"चिकित्सा समाज सेवा है,व्यवसाय नहीं"
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Wednesday, 20 May 2020
Monday, 23 April 2018
प्याज़ के औषधीय गुण ------ Kirti Kalra
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इंसानों की जिंदगी में भोजन का सेवन करना अति आवश्यक है. जिस प्रकार जीव पानी के बिना अधिक समय तक जिंदा नहीं रह सकते, उसी प्रकार बिना कुछ खाए पीए भी जीवन संभव. जब भी खाने का नाम आता है तो हमारे मुंह में अच्छे अच्छे व्यंजन और सब्जियों के ख्याली पुलाव पकने लगते हैं. गौरतलब है कि अधिकतर सब्जियों का जायका बढाने के लिए उसमे प्याज़ मिलाए जाते हैं. इसके इलावा आज की युवा पीढ़ी के फ़ास्ट फ़ूड में भी प्याज़ का तड़का लगा कर उनमे स्वाद घोला जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पुराने समय में लोग प्याज़ के साथ रोटी खाना ही सबसे उत्तम मानते थे. लेकिन बदलते समय के साथ साथ लोगों के स्वाद बदल गए लेकिन उन स्वादों में प्याज़ का तड़का आज भी शामिल है. प्याज़ ना केवल किसी सब्जी का स्वाद बढाता है बल्कि, इसमें कईं प्रकार के औषधीय गुण भी हैं जो हमारी अच्छी सेहत के लिए हमारे काम आते हैं.
प्याज में विटामिन सी, फाइबर, फॉस्फोरस ,पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए काफी जरुरी हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्याज़ से होने वाले कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़ कर आप दंग रह जाएंगे.
प्याज़ के अचूक फायदे :
रात को सोते समय प्याज को अगर मौजे में रखा जाए तो टॉक्सिक यानि विषैले पदार्थ मल-मूत्र की सहायता से शरीर से बाहर निकलने लगते हैं. इतना ही नहीं बल्कि मौजे में रखे गए कुछ टॉक्सिक अवशोषित हो जाते हैं. प्याज और पैरों के निचले हिस्से कि त्वचा के संपर्क में आने से कहीं तंत्रिका तंत्र सक्रिय हो जाते हैं. जिसके कारण हमारे शरीर के कुछ अधिक तेजी से और सही तरतीब से काम करने लगते हैं. इसके इलावा बुखार आदि जैसी बीमारियों के लिए भी प्रयास बेहद फायदेमंद सिद्ध होता है.
आयुर्वेद में प्याज को दर्द निवारक औषधि माना जाता है. इसकी तासीर बहुत ठंडी होती है और जलन से छुटकारा दिलाती है. ऐसे में अगर आपके शरीर का कोई अंग आग से प्रभावित है या किसी अंग पर जलन हो रही है तो उस जले हुए हिस्से पर प्याज लगाने से आप को ठंडक पहुंचती है.
इंसानों की जिंदगी में भोजन का सेवन करना अति आवश्यक है. जिस प्रकार जीव पानी के बिना अधिक समय तक जिंदा नहीं रह सकते, उसी प्रकार बिना कुछ खाए पीए भी जीवन संभव. जब भी खाने का नाम आता है तो हमारे मुंह में अच्छे अच्छे व्यंजन और सब्जियों के ख्याली पुलाव पकने लगते हैं. गौरतलब है कि अधिकतर सब्जियों का जायका बढाने के लिए उसमे प्याज़ मिलाए जाते हैं. इसके इलावा आज की युवा पीढ़ी के फ़ास्ट फ़ूड में भी प्याज़ का तड़का लगा कर उनमे स्वाद घोला जाता है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पुराने समय में लोग प्याज़ के साथ रोटी खाना ही सबसे उत्तम मानते थे. लेकिन बदलते समय के साथ साथ लोगों के स्वाद बदल गए लेकिन उन स्वादों में प्याज़ का तड़का आज भी शामिल है. प्याज़ ना केवल किसी सब्जी का स्वाद बढाता है बल्कि, इसमें कईं प्रकार के औषधीय गुण भी हैं जो हमारी अच्छी सेहत के लिए हमारे काम आते हैं.
