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Tuesday 8 May 2018

नींबू,खीरा,करेला,ग्रीन बीन्स,बेल,फालसा आदि से उपचार

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Sunday 18 February 2018

नाश्ता,चावल पानी,बैगन आदि का स्वास्थ्य लाभ में महत्व

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Friday 1 December 2017

अमरूद ,पुदीना,अदरक,केला सेवन कर उपचार करें

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जानिए अमरूद खाने से आपके शरीर में क्‍या होता है?  :

अमरूद आपकी हेल्‍थ के लिए बेहद गुणकारी है. यही वजह है कि इसे सुपर फूड की कैटगरी में रखा गया है. इसमें विटामिन C, लाइकोपीन, मैग्‍नीज, पोटैश‍ियम, विटामिन, मिनरल और फाइबर पाए जाते हैं. अपनी इन खूबियों के चलते आयुर्वेद में अमरूद को खास स्‍थान दिया गया है. यही नहीं इसकी खुश्‍बू और स्‍वाद दोनों लाजवाब हैं. अगर अब तक आप अमरूद को  महज एक फल समझकर इग्‍नोर करते आए हैं तो अब इन खूबियों के बारे में जान लें और इस वंडर फूड को अपनी डाइट का हिस्‍सा जरूर बनाएं। 

डायबिटीज की रोकथाम : 

अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है. यह शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और लो ग्लिसमिक इंडेक्‍स शुगर लेवल को अचानक बढ़ने से रोकता है. डायबिटीज के रोगियों को रोज अमरूद खाने की सलाह दी जाती है. यही नहीं अमरूद की पत्तियों की चाय पीने से से डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है. 

वजन कम करने में मददगार : 
अमरूद में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं. अमरूद में मौजूद फाइबर कॉलेस्‍ट्रोल लेवल को कम करने में बहुत मददगार हैं. यही नहीं अंगूर, संतरे और सेब की तुलना में इसमें शुगर की मात्रा बहुत कम होती है. यही वजह है कि आप बेहिचक इसे खा सकते हैं. 


सर्दी-जुकाम में फायदेमंद : 

अमरूद में भरपूर मात्रा में विटामिन C पाया जाता है, जो शरीर की इम्‍यूनिटी को बढ़ाने में काफी फायदेमंद है. अमरूद पर नमक और काली मिर्च लगाकर खाने से कफ दूर होता है. वहीं, पके अमरूद के बीजों को खाने के बाद पानी पीने से जुकाम से राहत मिलती है. 

दांतों की परेशानियों से छुटकारा  : 
अगर आपके दांत में दर्द है तो धीरे-धीरे अमरूद की पत्‍तियां चबाएं. अमरूद के पत्तों को हल्के गर्म पानी में उबालकर कुल्ला करने से मसूढ़ों की सूजन और दर्द से छुटकारा मिलता है. दांतों में फैले प्‍लाक से निजात पाने के लिए अमरूद की पत्तियां चबानी चाहिए. मुंह की बदबू दूर करने के लिए अमरूद की पत्तियों को पीसकर उससे पेस्‍ट करना चाहिए. 

पेट दर्द, कब्‍ज और मुंह के छालों से मुक्ति : 

अमरूद कब्‍ज और पेट दर्द से जुड़ी कई समस्‍याओं का रामबाण इलाज है. अगर आपके पेट दर्द में है तो अमरूद में नमक मिलाकर खाएं. अमरूद की पत्तियां डयर‍िया फैलने वाले बैक्‍टीरिया को रोकती हैं. दस्‍त लगने पर अमरूद की पत्तियों की चाय पीनी चाहिए. मुंह में छाले होने पर अमरूद की कोमल पत्तियों को चबाने से बहुत जल्‍द आराम मिलेगा. अगर आप अमरूद को अपनी डाइट में शामिल करेंगे तो कब्‍ज की श‍िकायत ही नहीं रहेगी.

दिमाग को दे पोषण  : 

अमरूद में मौजूद विटामिन C दिमाग की कार्यप्रणाली को सुधारने में मदद करता है. इसमें मौजूद विटामिन B3 और B6 दिमाग के ब्‍लड सर्कुलेशन को ठीक रखते हैं. 

आंखों व त्‍वचा के लिए गुणकारी : 

अमरूद में विटामिन A पाया जाता है, जो आंखों को सेहतमंद बनाए रखता है. अमरूद खाने से रतौंधी और मोतियाबिंद  का खतरा कम हो जाता है. इसके अलावा अमरूद त्‍वचा की सेहत बरकारार रखने के काम भी आता है. अमरूद खाने से त्‍वचार की झुर्रियों, रूखेपन और टैनिंग से छुटकारा मिलता है. यही नहीं अमरूद खाने से त्‍वचा की रंगत निखरती है और मुंहासे भी कोसों दूर रहते हैं.

