Monday 26 August 2013

क्या आप जानते हैं?---घरेलू नुस्खे

https://www.facebook.com/HealthAdvices
से साभार घरेलू नुस्खे


प्रात: कड़वी नीम की दो-चार
पत्तियाँ चबाकर उसे थूक देने से
दांत-जीभ व मुँह एकदम साफ
रहता और निरोगी रहते हैं।


 रात को मेथी के दाने पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठकर दातुन कर वह पानी पीकर मेथी के दाने धीरे-धीरे चबा लीजिए डायबिटीज धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा।

 मधुमेह के रोगियों को घृतकुमारी के रस का सेवन करने से लाभ होता है। यह शुक्राणुओं की दुर्बलता को मिटाता है। स्त्रियों के रोगों में यह गर्भाशय में शूल, अनियमित मासिक स्त्राव और अतिस्त्राव के विकारों को दूर करता है। बंग भस्म और शिलाजीत इसके साथ मिलाकर लेने से श्वेत प्रदर में भी फायदा होता है।



* पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन 'ए' प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है।

* सेंधा नमक, जीरा और नीबू का रस मिलाकर पपीते का नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आंतों की सूजन में काफी लाभ होता है।

* बवासीर में प्रतिदिन सुबह खाली पेट पपीता खाएँ, इससे कब्ज दूर होगी। शौच साफ होगा और बवासीर से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि बवासीर का मूल कारण कब्ज ही है।

* यकृत तथा पीलिया के रोग में पपीता अत्यंत लाभकारी है।

* पका हुआ पपीता छील कर खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है। कच्चे पपीते की सब्ज़ी टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है। लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है या इसके लच्छों को कपूरकंद की तरह शकर मे पाग कर भी खाया जाता है।

* पपीते को पेट के लिए तो वरदान माना गया है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता है, मोटापे को नियंत्रित करता है और अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं तो पपीते का रस उसे भी बंद कर देगा। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बना कर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।

* हार्ट की बीमारी
पपीते में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए, सी और ई पाया जाता है. इस ऑक्सीडेंट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं जम पाता, जिससे हार्ट की बीमारी नहीं होती. इसके अलावा इसमें फाइबर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को खून में कंट्रोल कर के रखते हैं.

* कील मुंहासे
सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग होता है. पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहांसे और झांई से बचाव किया जा सकता है. इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है. इस कारण चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिए इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है.




हरी मिर्च का नाम सुनते ही कुछ लोगों को उस का तीखापन याद करके पसीने आ जाते है तो कुछ के मुंह में पानी
हरी मिर्च को यदि तरीके से खाया जाए यानी की उचित मात्र में खाया जाये तो वो औषधि का भी काम करती है आइये जानते है कैसे

गर्मी के दिनों में यदि हम खाने के साथ हरी मिर्च खाए और फिर घर से बाहरजाए तो कभी भी लू नहीं लग सकती !
खून में हेमोग्लोबिन की कमी होने पर रोजाना खाने के साथ हरी मिर्च खाए कुछ ही दिन में आराम मिल जायेगा

मिर्च में अमीनो एसिड, एस्कार्बिक एसिड, फोलिक एसिड, सिट्रीक एसिड, ग्लीसरिक एसिड, मैलिक एसिड जैसे कई तत्व होते है जो हमारे स्वास्थ के साथ – साथ शरीर की त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है

मिर्च के सेवन से भूखं कम लगती है और बार बार खाने की इच्छा नहीं होती जिससे वजन बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।

लाल मिर्च में भी औषधीय गुण होते है किन्तु हरी मिर्च सेहत के लिए अधिक लाभकारी है


Sunday 25 August 2013

सर्वे भवन्तु सुखिनःसर्वे सन्तु निरामयः ---विजय राज बली माथुर

अक्सर लोग रुग्ण होने पर चिकित्सक के पास तो चले जाते हैं और निश्चिंत हो जाते हैं। परंतु यदि चिकित्सक द्वारा दिये गए इलाज के साथ-साथ इस स्तोत्र का प्रातः आठ बार एवं सोते समय आठ बार वाचन पश्चिम दिशा की ओर मुंह कर तथा धरती से इंसुलेशन बनाते हुये बैठ कर ,कर लें तो शीघ्र स्वस्थ्य लाभ होता है। 

इसी स्तोत्र का वाचन घर से निकलने से पूर्व एक बार कर लिया जाये तो यात्रा सुखद एवं निरापद रहती है। 

फेसबुक एवं ब्लाग्स पर तमाम लोग चिकित्सा संबंधी पोस्ट्स डालते रहते हैं। इस ब्लाग में उनमे से जनहितकारी पोस्ट्स का संकलन करके दिया जाएगा उनके लेखक के संदर्भ सहित। 

