"चिकित्सा समाज सेवा है,व्यवसाय नहीं"
Saturday, 27 January 2018
Tuesday, 23 January 2018
स्तनपान ,गोंद,अदरख,नींबू- शहद और लहसुन का औषद्धीय महत्व
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- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद और स्वास्थ्य :
किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो रस/स्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कड़ा हो जाता है उसे गोंद कहते है. देसी भाषा में इसे गाद कहा जाता है. यह शीतल और पौष्टिक होता है. गोंद में उस पेड़ के औषधीय गुण भी होते हैं. गोंद का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के लिए और पावडर की बाइंडिंग के लिए किया जाता है.
कीकर या बबूल का गोंद :
- कीकर या बबूल का गोंद बहुत ही पौष्टिक होता है. यही गोंद सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है. इसी के लड्डू बनाए जाते हैं.
- नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स्फूर्तिदायक पदार्थ है. इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है. इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते हैं.
- इसी तरह पलाश के गोंद के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आंवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है. इसके सेवन से अस्थियां मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है.
ये हैं गोंद से होने वाले फायदे :
- सुबह-सुबह गोंद के एक-दो लड्डू खाकर दूध पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- गोंद या इससे बनी चीजें खाने से हृदय रोग के खतरे कम होते हैं. साथ ही मांसपेशियां मजबूज होती हैं.
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद से ये चीजें बना सकते हैं :
- गोंद को पंजीरी में मिलाकर खा सकते हैं. आटे, मखाने, सूखे मेवे और चीनी को गोंद के साथ भूनकर पंजीरी बना सकते हैं.
- नारियल के बूरे, सूखे खजूर, खसखस के दाने और बादाम को गोंद के साथ घी भूनकर लड्डू बनाए जा सकते हैं.
- आप चाहें तो गोंद की चिक्की भी सकते हैं. गोंद के लड्डू की तरह ही इसकी चिक्की भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होती है.
- गोंद भूनते/तलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह जले नहीं और अत्यधिक भूरे रंग का न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो इसका स्वाद कड़वा हो जाएगा.
https://www.pakwangali.in/cooking-tips/gond-katira-benefits-in-hindi/article/970957.html
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद और स्वास्थ्य :
किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो रस/स्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कड़ा हो जाता है उसे गोंद कहते है. देसी भाषा में इसे गाद कहा जाता है. यह शीतल और पौष्टिक होता है. गोंद में उस पेड़ के औषधीय गुण भी होते हैं. गोंद का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के लिए और पावडर की बाइंडिंग के लिए किया जाता है.
कीकर या बबूल का गोंद :
- कीकर या बबूल का गोंद बहुत ही पौष्टिक होता है. यही गोंद सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है. इसी के लड्डू बनाए जाते हैं.
- नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स्फूर्तिदायक पदार्थ है. इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है. इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते हैं.
- इसी तरह पलाश के गोंद के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आंवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है. इसके सेवन से अस्थियां मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है.
ये हैं गोंद से होने वाले फायदे :
- सुबह-सुबह गोंद के एक-दो लड्डू खाकर दूध पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- गोंद या इससे बनी चीजें खाने से हृदय रोग के खतरे कम होते हैं. साथ ही मांसपेशियां मजबूज होती हैं.
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद से ये चीजें बना सकते हैं :
- गोंद को पंजीरी में मिलाकर खा सकते हैं. आटे, मखाने, सूखे मेवे और चीनी को गोंद के साथ भूनकर पंजीरी बना सकते हैं.
- नारियल के बूरे, सूखे खजूर, खसखस के दाने और बादाम को गोंद के साथ घी भूनकर लड्डू बनाए जा सकते हैं.
- आप चाहें तो गोंद की चिक्की भी सकते हैं. गोंद के लड्डू की तरह ही इसकी चिक्की भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होती है.
- गोंद भूनते/तलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह जले नहीं और अत्यधिक भूरे रंग का न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो इसका स्वाद कड़वा हो जाएगा.
https://www.pakwangali.in/cooking-tips/gond-katira-benefits-in-hindi/article/970957.html
Thursday, 18 January 2018
Thursday, 11 January 2018
Sunday, 7 January 2018
Wednesday, 3 January 2018
Tuesday, 2 January 2018
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