दूर होगा नशे का असर : 

शराब या भांग का नशा उतारने के लिए अमरूद की पत्तियों का रस पीना चाहिए. अमरूद की पत्तियां चबाने से भी लाभ मिलेगा. 

साभार : 

https://khabar.ndtv.com/news/lifestyle/health-benefits-of-amrood-guava-1771717



Sunday 10 September 2017

माखन,घी,पनीर,ब्राह्मी,अश्वगंधा,ग्रीन टी,आम के पत्तों से इलाज

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Sunday 7 May 2017

स्वास्थ्य अच्छा होना जरूरी है : :जीवन में सबकुछ पाने के लिए

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जीवन में सबकुछ पाने के लिए पहले आपका स्वास्थ्य अच्छा होना जरूरी है। याद रहे ये बातें।
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1. आजकल बढ़ रहे चर्म रोगों और पेट के रोगों का सबसे बड़ा कारण दूधयुक्त चाय और इसके साथ लिया जाने वाला नमकीन है.
2. कसी हुई टाई बाँधने से आँखों की रोशनी पर नकारात्मक प्रभाव होता है
3. अधिक झुक कर पढने से फेफड़े,रीढ़,और आँख की रौशनी पर बुरा असर होता है
4. अत्यधिक फ्रीज किये हुए ठन्डे पदार्थों के सेवन से बड़ी आंत सिकुड़ जाती है.
5. भोजन के पश्चात स्नान  से पाचन शक्ति मंद हो जाती है इसी प्रकार भोजन के तुरंत बाद मैथुन, बहुत ज्यादा परिश्रम करना एवं सो जाना पाचनशक्ति को नष्ट करता है.
6. पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है. भोजन सदैव जमीन पर बैठ कर करें. ऐसा करने से आवश्यकता से अधिक खा नहीं पाएंगे. भोजन करने के बाद पानी पीना कई गंभीर रोगों को आमंत्रण देना है.
7. भोजन के प्रारम्भ में मधुर-रस (मीठा), मध्य में अम्ल, लवण रस (खट्टा, नमकीन) तथा अन्त में कटु, तिक्त, कषाय (तीखा, चटपटा, कसेला) रस के पदार्थों का सेवन करना चाहिए
8. भोजन के बाद हाथ धोकर गीले हाथ आँखों पर लगायें. यह आँखों को गर्मी से बचाएगा.
9. नहाने के कुछ पहले एक गिलास सादा पानी पियें. यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बहुत हद तक दूर रखेगा.
10. नहाने की शुरुवात सर से करें. बाल न धोने हो तो मुह पहले धोये. पैरों पर पहले पानी डालने से गर्मी का प्रवाह ऊपर की ओर होता है और आँख मस्तिष्क आदि संवेदन शील अंगो को क्षति होती है.
11. नहाने के पहले सोने से पहले एवं भोजन कर चुकने के पश्चात मूत्र त्याग अवश्य कर्रें. यह अनावश्यक गर्मी, कब्ज और पथरी से बचा सकता है.
12. कभी भी एक बार में पूर्ण रूप से मूत्रत्याग न करें बल्कि रूक रुक कर करें. यह नियम स्त्री पुरुष दोनों के लिए है ऐसा करके प्रजनन अंगों से सम्बंधित शिथिलता से आसानी से बचा जा सकता है. (कीगल एक्सरसाइज)
13. खड़े होकर मूत्र त्याग से रीढ़ की हड्डी के रोग होने की सम्भावना रहती है. इसी प्रकार खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों के रोग ऑर्थरिटिस आदि हो जाते हैं.
14. फल, दूध से बनी मिठाई, तैलीय पदार्थ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए. ठंडा पानी तो कदापि नहीं.
15. अधिक रात्रि तक जागने से प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है .
16. जब भी कुल्ला करें आँखों को अवश्य धोएं. अन्यथा मुह में पानी भरने पर बाहर निकलने वाली गर्मी आँखों को नुकसान पहुचायेगी.
17. सिगरेट तम्बाकू आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने से प्रत्येक बार मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं नष्ट हो जाती है इनका पुनर्निर्माण कभी नहीं होता.
18. मल मूत्र शुक्र खांसी छींक अपानवायु जम्हाई वमन क्षुधा तृषा आंसू आदि कुल 13 अधारणीय वेग बताये गए हं इनको कभी भी न रोकें. इनको रोंकना गंभीर रोगों के कारण बन सकते हैं .
19. प्रतिदिन उषापान करने कई बीमारियाँ नहीं हो पाती और डॉक्टर को दिया जाने वाला बहुत सा धन बच जाता है.उषापान दिनचर्या का अभिन्न अंग बनायें.
20. रात्रि शयन से पूर्व परमात्मा को धन्यवाद अवश्य दें. चाहे आपका दिन कैसा भी बीता हो. दिन भर जो भी कार्य किये हों उनकी समीक्षा करते हुए अगले दिन की कार्य योजना बनायें अब गहरी एवं लम्बी सहज श्वास लेकर शरीर को एवं मन को शिथिल करने का प्रयास करे. अपने सब तनाव, चिन्ता, विचार आदि परमपिता परमात्मा को सौंपकर निश्चिंत भाव से निद्रा की शरण में जाएँ.