सर्वप्रथम दिल सम्बन्धी इस पोस्ट को दे रहे हैं -https://www.facebook.com/




रखो दिल का खयाल
साभार|NBT|नीतू सिंह|

आजकल दिल की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। 25-30 साल की उम्र में भी दिल की धड़कनों के दगा देने के मामले सामने आ रहे हैं। परेशानी की बात यह है कि इस उम्र में ध्यान न देने से बीमारी गंभीर हो जाती है और कई बार लाइलाज स्तर पर पहुंच जाती है।ऐसे में यह जरूरी है कि आप समय-समय पर रुटीन जांच कराते रहें और कोई समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।जिससे वक्त रहते समस्या पर काबू पाया जा सके।

10 बातें जो दिल को रखेंगी स्वस्थ

1. सेहतमंद डाइट
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए अपने खानपान का खास खयाल रखें। आप क्या खा रहे हैं और कब खा रहे हैं, दोनों ही बातें महत्वपूर्ण हैं। सब्जियां, फल, साबुत अनाज और बहुत थोड़ी मात्रा में तेल, ये ऐसी चीजें हें जिन्हें रोजाना के खानपान का हिस्सा बनाने से दिल की सेहत अच्छी बनी रह सकती है।

2. वजन काबू में
मोटापा तमाम तरह की दिल की बीमारियों, ब्लडप्रेशर और डायबीटीज का खतरा बढ़ाता है इसलिए वजन को काबू में रखना बेहद जरूरी है। अलग-अलग तरह की एक्सरसाइज और खानपान का ध्यान रखकर मोटापे को काबू में रखा जा सकता है। बॉडी मास इंडेक्स 20 से 25 के बीच रखना जरूरी है।

3. योग और एक्सरसाइज
रोजाना 30 मिनट की ऐरोबिक एक्सरसाइज दिल की सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। रोजाना किया गया योग और मेडिटेशन तनाव को कम करने में सहायक है और अगर तनाव कम होगा, तो दिल का सामान्य स्वास्थ्य ठीक बना रहेगा। एक्सरसाइज, योग या मेडिटेशन सभी नहीं कर पाएं तो किसी एक का नियमित अभ्यास जरूर करें।

4. सक्रिय रहें
अगर योग और एक्सरसाइज के लिए आप नियमित रूप से वक्त नहीं निकाल पा रहे हैं तो खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें। लिफ्ट की बजाय सीढिय़ों का प्रयोग करें, गाड़ी दूर पार्क करके ऑफिस तक पैदल आएं। खुद को सक्रिय रखने के लिए ऐसे ही छोटे-छोटे कई दूसरे काम किए जा सकते हैं।

5. तनाव को बाय
तनाव तमाम बीमारियों की जड़ है। दिल की बीमारियां भी इनमें शामिल हैं। जिंदगी में कई बार ऐसे पल आते हैं, जब जबर्दस्त तनाव होता है, लेकिन इन पलों को ज्यादा लंबे समय तक न खिंचने दें। तनाव से निजात पाने के लिए दोस्तों से मिलें, सामाजिक बनें, स्थितियों को स्वीकारें, काम से छोटा ब्रेक लें।

6. स्मोकिंग और अल्कोहल छोड़ें
जरूरत से ज्यादा शराब पीने से ट्राइग्लिसरॉइड्स बढ़ सकते हैं। ट्राइग्लिसरॉइड्स खून में फैट की मात्रा होती है। ज्यादा अल्कोहल मोटापा, हार्ट फेलियर और हाई बीपी की वजह भी बन सकती है। इसी तरह धूम्रपान भी दिल के रोगों के लिए जिम्मेवार है। अल्कोहल और सिगरेट से परहेज करें और लेनी ही है तो बेहद कम मात्रा में लें।

7. अच्छी नींद लें
नींद की कमी से ब्लडप्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल पर असर पड़ता है। नींद की कमी से तनाव में भी बढ़ोतरी होती है, जो कि दिल के रोगों के होने का अपने आप में कारण है। हालांकि नींद की जरूरत हर इंसान की अलग अलग हो सकती है, फिर भी मोटे तौर पर 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है।

8. खुलकर हंसें, मस्त रहें
जो लोग खुलकर ठहाके लगाकर हंसते हैं, उन्हें दिल की बीमारियां कम होती है। ज्यादा हंसने वालों का रक्त प्रवाह अच्छा बना रहता है और आर्टरीज को कठोर होने से रोकता है। दिल का स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखने के लिए ठहाकेदार हंसी और हमेशा खुश रहना एक अचूक नुस्खा माना जाता है।

9. फैमिली हिस्ट्री का ध्यान
अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही है तो आपको ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। आप अपने जींस को तो नहीं बदल सकते, लेकिन थोड़ा अलर्ट रहकर बीमारी को टाल जरूर सकते हैं। अपने डॉक्टर को फैमिली हिस्ट्री के बारे में बताएं और उनकी सलाह के मुताबिक लाइफस्टाइल में बदलाव करें।

10. डॉक्टर के पास जाएं
कई बार लोग सीने में दर्द, चक्कर आना या ऐसी ही दूसरी स्थितियों में लोग आमतौर पर डॉक्टर के पास नहीं जाते। कई बार लंबे समय तक यह पता ही नहीं चल पाता कि उन्हें दिल की बीमारी हो रही है। ऐसे में बेहतर यह है कि ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कॉलेस्ट्रॉल लेवल पर नजर रखी जाए।