प्याज में विटामिन सी, फाइबर, फॉस्फोरस ,पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए काफी जरुरी हैं. आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्याज़ से होने वाले कुछ ऐसे फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें पढ़ कर आप दंग रह जाएंगे.
प्याज़ के अचूक फायदे :
रात को सोते समय प्याज को अगर मौजे में रखा जाए तो टॉक्सिक यानि विषैले पदार्थ मल-मूत्र की सहायता से शरीर से बाहर निकलने लगते हैं. इतना ही नहीं बल्कि मौजे में रखे गए कुछ टॉक्सिक अवशोषित हो जाते हैं. प्याज और पैरों के निचले हिस्से कि त्वचा के संपर्क में आने से कहीं तंत्रिका तंत्र सक्रिय हो जाते हैं. जिसके कारण हमारे शरीर के कुछ अधिक तेजी से और सही तरतीब से काम करने लगते हैं. इसके इलावा बुखार आदि जैसी बीमारियों के लिए भी प्रयास बेहद फायदेमंद सिद्ध होता है.
आयुर्वेद में प्याज को दर्द निवारक औषधि माना जाता है. इसकी तासीर बहुत ठंडी होती है और जलन से छुटकारा दिलाती है. ऐसे में अगर आपके शरीर का कोई अंग आग से प्रभावित है या किसी अंग पर जलन हो रही है तो उस जले हुए हिस्से पर प्याज लगाने से आप को ठंडक पहुंचती है.
अगर आपका डाइजेस्टिव सिस्टम खराब है और आप को बार बार उल्टी और दस्त जैसी बीमारियां लग रहीं हैं, तो प्याज आपकी इन बीमारियों के लिए रामबाण सिद्ध हो सकता है. इसके लिए आप हफ्ते में 2 दिन प्याज के रस का सेवन करिए आपको बहुत फायदा मिलेगा.
आज के समय में युवा पीढ़ी गलत खानपान के चलते कील मुहांसों आदि जैसी परेशानियों से ग्रस्त हो जाती है. ऐसे में इन परेशानियों से निजात हासिल करने के लिए आप पानी में प्याज का रस मिलाकर उससे चेहरा धोना शुरू कर दीजिए. ऐसा करने के 1 हफ्ते में ही आपको असर दिखना शुरु हो जाएगा और आपके कील मुहासे जड़ से गायब हो जाएंगे.
कैंसर जैसी जानलेवा रोगों के लिए भी रामबाण सिद्ध हो सकता है. आपको हम बता दें कि प्याज का इस्तेमाल सिर दर्द, गर्दन और पेट के कैंसर को जड़ से मिटाने में हमारी सहायता करता है.
प्याज शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ाता है और मधुमेह जैसे रोगों का इलाज करता है.
प्याज में एंटीबायोटिक, एंटीसेप्टिक आदि जैसे कई गुण होते हैं जो हमें कई प्रकार के हानिकारक संक्रमण होने से बचाते हैं.
इन सबके अलावा यदि आपको सर्दी, खांसी, गले में खराश, एलर्जी आदि जैसे रोगों ने घेर रखा है तो प्याज के रस में शहद मिलाकर उसका सेवन करने से आप आसानी से ठीक हो सकते हैं.
प्याज़ हाथ पर रगड़ने के फायदे :
यदि आपको कोई कीड़ा काट लेता है तो प्याज आपके लिए सबसे उत्तम उपाय सिद्ध हो सकता है इसके लिए आपको एक प्याज़ लेना है और उसका आधा हिस्सा प्रभावित अंग पर रगड़ना है. ऐसा करने से एक ही हफ़्ते में आपको फ़ायदा दिखने लगेगा.
अगर आपके शरीर में किसी भी अंग पर जलन हो रही है तो आप हाथों पर प्याज रगड़ लें. ऐसा करने से आपकी जलन तुरंत ठीक हो जाएगी.
अगर आपके पैरों में छाले पड़ते हैं तो प्याज को रगड़ने से वैशाली कुछ दिनों में गायब हो जाएंगे पर आपको दर्द से राहत मिलेगी.
