Saturday 28 January 2017

कैंसर से दूर रहिए

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टोस्ट कम सेंकिए, कैंसर से दूर रहिए  :

ब्रेड, चिप्स और आलू को ज्यादा पकाने से बचिए. फूड वैज्ञानिकों के मुताबिक़ इससे कैंसर होने का खतरा है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि स्टार्च वाला खाना जब बहुत ज्यादा तापमान पर और ज्यादा देर तक सेंका, भुना, तला या ग्रिल किया जाता है तो उसमें एक्रिलामाइड नाम का रसायन पैदा होता है.
एक्रिलामाइड अलग अलग तरह के खाने में मौजूद होता है. और ये खाना बनाते समय स्वाभाविक रूप से पैदा होता है.
यह उन भोजन में सबसे अधिक पाया जाता है जिनमें शर्करा अधिक होता है और जो 120 डिग्री सेल्सियस तक पकाए जाते हैं. जैसे कि चिप्स, ब्रेड, सुबह नाश्ते की दालें, बिस्किट, क्रैक्स, केक और कॉफी.

दरअसल जब ब्रेड को हम टोस्ट करने के लिए ग्रिल करते हैं तो उसमें ज्यादा मात्रा में एक्रिलामाइड बनते हैं. टोस्ट का रंग जितना गहरा होगा उसमें उतनी अधिक मात्रा में एक्रिलामाइड बनेंगे.
ब्रेड जब भूरा होने लगता है तो उसमें मौजूद शर्करा, एमीनो एसिड और पानी मिलकर रंग और एक्रिलामाइड बनाते हैं. और इसी से सुगंध भी पैदा होती है.
फूड स्टैंडर्स एजेंसी (एफएसए) ने खाना बनाने से जुड़े निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करने और खाने को भूरा होने तक भुनने या पकाने से बचने की सलाह दी है.
हालांकि कैंसर रिसर्च से जुड़ी प्रवक्ता का कहना है कि गहरे लाल भुने खानों से कैंसर होने की पुष्टि अभी इंसानों में नहीं हुई है.

नमक कम कीजिए, कैंसर को 'दूर रखिए' :

जानवरों के साथ किए गए शोध बताते हैं कि यह रसायन डीनए के लिए विषैला होता है और इससे कैंसर पैदा करता है.
हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है पर वैज्ञानिकों ने इसे इंसानों के लिए भी हानिकारक माना है.
एक्रिलामाइड से कैंसर का खतरा होने के साथ साथ, तंत्रिका और प्रजनन तंत्र पर भी हानिकारक असर हो सकता है.
एफएसए ने ये भी चेतावनी दी है कि आलू को फ्रिज में ना रखें. क्योंकि कम तापमान में रहने से इसमें मौजूद शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है. फिर जब इसे पकाया जाता है तब उसमें हानिकारक एक्रिलामाइड पैदा होते हैं.



Friday 25 November 2016

किडनी का सिकुड़ना : एक इलाज – Nephrotic Syndrome Treatment in Ayurved ----- डॉ. योगेश गौतम

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दोस्तों किडनी फेलियर का एक सबसे बड़ा कारन है किडनी का सिकुड़ना। अगर किडनी सिकुड़ जाए तो क्या करें.

जब हमारी किडनी सिकुड़ जाती है तो किडनी की छोटी रचना जिसे हम नेफ्रॉन्स कहते है जो फ़िल्टर का कम करती है ये नेफ्रान्स दब जाते है और उनका फंक्शन ठीक से नहीं हो पता जिससे किडनी फ़िल्टर भी ठीक से नहीं हो कर पाती और वही बिषैला पदार्थ हमारे ब्लड में शरीर में जाने लगता है और Creatinine, urea ये सब ब्लड में बढ़ जाते है।


ऐसे मरीज जिनकी किडनी सिकुड़ गयी है और डॉक्टर ने बोल दिया है की इसका कोई इलाज नहीं है किडनी ट्रांस्प्लांट के आलावा वो मरीज निराश न हो। उनके लिए विशेष आयुर्वेदिक इलाज हैं .

जिन मरीजों की किडनी सिकुड़ गयी हो और डॉक्टर उनको किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बता रहें हों ऐसे मरीजो को करना क्या है के “मकोय” यह एक पौधा होता है जो पूरे भारत में पाया जाता है.

संस्कृत में इसको काकमाची, असमिया में पीचकटी, गुजरती में पीलूडी, बंगाली में काकमाची, गुडकमाई, तमिल में मन्टटकल्ली, तेलुगु में गजूचेट्टू, नेपाली में परे गोलभेरा, जंगली बिही, काकमाची, काली गेडी, पंजाबी में काकमाच, मराठी में कमोनी, काकमाची, मेको, मलयालम में क्रीन्टाकली कहते हैं.

इसका वानस्पतिक नाम Solanum americanum Mill है. इंग्लिश में इसको Common nightshade कहते हैं.

