Sunday 7 June 2015

सोयाबीन से तैयार पौष्टिक दूध --- आरती सिंह

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06 जून 2015 
125 ग्राम सोयाबीन से तैयार करें एक लीटर दूध..............
125 ग्राम सोयाबीन को साफ कीजिये, धोइये और रात भर के लिये भीगने दीजिये.....सोयाबीन से पानी निकाल दीजिये, उबलते पानी में डालिये और ढककर 5 मिनिट के लिये रख दीजिये, इस तरह से महक कम हो जायेगी और सोयाबीन के छिलके उतारने में आसानी रहेगी.....गरम किये गये दानों को हाथ से मलिये और छिलके अलग कर दीजिये, अब सोयाबीन को पानी में डालिये और छिलके तैरा कर हाथ से निकाल दीजिये......छिलके रहित सोयाबीन को मिक्सर में डालिये, पानी डाल कर एकदम बारीक पीस लीजिये...... पिसे मिश्रण में 1 लीटर पानी डालिये और मिक्सर चला कर अच्छी तरह मिक्स कर दीजिये......दूध को गरम करने के लिये आग पर रख दीजिये, दूध के ऊपर जो झाग दिखाई दे रहे हैं उनको चमचे से निकाल कर हटा दीजिये........ दूध उबालते समय थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाते रहिये. दूध में उबाल आने के बाद 5-10 मिनिट तक दूध को उबलने दीजिये. आग बन्द कर दीजिये...........अब इस उबले हुये दूध को को साफ कपड़े में डालकर अच्छी तरह छान लीजिये. छानने के बाद जो ठोस पदार्थ सोयाबीन पल्प कपड़े में रह गया है उसे किसी अलग प्याले में रख लीजिये,
सोयाबीन का दूध तैयार है. दूध को ठंडा होने दीजिये. सोयाबीन के दूध को आप अब पीने के काम में ला सकते हैं, सोयाबीन का दूध फ्रिज में रखकर 3 दिन तक काम में लाया जा सकता है.............

Saturday 6 June 2015

शुद्ध शहद कैसे पहचानें? : अनचाहे बाल कैसे हटाएँ ? --- आरती सिंह

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आरती सिंह 



05 jun 2015  at 12:03am · Edited
शुद्ध शहद की पहचान.................
* शुद्ध शहद को कुत्ता नहीं खाता।
* कागज पर शहद डालने से नीचे निशान नहीं आता है।
* शहद की कुछ बूंदे पानी में डालें। यदि यह बूंदे पानी में बनी रहती है तो शहद असली है और शहद की बूंदे पानी में मिल जाती है तो शहद में मिलावट है।
* रूई की बत्ती बनाकर शहद में भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती रहे तो शहद शुद्ध है।
*कपड़े पर शहद डालें और फिर पौंछे असली शहद कपडे़ पर नहीं लगता है |

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06 jun 2015 
महिलाओं को चेहरे , हाथ व पैर के अनचाहे बालों को हटाने के लिए.......... मिट्टी का तेल ( केरोसिन) 50 मिली. + 10 ग्राम कपूर + 5 ग्राम हरताल भस्म मिला कर रात्रि में सोने से पहले इस मिश्रण से मालिश करना चाहिए........ साथ ही गन्धर्व हरीतकी आधा चम्मच + आरोग्यवर्धिनी बटी एक गोली रात को भोजन के आधा घंटे बाद गुनगुने गर्म जल से लेना चाहिए............. दो माह में स्वतः ही बाल गिरने लगेंगे और नए बाल न उगेंगे……… अनचाहे बाल हटने से चेहरे , हाथ व पैर की त्वचा में निखार आ जायेगा...........