साभार :
Tuesday, 23 January 2018
स्तनपान ,गोंद,अदरख,नींबू- शहद और लहसुन का औषद्धीय महत्व
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- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद और स्वास्थ्य :
किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो रस/स्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कड़ा हो जाता है उसे गोंद कहते है. देसी भाषा में इसे गाद कहा जाता है. यह शीतल और पौष्टिक होता है. गोंद में उस पेड़ के औषधीय गुण भी होते हैं. गोंद का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के लिए और पावडर की बाइंडिंग के लिए किया जाता है.
कीकर या बबूल का गोंद :
- कीकर या बबूल का गोंद बहुत ही पौष्टिक होता है. यही गोंद सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है. इसी के लड्डू बनाए जाते हैं.
- नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स्फूर्तिदायक पदार्थ है. इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है. इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते हैं.
- इसी तरह पलाश के गोंद के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आंवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है. इसके सेवन से अस्थियां मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है.
ये हैं गोंद से होने वाले फायदे :
- सुबह-सुबह गोंद के एक-दो लड्डू खाकर दूध पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- गोंद या इससे बनी चीजें खाने से हृदय रोग के खतरे कम होते हैं. साथ ही मांसपेशियां मजबूज होती हैं.
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद से ये चीजें बना सकते हैं :
- गोंद को पंजीरी में मिलाकर खा सकते हैं. आटे, मखाने, सूखे मेवे और चीनी को गोंद के साथ भूनकर पंजीरी बना सकते हैं.
- नारियल के बूरे, सूखे खजूर, खसखस के दाने और बादाम को गोंद के साथ घी भूनकर लड्डू बनाए जा सकते हैं.
- आप चाहें तो गोंद की चिक्की भी सकते हैं. गोंद के लड्डू की तरह ही इसकी चिक्की भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होती है.
- गोंद भूनते/तलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह जले नहीं और अत्यधिक भूरे रंग का न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो इसका स्वाद कड़वा हो जाएगा.
https://www.pakwangali.in/cooking-tips/gond-katira-benefits-in-hindi/article/970957.html
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद और स्वास्थ्य :
किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो रस/स्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कड़ा हो जाता है उसे गोंद कहते है. देसी भाषा में इसे गाद कहा जाता है. यह शीतल और पौष्टिक होता है. गोंद में उस पेड़ के औषधीय गुण भी होते हैं. गोंद का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के लिए और पावडर की बाइंडिंग के लिए किया जाता है.
कीकर या बबूल का गोंद :
- कीकर या बबूल का गोंद बहुत ही पौष्टिक होता है. यही गोंद सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है. इसी के लड्डू बनाए जाते हैं.
- नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स्फूर्तिदायक पदार्थ है. इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है. इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते हैं.
- इसी तरह पलाश के गोंद के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं. पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आंवले के रस के साथ लेने से बल एवं वीर्य की वृद्धि होती है. इसके सेवन से अस्थियां मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है.
ये हैं गोंद से होने वाले फायदे :
- सुबह-सुबह गोंद के एक-दो लड्डू खाकर दूध पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
- गोंद या इससे बनी चीजें खाने से हृदय रोग के खतरे कम होते हैं. साथ ही मांसपेशियां मजबूज होती हैं.
- गोंद के लड्डू स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पारंपरिक तौर पर खिलाए जाते हैं. इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होती है. साथ ही लड्डू में मिले दूसरे तत्व शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं.
- गर्भवती महिलाओं के लिए गोंद अच्छा माना जाता है. यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में सहायक है.
गोंद से ये चीजें बना सकते हैं :
- गोंद को पंजीरी में मिलाकर खा सकते हैं. आटे, मखाने, सूखे मेवे और चीनी को गोंद के साथ भूनकर पंजीरी बना सकते हैं.
- नारियल के बूरे, सूखे खजूर, खसखस के दाने और बादाम को गोंद के साथ घी भूनकर लड्डू बनाए जा सकते हैं.
- आप चाहें तो गोंद की चिक्की भी सकते हैं. गोंद के लड्डू की तरह ही इसकी चिक्की भी सर्दियों में काफी फायदेमंद होती है.