इसके फल छोटे छोटे होते है कुछ लोग इसे खाते भी है. इसका पूरा पौधा ले लीजिये इसको अच्छे से धुलाई कर के इसका रस निकाल लें, इस मकोय के रस को 20 ml दिन में दो बार पीना है तीन महीने तक लगातार.

3 महीने बाद सोनोग्राफी करवा के देखे किडनी के सिकुड़ने में यह बहुत ही लाभकारी है।

विशेष – मकोय की सब्जी भी बना कर खायी जाती है. इसके फल भी खाए जाते हैं. इसका अर्क भी आता है. जिस भी प्रकार से किडनी के रोगी इसका सेवन करें तो उनको लाभ होगा.

साभार : 
http://onlyayurved.com/major-disease/kidney/nephrotic-syndrome/nephrotic-syndrome-treatment-in-hindi/

Wednesday 21 September 2016

ड्रग रिएक्शन की लापरवाही : बड़े खतरे को आमंत्रण ------ संचिता शर्मा

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एलोपैथी का प्रचार और घरेलू उपचार से अनभिज्ञता ने ड्रग रिएक्शन अर्थात दवाओं के दुष्प्रभावों से अनेक नई नई बीमारियों का सृजन किया है । इस दुष्चक्र में फंस कर जनता का धन व स्वास्थ्य निरंतर गिरता जाता है। 


(1 ) यदि छींके आ रही हों, नाक से पानी बह रहा हो तब कोई भी एलोपैथी दवा न लेकर यदि 5,7,9 के विषम क्रम में काली मिर्च चबा कर गुनगुना पानी या चाय पी लें तो लाभ हो जाएगा और कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। 

(2 ) यदि कफ के कारण या पित्त प्रकोप के कारण उल्टियाँ हो रही हों तब कोई एलोपैथी दवा न लेकर 5,7,9 के विषम क्रम में लौंग के  नग (दाने ) एक ग्लास पानी में उबाल  कर रख लें और एक-एक चंच यह पानी देते रहें तो उल्टियाँ बंद हो जाएंगी और कोई रिएक्शन भी नहीं होगा। 

(3 ) यदि बदहज़मी  या खान - पान की गड़बड़ी से पेट में दर्द हो रहा हो तब कोई दर्द निवारक एलोपैथी औषद्धि लेने के बजाए थोड़ी सी हींग थोड़े से पानी में खूब गरम करके इस प्रकार नाभि में उस घोल को धीरे- धीरे डालें कि, शरीर जले नहीं और उसी घोल को नाभि के इर्द-गिर्द हल्के हाथों से मालिश कर दें पेट दर्द ठीक हो जाएगा और कोई रिएक्शन भी नहीं होगा। 

इसी प्रकार तमाम घरेलू उपचार घर की रसोई में ही उपलब्द्ध रहते हैं बस धैर्य रख कर घर में ही उपचार करने की ज़रूरत है जिससे दवाओं के साइड इफ़ेक्ट्स - दुष्परिणामों से भी बचाव होगा व शीघ्र सस्ता उपचार भी हो जाएगा। 
( विजय राजबली माथुर ) 

Tuesday 13 September 2016

Saturday 10 September 2016

तुलसी उबला दूध एक बड़ी औषद्धि

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आज हम आपको दूध और तुलसी की पत्तियों के पोषक तत्वों से मिलने वाले फायदे के बारे में बताएंगे। भारत में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं होता उस घर में भगवान भी रहना पंसद नहीं करते। यहीं नहीं बल्कि तुलसी कई समस्याओं को आसानी से दूर कर सकती है। यदि तुलसी की पत्तियों को दूध के साथ मिलाकर पिएंगे तो कई बीमारियां आपसे हमेशा दूर रहेंगी।

तुलसी की पत्तियां उबलते दूध में मिलाकर पीने से आप सेहतमंद रह सकते है। इससे आप किन बीमारियों से रहेंगे दूर यह नीचे दिया गया है।

1. सिरदर्द
अगर किसी को ज्यादातर सिरदर्द की शिकायत रहती है तो तुलसी और दूध के फेटकर हर रोज पीएं। इससे सिरदर्द से काफी राहत मिलेगी।

2. सांस सम्बंधी रोग 
जिन लोगों को सास सम्बंधी कोई बीमारी है तो वह भी इस दूध का सेवन करें। इसे पीने से आपको काफी आराम मिलेगा।

3.हृदय को रखें स्वस्थ 
अगर किसी व्यक्ति को हृदय रोग है तो एेसे लोगों को सुबह खाली पेट दूध और तुलसी का सेवन करें।

4. तनाव 
दूध और तुलसी का सेवन करने से नर्वस सिस्टम भी ठीक रहता है। इसे पीने से तनाव दूर होता है।

5. किडनी स्टोन 

अगर किसी व्यक्ति की किडनी में स्टोन है तो इस दूध का सेवन करें। इसका सेवन करने से स्टोन धीरे-धीरे गलना शुरू हो जाएगा।

साभार :
http://www.livehindustan.com/news/health-top-stories/article1-top-5-health-benefits-of-tulsi-and-milk-558680.html