डेन्गू बुखार के लिये सटीक और अचूक आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक इलाज और दवायें ; DENGUE FEVER AND ASSOCIATE COMPLAINTS WELL TREATED BY HOMOEOPATHIC AND AYURVEDIC MEDICAMENTSby prakruti |
डेन्गू
बुखार के लिये बहुत से लोगों ने फोन करके "टिप्स" और इलाज के लिये पूछा है
कि एलोपैथी के इलाज के बाद भी उन्की तकलीफ नही ठीक हुयी है और जब डेन्गू
बुखार अपना असर चरम सीमा पर हो तो लजिमी है कि उसके बचाव और इलाज के लिये
सही और सटीक और अचूक इलाज बताया जाय /
आयुर्वेद की औषधियां और इसका इलाज डेन्गू के लिये ;
१- यह खुराक एक पूर्ण वयस्क वयक्ति के लिये है / ब्च्चों के लिये आधी या चौथायी खुराक दे /
एक गोली महासुदर्शन घन वटी
एक गोली सप्त पर्ण घन वटी
एक गोली महाज्वरान्कुश रस
एक गोली आनद भैरव रस
एक गोली सप्त पर्ण घन वटी
एक गोली महाज्वरान्कुश रस
एक गोली आनद भैरव रस
इन
चार गोलियों की मिलकर एक खुराक दवा है / इसे सादे पानी से अथवा गुनगुने
पानी से अथवा चाय अथवा दूध अथवा तुलसी की चाय अथवा तुलसी -अदरख की चाय अथवा
शहद से रोग की तेजी के अनुसार दो दो घन्टे के अन्तराल से अथवा तीन या चार
घन्टे के अन्तराल से देना चाहिये / एक या दो दिन में बुखार और इसके उपद्रव
ठीक हो जाते है /
२- Homoeopathic Medicaments ;
In DENGUE FEVER Homoeopathic combination of Mother tinctures is very effective to control the Fevere abd allied syndromes
Mother Tincture Gentiana Chiraita
Mother Tincture Kalmegha
Mother tincture Azadirachta Indica
Mother tincture Ceazelpeania Bonducella
Mother tincture Tinospora cordifolia
Mother Tincture Echinesia
Mother tincture Baptisia
Mother Tincture Kalmegha
Mother tincture Azadirachta Indica
Mother tincture Ceazelpeania Bonducella
Mother tincture Tinospora cordifolia
Mother Tincture Echinesia
Mother tincture Baptisia
Mix all mother tinctures in equal quantity in a bottle,. shak well
Take one Teaspoonful of the mother tincture mixture in half cup of fresh water and give to patient
Repeat similar medicine 2 or 3 or four hourly according to the need
Dengue and its syndromes will be covered in 2 days
Doses for children reduce according to the age
Medicine should be given to children start with 5 drops to 10 drops drops can be minimised in very little baby
खान पान मे परहेज करे और केवल हल्के खान पान पर धयान दे
खान पान पर लापरवाही करने से पीलिया Jaundic और लीवर और दूसरी बीमारियां पैदा हो जाती है, इसलिये इसका विशेष ध्यान करें
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