- गोंद भूनते/तलते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह जले नहीं और अत्यधिक भूरे रंग का न हो जाए. अगर ऐसा हुआ तो इसका स्वाद कड़वा हो जाएगा.
https://www.pakwangali.in/cooking-tips/gond-katira-benefits-in-hindi/article/970957.html
Sunday, 23 July 2017
Friday, 16 June 2017
Tuesday, 15 December 2015
सूजी , तेजपात, बादाम ,शहद से हृदय - रक्तचाप चिकित्सा
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सूजी को रवे और सेमोलिना भी कहा जाता है। सूजी गेहूं से बनती है, ये उसी का एक प्रकार है। सूजी का इस्तेमाल हलवे, इडली, रवा डोसा और उपमा आदि के लिए किया जाता है। सूजी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि ये खाने में बहुत हल्की होती है।इसी वजह से छोटे बच्चों, ऐसे बुजुर्गों जिनके दांत नहीं होते और मरीज़ों को सूजी से बनी डिश दी जाती हैं। आइये जानते हैं सूजी के सभी फायदों के बारे में विस्तार से।
अनुवादक – Shabnam Khan
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सूजी को रवे और सेमोलिना भी कहा जाता है। सूजी गेहूं से बनती है, ये उसी का एक प्रकार है। सूजी का इस्तेमाल हलवे, इडली, रवा डोसा और उपमा आदि के लिए किया जाता है। सूजी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि ये खाने में बहुत हल्की होती है।इसी वजह से छोटे बच्चों, ऐसे बुजुर्गों जिनके दांत नहीं होते और मरीज़ों को सूजी से बनी डिश दी जाती हैं। आइये जानते हैं सूजी के सभी फायदों के बारे में विस्तार से।
एनर्जी बढ़ाए
सूजी ऐनर्जी बढ़ाने के लिए भी जानी जाती है। ये उन लोगों के लिए बहुत अच्छी है जिनका लाइफस्टाइल बहुत एक्टिव होता है। ये आपको दिन भर एक्टिव रखती है, अच्छा परफॉर्म करने में मदद करती है और आलस से भी बचाती है। अगर आप सूजी की डिश बना रहे हैं तो उसमें सब्जियां भी मिला लें ताकि उसमें बेहतर फ्लेवर आए और फाइबर की मात्रा भी बढ़ जाए।
हड्डियों और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखे
सूजी आपकी हड्डियों और नर्वस सिस्टम के लिए भी अच्छी है। ये हड्डियों का घनत्व बढ़ाकर उनको मज़बूत बनाती हैं और स्वस्थ रखती हैं। इसमें फास्फोरस, ज़िंद और मैग्नीशियम होता है जो कि नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखने के काम आता है।
दिल के लिए अच्छी
सूजी आपके लिए के लिए टॉनिक की तरह होती है। ये आपकी दिल की सेहत को बेहतर बनाती है और दिल के दौरे का जोखिम कम करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सेमोलिना यानी सूजी में सेलेनियम बहुत उच्च मात्रा में होता है जो कि इंफेक्शन को रोक कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
अनुवादक – Shabnam Khan
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Tuesday, 20 May 2014
पुदीना,शहद,बेल आदि से प्रकृतिक उपचार
उज्जैन। गर्मी में पुदीना खाने का टेस्ट बढ़ाने के लिए उपयोग
में लाया जाता है। बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ये एक बहुत अच्छी औषधि भी
है यह गर्मी झेलने की शक्ति रखता है। पुदीने को गर्मी और बरसात की संजीवनी
बूटी कहा गया है। इसकी स्वाद और सुगंध दोनों ही बहुत लाभदायक है। पुदीना
विटामिन-ए से भरपूर होता है। पुदीने की चटनी स्वादिष्ट तो होती ही है, यह
सेहत के लिए भी फायदेमंद है। पुदीने का अर्क दवा के रूप में इस्तेमाल किया
जाता है।
पुदीना कफ, गैस, उल्टी, पेट दर्द, बुखार, दस्त और मतली में बहुत फायदेमंद होता है। सिरदर्द और त्वचा रोग में लाभकारी होता है। इसीलिए पुदीने के पौधे में कैफीन नहीं होता है। जिसकी वजह से यह बहुत सारे रोगों से लड़ने में भी मदद करता है, आइए जानते हैं पुदीने की चाय पीने से होने वाले फायदों के बारे में ....