Tuesday 3 November 2015

डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर

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अगर आप डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं तो भूल जाइये कि आप अपनी पसंद का कोई भी खाना खा सकते हैं। इन बीमारियों के साथ जीने के लिए आपको काफी परहेज़ करना पड़ता है। और जिसको ये दोनों बीमारियां एक साथ हो जाएं उसके लिए मामला और मुश्किल हो जाता है। जिस खाने की चीज़ में नमक और ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज़्यादा होता है, वो आपके लिए बिल्कुल मना हो जाते हैं। ऐसे में चटपटे स्नैक्स जैसे नमकीन, पैकेट बंद चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़ वगैरह तो आप भूल ही जाइये।
ऐसी स्थिति में आप कद्दू के बीज को स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं। दिनभर में जब कुछ खाने का मन करे तो मुट्ठीभर कद्दू के बीज लिए और चबा लिये। अब आप सोचेंगे कद्दू के बीज ही क्यों? दरअसल, इन कद्दू के बीजों के शरीर पर एंटी-डायबिटिक और एंटी हाइपरटेंसिव प्रभाव पड़ते हैं। आइये जानें किस तरह।
ब्लड प्रेशर में लाभ
अगर आप अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल में लाइन के लिए एंटी-हाइपरटेंसिव दवाएं ले रहे हैं और फिर भी कुछ फायदा नहीं हो रहा तो आपको कद्दू के बीजों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार, कद्दू के बीज में से तत्व होते हैं जो आपका ब्लड प्रेशर कम करते हैं, और दिल के लिए अच्छे होते हैं। कद्दू के बीज नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करते हैं जो दिल की धड़कन को नियमित करता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है।
डायिबिटीज़ में लाभ
अगर आप अपनी डायबिटीज़ को नैचुरली कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो डायट में कद्दू के बीज खाना शुरू करें। एक अध्ययन में, ये बात सामने आई है कि कद्दू के बीज और अलसी के बीज का मिक्सचर डायबिटीज़ के दौरान शरीर में पैदा होने वाले कुछ एंजाइम स्तरों को कंट्रोल करता है, जिससे डायबिटीज़ कंट्रोल में आ जाती है।
अनुवादक – Shabnam Khan

Wednesday 24 June 2015

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज..........डॉ आरती सिंह

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.डॉ आरती सिंह


.डॉ आरती सिंह
भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं........ आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे..........अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं .........लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है..........Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन...........यह कभी किसी का सफल नहीं होता............क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है........कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है.............इसके बाद फिर आता है दूसरा हार्ट अटैक............ डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ..........आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती है..............
अब पढ़िए उसका आयुर्वेदिक इलाज..
एक कप नींबू का रस......एक कप अदरक का रस......एक कप लहसुन का रस.......एक कप सेब का सिरका लें..........चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें..........उसमें 3 कप शहद मिला लें रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी........


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KALI PHOS (काली फास ) 6x शक्ति की दवा ( बायोकेमिक/होम्योपैथी स्टोर्स पर उपलब्ध ) की 4-4-4 गोलियां सुबह -दोपहर-शाम को चूसने से न केवल हार्ट-हृदय संबंधी रोग अपितु हाई व लो ब्लड प्रेशर में भी लाभ होता है। यह sinking heart की अचूक औषद्धि है। 

इसके अतिरिक्त हाई,लो-ब्लड प्रेशर,हार्ट समस्या, दमा, और मानसिक चिंता होने पर :
ॐ भू : ॐ भुवा : ॐ स्व :ॐ तत्स वितुर्वरेनियम  भर्गो देवस्य धीमहि:।  धियो यो :न प्रचोदयात। । 
इस मंत्र का 108 या  कम से कम 27 बार  पश्चिम की ओर मुख करके उच्चारण करने से समाधान होता है। क्योंकि अ+उ +म =ॐ का उच्चारण करने से शरीर के केंद्रीय भाग -नाभि की कसरत हो जाती है जिससे सभी प्रकार के ब्लाकेज्स खुल जाते हैं। इसके अलावा न तो नाभि की कोई कसरत है न ही मालिश । 
--- विजय राजबली माथुर