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Thursday 17 March 2016

जामुन और इन हरी पत्तियों को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें ------ प्रस्तोता :डॉ आरती कुलश्रेष्ठ

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डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने और इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने के लिए अपने खानपान का खास ध्यान रखना पड़ता है। ऐसी कई जड़ी बूटियां और मसाले हैं, जो डायबिटीज के उपचार में सहायक हैं। इन्ही में से एक डिल की पत्तियां (dill leaves) हैं। सौंफ के पौधे जैसे दिखने वाले इस पौधे को शेपु या सुवा भाजी के नाम से भी जाना जाता है। परंपरागत रूप से इसका इस्तेमाल मछली, अंडे और मशरूम बनाने के लिए एक मसाले के रूप में किया जाता है। अमेरिकी बोटनिस्ट डॉक्टर जेम्स ड्यूक के अनुसार, डिल में 70 तरह के केमिकल होते हैं, जिस वजह से ये डायबिटीज के इलाज के लिए प्रभावी जड़ी बूटी है।


डिल ही क्यों
अध्ययनों के अनुसार, डिल की पत्तियों के रस में कई चिकित्सकीय गुण होते हैं, जिस वजह से ये टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में सहायक है। जब अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के इलाज और शरीर में हानिकारक सूजन को कम करने के लिए ग्लुकोकोर्टीकोइड (glucocorticoid) थेरेपी का उपयोग किया जाता है, तो ये लंबे समय तक हाइपरग्लाइसेमिया (hyperglycemia) का नेतृत्व कर सकते हैं। ये एक ऐसी स्थिति है, जब टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में ग्लूकोज की अतिरिक्त मात्रा हो जाती है। हालांकि डिल के पत्तों का रस पीने से इंसुलिन के स्तर में उतार-चढ़ाव को कम करने और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसके पत्तों का रस थायराइड कंट्रोल करने और इम्युनिटी सिस्टम मज़बूत करने में भी मददगार है।
इसका इस्तेमाल ऐसे करें
  • भारत में डिल के पत्तों का इस्तेमाल प्याज, लहसुन, अदरक, जीरा, हरी मिर्च और सरसों तेल के साथ मिलाकर सब्जी के रूप में किया जाता है।
  • आप इसके पत्तों का जूस बनाकर भी पी सकते हैं। जूस में नींबू और थोड़ा काला नमक मिलाकर सुबह और शाम को पीने से लाभ होगा।
  • आप डिल के पत्तों को आटे के साथ मिलाकर पराठे भी बना सकते हैं।
  • इसके अलावा इसके पत्तों को सूप, सलाद, अचार और गार्निश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • डिल के पत्तों को आप कच्चा भी चबा सकते हैं या इसके बीजों का छोंक लगाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • आप इसके बीजों का पाउडर बनाकर दाल और सब्जी में मसाले के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
अगर आप टाइप 2 डायबिटीज के मरीज़ नहीं हैं, तो भी डिल खाने से आपको ब्लड शुगर लेवल कम करने और इंसुलिन प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है। इसलिए इन हरी पत्तियों को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें।

अगर आप ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कड़वे करेले का जूस नहीं पीना चाहते हैं, तो आपके लिए एक स्वादिष्ट विकल्प भी है। जी, हां ये विकल्प है इंडियन ब्लैकबेरी यानि जामुन। जामुन एक स्वादिष्ट फल है, जिसके अनगिनत फायदे हैं। इसका डायबिटीज के इलाज के लिए एक पारंपरिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज के कारण पैदा होने वाली विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को कम करने के लिए केवल इसका रस ही नहीं बल्कि इसके बीजों का भी इस्तेमाल किया जाता है।


बीपी कंट्रोल करने में जामुन कैसे सहायक है
अध्ययनों से पता चलता है कि जामुन में एक ग्लूकोसाइड (glucoside) तत्व होता है, जो जम्बोलन (jambolan) के नाम से जाना जाता है। इस तत्व का एंटी-डायबिटिक प्रभाव पड़ता है। अध्ययनों के अनुसार, इसमें ब्लड शुगर लेवल 30 फ़ीसदी तक कम करने की क्षमता होती है। इसके अलावा ये डायबिटीज के कारण उत्पन्न जटिलताओं के जोखिम को भी कम करता है। इसमें बहुत कम ग्लाइमिक इंडेक्स (glycemic index) होता है।
इसका इस्तेमाल कैसे करें
  • ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए रोजाना सुबह 5 से 6 जामुन खाएं।
  • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच जामुन बीज का पाउडर मिलाकर दिन में दो बार पीने से भी लाभ होता है।