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Thursday 4 June 2015

गुलकंद एवं नींबू व केले के छिलकों से उपचार : सांवली त्वचा का सलोना निखार --- आरती सिंह

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आरती सिंह


 
गुलकंद बनाने की विधि::
समाग्री:: ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ
विधि------------गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें ...., कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें.... अब चीनी डालें... फिर पंखुडियां... फिर चीनी....अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें..... फिर उपर से पंखुडियां डालें... फिर चीनी.... इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें.... इसे धूप में रख दे आठ दस दिन के लिये......बीच- बीच में इसे चलाते रहें.... चीनी पानी छोडेगी और उसी चीनी पानी में पंखुडियां गलेंगी.... (अलग से पानी नहीं डालना है)..... पंखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय....... लीजिये तैयार हो गया आपका गुलकंद.......
1. गुलकंद के प्रयोग से कब्ज का नाश होता है, डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं रहती और जलन जैसी तकलीफों में आराम मिलता है।
2. गर्मी से आंखों में जलन व लालिमा, पेशाब में कमी, रूकावट या पीलापन, अधिक पसीना आना, त्वचा में खुजली या रंग फीका पड़ने जैसी परेशानियों में गुलकंद का इस्तेमाल लाभकारी होता है।
3. गुलकंद से गर्भाशय, आमाशय, मूत्राशय और मलाशय की बढ़ी हुई गर्मी दूर होती है।
4. यह दिमाग और आमाशय की शक्ति को बढ़ाता है। यदि भोजन करने के बाद गुलकंद खाया जाए तो यह दिमाग के लिए लाभदायक होता है।
5. प्रतिदिन 10-15 ग्राम गुलकंद सुबह और शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता है।
6. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीडित रोगी को प्रतिदिन 25-30 ग्राम गुलकंद खाने से कब्ज की समस्या नहीं रहती।
7. गुलकंद रक्त विकार दूर करता है।
8. सुबह और शाम इसे खाने से अधिक पसीने व शरीर से बदबू आने की समस्या दूर होती है। पेट साफ रहता है, भूख बढ़ती है और शरीर में ताकत आती है।
9.रोजाना 1-2 चम्मच गुलकंद खाने से एसिडिटी की समस्या दूर होती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेटदर्द में आराम मिलता है।
10.गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है, सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
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दस्त और डायरिया का अचूक फार्मुला...................
नींबू का रस निकालने के बाद छिल्कों को फेकें नहीं..इन्हें छाँव में रखकर सुखा लें..कच्चे हरे केले का छिल्का उतारकर उसके गूदे को बारीक-बारीक टुकड़े करें और इसे भी छाँव में सुखा लें..............जब दोनो अच्छी तरह सूख जाए तो दोनो की समान मात्रा लेकर मिक्सर में एक साथ ग्राइंड करलें..चूर्ण तैयार.............. दस्त और डायरिया का अचूक फार्मुला..बस 1 चम्मच चूर्ण की फांकी मारनी होगी, हर 2 घंटे के अंतराल से, देखते ही देखते सब ठीक........
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सांवली त्वचा का सलोना निखार------------
यूँ तो साँवली त्वचा की खूबसूरती पर कवियों ने अपनी कलम खूब चलाई है............ बावजूद इसके सांवला रंग युवा वर्ग में परेशानी का सबब बना हुआ है.............. गोरेपन की क्रीम के झांसे में फंसने के बजाय बेहतर होगा कि अपनी त्वचा को निखरी और सलोनी बनाने के प्रयास किए जाए.............दुनिया की कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बना सकती अत: आपको जो त्वचा प्राकृतिक रूप से मिली है उसी को स्वस्थ और आकर्षक बनाने के जतन करने चाहिए............सांवली त्वचा को सलोनी रंगत देने के लिए अपनी मजीठ, हल्दी, चिरौंजी 50-50 ग्रा. लेकर पाउडर बना लें.............. एक-एक चम्मच सब चीजों को मिलाकर इसमें 6 चम्मच शहद मिलाएं और नींबू का रस तथा गुलाब जल डालकर पेस्ट बना लें...............इस पेस्ट को चेहरे, गरदन, बांहों पर लगाएं और एक घंटे के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से सांवलापन दूर होकर रंग निखर आएगा.....त्वचा में आकर्षक चमक आएगी.....

साभार :