमें नमक जरा कम डालें
कुदरती नमक का लाभ उठालें.
विटामिन ए, बी, सी वाली
चेहरे पर लाती है लाली.

लौह कैल्शियम लवण भरे हैं
गुणकारी कई तत्व खरे हैं
प्रचुर मात्रा में है पानी
भैया पालक है वरदानी.

कील मुहासों को कम करती
त्वचा कांतिमय खूब निखरती.
इसे टमाटर के संग खायें
और शरीर में रक्त बढ़ायें.

कच्ची पालक भी हितकारी
पालक का रस है गुणकारी.
इसका रस है पोषणकर्ता
संक्रामक रोगों को हरता.

बालों को झड़ने से रोके
देह में शक्ति रखे संजोके.
पेट आँत की करे सफाई
पालक का रस है सुखदाई.

पालक की सब्जी मन भाये
स्वस्थ रखे और भूख बढ़ाये.
रुचिकर और शीघ्र पाचक है.
पालक सचमुच ही पालक है.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )



पालक मानव के लिए बेहद उपयोगी है। पालक को आमतौर पर केवल हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए गुणकारी सब्जी माना जाता है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि पालक में इसके अलावा और भी कई गुण है जिनसे सामान्य लोग अनजान है। तो आइए हम आपको पालक के कुछ ऐसे ही अद्भूत गुणों से अवगत करवाते हैं उसके पश्चात आप जान सकेंगे कि आप पालक क्यों खायें ?

पालक, मेथी, ऐमारैंथ, सलाद पत्ता, अजवायन, सेलरी की तरह की पत्तेदार सब्जियाँ ‘बीटा कैरोटीन' की एक अच्छी स्रोत होती हैं| इसके अलावा उनमें से कुछ कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन सी और पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। पालक में उपस्थित ‘ग्लूटाथिऑन', कैंसर से रक्षा करने वाला एक सक्रिय घटक है|
  पालक में पाये जाने वाले विभिन्न तत्व- 100 ग्राम पालक में 26 किलो कैलोरी उर्जा ,प्रोटीन 2 % ,कार्बोहाइड्रेट 2.9 %, नमी 92 % वसा 0.7 %, रेशा 0.6 % ,खनिज लवन 0.7 % और रेशा 0.6 % होता हैं। पालक में विभिन्न खनिज लवण जैसे कैल्सियम, मैग्नीशियम ,लौह, तथा विटामिन ए, बी, सी आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाते हैं।
इसके अतिरिक्त यह रेशेयुक्त, जस्तायुक्त होता है।
इन्हीं गुणों के कारण इसे जीवन रक्षक भोजन भी कहा जाता हैं।

पालक में पाये जाने वाले गुण- पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।

गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी को दूर करने के लिए पालक का सेवन लाभदायक होता है।
पालक में पाया जाने वाला कैल्शियम बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों व स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए वह बहुत फायदेमंद है।

इसके नियमित सेवन से याददाश्त भी मजबूत होती है। 

शरीर बनाएं मजबूत- पालक में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करता हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है।
सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी क्षय होने से बचाता है।

ये शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को घटाता है।

आंखों के लिये लाभकारी- पालक आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। यह त्वचा को रूखे होने से बचाता है।

बाल गिरने से रोकने के लिए रोज पालक खाना चाहिए। पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है।

पालक कब न खायें? पालक वायुकारक होती है अतः वर्षा ऋतु में इसका सेवन न करें

2 comments:

  1. कविता के माध्यम से स्वस्थ सलाह ,अच्छा लगा !
    (नवम्बर 18 से नागपुर प्रवास में था , अत: ब्लॉग पर पहुँच नहीं पाया ! कोशिश करूँगा अब अधिक से अधिक ब्लॉग पर पहुंचूं और काव्य-सुधा का पान करूँ | )
    नई पोस्ट तुम

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