Thursday 4 June 2015

गुलकंद एवं नींबू व केले के छिलकों से उपचार : सांवली त्वचा का सलोना निखार --- आरती सिंह

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आरती सिंह


 
गुलकंद बनाने की विधि::
समाग्री:: ताजी गुलाब की पंखुडियां, बराबर मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ
विधि------------गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं लें ...., कांच की बडे मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें.... अब चीनी डालें... फिर पंखुडियां... फिर चीनी....अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें..... फिर उपर से पंखुडियां डालें... फिर चीनी.... इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें.... इसे धूप में रख दे आठ दस दिन के लिये......बीच- बीच में इसे चलाते रहें.... चीनी पानी छोडेगी और उसी चीनी पानी में पंखुडियां गलेंगी.... (अलग से पानी नहीं डालना है)..... पंखुडियां पूरी तरह गल जाय यानि सब एक सार हो जाय....... लीजिये तैयार हो गया आपका गुलकंद.......
1. गुलकंद के प्रयोग से कब्ज का नाश होता है, डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं रहती और जलन जैसी तकलीफों में आराम मिलता है।
2. गर्मी से आंखों में जलन व लालिमा, पेशाब में कमी, रूकावट या पीलापन, अधिक पसीना आना, त्वचा में खुजली या रंग फीका पड़ने जैसी परेशानियों में गुलकंद का इस्तेमाल लाभकारी होता है।
3. गुलकंद से गर्भाशय, आमाशय, मूत्राशय और मलाशय की बढ़ी हुई गर्मी दूर होती है।
4. यह दिमाग और आमाशय की शक्ति को बढ़ाता है। यदि भोजन करने के बाद गुलकंद खाया जाए तो यह दिमाग के लिए लाभदायक होता है।
5. प्रतिदिन 10-15 ग्राम गुलकंद सुबह और शाम दूध के साथ खाने से नकसीर का पुराने से पुराना रोग भी ठीक हो जाता है।
6. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) से पीडित रोगी को प्रतिदिन 25-30 ग्राम गुलकंद खाने से कब्ज की समस्या नहीं रहती।
7. गुलकंद रक्त विकार दूर करता है।
8. सुबह और शाम इसे खाने से अधिक पसीने व शरीर से बदबू आने की समस्या दूर होती है। पेट साफ रहता है, भूख बढ़ती है और शरीर में ताकत आती है।
9.रोजाना 1-2 चम्मच गुलकंद खाने से एसिडिटी की समस्या दूर होती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेटदर्द में आराम मिलता है।
10.गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है।सीने की जलन और हड्डियो के रोगो में लाभकारी है, सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है।
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दस्त और डायरिया का अचूक फार्मुला...................
नींबू का रस निकालने के बाद छिल्कों को फेकें नहीं..इन्हें छाँव में रखकर सुखा लें..कच्चे हरे केले का छिल्का उतारकर उसके गूदे को बारीक-बारीक टुकड़े करें और इसे भी छाँव में सुखा लें..............जब दोनो अच्छी तरह सूख जाए तो दोनो की समान मात्रा लेकर मिक्सर में एक साथ ग्राइंड करलें..चूर्ण तैयार.............. दस्त और डायरिया का अचूक फार्मुला..बस 1 चम्मच चूर्ण की फांकी मारनी होगी, हर 2 घंटे के अंतराल से, देखते ही देखते सब ठीक........
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सांवली त्वचा का सलोना निखार------------
यूँ तो साँवली त्वचा की खूबसूरती पर कवियों ने अपनी कलम खूब चलाई है............ बावजूद इसके सांवला रंग युवा वर्ग में परेशानी का सबब बना हुआ है.............. गोरेपन की क्रीम के झांसे में फंसने के बजाय बेहतर होगा कि अपनी त्वचा को निखरी और सलोनी बनाने के प्रयास किए जाए.............दुनिया की कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बना सकती अत: आपको जो त्वचा प्राकृतिक रूप से मिली है उसी को स्वस्थ और आकर्षक बनाने के जतन करने चाहिए............सांवली त्वचा को सलोनी रंगत देने के लिए अपनी मजीठ, हल्दी, चिरौंजी 50-50 ग्रा. लेकर पाउडर बना लें.............. एक-एक चम्मच सब चीजों को मिलाकर इसमें 6 चम्मच शहद मिलाएं और नींबू का रस तथा गुलाब जल डालकर पेस्ट बना लें...............इस पेस्ट को चेहरे, गरदन, बांहों पर लगाएं और एक घंटे के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से सांवलापन दूर होकर रंग निखर आएगा.....त्वचा में आकर्षक चमक आएगी.....

साभार :

Tuesday 2 June 2015

चुटकियों में कम कर देगा तोंद...... अदरक का इस्तेमाल --- आरती सिंह

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गर्मियों में अदरक का ऐसा इस्तेमाल...... चुटकियों में कम कर देगा तोंद...... 

आधुनिक जीवन शैली में मोटापा के साथ ही तोंद की समस्या आम हो चली है। ऐसे में कैलोरी को बर्न करने वाले पेय पदार्थों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है...........खासकर गर्मी के सीजन में पेय पदार्थों का इस्तेमाल आपको दिनभर तरोताजा रखने के साथ ही तोंद से निजात दिलाएगा। इसके अलावा सोने से पहले खास पेय पदार्थों को लेने से मोटापा भी घटाने में मदद मिलती है।

गर्मी के दिनों में नींबू पानी, खीरा का जूस, एलोवेरा का जूस और अदरक का रस पीना बेहतर होता है। अगर नींबू, एलोवेरा और खीरे का जूस मिलाकर पिया जाए, तो अधिक फायदेमंद होता है..............रोजाना एक चम्मच अदरक का रस आपकी तोंद को कम करने और मोटापा घटाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा अदरक का सेवन खून के प्रवाह को बेहतर बनाने के साथ ही कैंसर के खतरे को कम करता है।

साभार : 
https://www.facebook.com/groups/1374833052829804/permalink/1454187928227649/ 




















 

Sunday 31 May 2015

बेल के औषधीय गुण --- आरती सिंह

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बेल फल उत्तम वायुनाशक, कफ-निस्सारक व जठराग्निवर्धक है। ये कृमि व दुर्गन्ध का नाश करते हैं........इनमें निहित उड़नशील तैल व इगेलिन, इगेलेनिन नामक क्षार-तत्त्व आदि औषधीय गुणों से भरपूर हैं... बेल के फल का रस ठंडा होता है इसका सेवन गर्मियों में करने से लू और गर्मी की दिक्कते नहीं होती है.........ये गर्मियों में जहां आपको राहत देते हैं, वहीं इनका सेवन शरीर के लिए लाभप्रद भी है। बेल में शरीर को ताकतवर रखने के गुणकारी तत्व विद्यमान हैं। इसके सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, बल्कि यह रोगों को दूर भगा कर नई स्फूर्ति प्रदान करता है।
*पुराने से पुराने आँव रोग से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन अधकच्चे बेलफल का सेवन करें।
* यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्द्धक भी है।
*पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
*आँख में दर्द होने पर बेल के पत्त्तों की लुगदी आँख पर बाँधने से काफी आराम मिलता है।
*कई मर्तबा गर्मियों में आँखें लाल-लाल हो जाती हैं तथा जलने लगती हैं। ऐसी स्थिति में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूँद आँख में डालना चाहिए। लाली व जलन शीघ्र दूर हो जाएगी।
*बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
*बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
*इसके पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है, खून में भी वृद्धि होती है।
*बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
*बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
*गर्मियों में गर्भवती स्त्रियों का जी मिचलाने लगे तो बेल और सौंठ का काढ़ा दो चम्मच पिलाना चाहिए।
*पके बेल के गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
*छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं। 
*बेल के फल का गुदा निकल कर उसमे थोड़ी मिश्री मिलाकर ३-४ बार लगातार खाने से आँखों की समस्याओ से रहत मिलती है ।
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