- जिन लोगों को गैस व एसिडिटी की समस्या रहती है, उन्हें खाने के बाद
एक कप पुदीना चाय पीना चाहिए। इससे पेट दर्द, गैस व एसिडिटी जैसी सभी
समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- बस, कार और ट्रेन में चक्कर और मतली कि परेशानी होती है तो इससे बचने के लिए घर से निकलने से पहले एक कप पुदीने की गर्म चाय पीना चाहिए।
- पुदीना हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाता है, यह दर्द को भी खत्म
करता है। साथ ही, पाचन क्रिया को सुधरता है और भोजन को पचाने में भी मदद
करता है।
- पुदीना पिंपल्स में बहुत लाभदायक होता है। इसमें मेंथोल होता है जो त्वचा को ठंडक देता है, इसकी शीतलता तैलीय त्वचा को सॉफ्ट बना देती है।
- स्किन पर जलन की समस्या में पुदीना चाय दवा का काम करती है। यह चकत्ते, जलन, कीड़े के काटने, खुजली और त्वचा में सूजन जैसी त्वचा समस्याओं का इलाज करने में भी सहायक है।
- पुदीने की चाय के नियमित इस्तेमाल से बाल खूबसूरत होने लगते
हैं। इसकी चाय में कुछ ऐसे भी गुण होते हैं, जिससे बाल चमकीले और घने हो
जाते हैं।
- गर्मी के मौसम में लू लगने से बचने के लिए पुदीने की चटनी को प्याज डालकर बनाएं। अगर इसका सेवन नियमित रूप से किया जाए तो लू लगने की आशंका खत्म हो जाती है।
- नमक के पानी के साथ पुदीने के रस को मिलाकर कुल्ला करें तो गले की खराश और आवाज का भारीपन दूर हो जाता है। आवाज साफ हो जाती है।
- एक गिलास पानी में 8-10 पुदीने की पत्तियां, थोड़ी-सी काली मिर्च और जरा सा काला नमक डालकर उबालें। 5-7 मिनट उबालने के बाद पानी को छानकर पिएं, खांसी, जुकाम और बुखार से राहत मिलेगी।
Sunday, 17 November 2013
हाई ब्लड प्रेशर है :साईकिल चलाएं,शहद व अमरूद खाएं ---
उपरोक्त स्तुति को सुबह आठ बार और सोते समय आठ बार पश्चिम की ओर मुंह करके जाप
करें । धरती से इंसुलेशन बनाते हुये बैठें अर्थात लकड़ी के तख्त पर या ऊनी
वस्त्र या पोलीथीन शीट बिछा कर बैठें। दिया हुआ मंत्र 9 या 18 या 27 बार
करें ;जहां-जहां ॐ आए ज़रा ज़ोर से उच्चारण करें। ॐ उच्चारण से 'नाभि'की कसरत
हो जाती है जिससे सारे नर्व्स खुल जाते हैं। यह मंत्र हाई बी पी,लो बी
पी,हार्ट समस्या,मानसिक चिंता आदि मे लाभ देता है।
ॐ भू :ॐ भुव:ॐ स्व:ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गों देवस्य धीमहि ॐ धियो यो न: प्रचोदयात॥
बायोकेमिक दवा-KALI PHOS 6 X का 4 tds सेवन करें। अथवा 10-10 मिनट के अंतर पर 4-4-4 गोली चूस लें।
निश्चय ही लाभ होगा।
शहद के गुणकारी घरेलू नुस्खे.............
*कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा
भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता
है। दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज
नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया :
__* अदरक के रस में या अडूसे के काढ़े में शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है।
* पके आम के रस में शहद मिलाकर देने से पीलिया में लाभ होता है।
* जिन बच्चों को शकर का सेवन मना है, उन्हें शकर के स्थान पर शहद दिया जा सकता है।
* उल्टी (वमन) के समय पोदीने के रस के साथ शहद का प्रयोग लाभकारी रहता है।
* शुष्क त्वचा पर शहद, दूध की क्रीम व बेसन मिलाकर उबटन करें। इससे त्वचा की शुष्कता दूर होकर लावण्यता प्राप्त होगी।
* एक गिलास दूध में बिना शकर डाले शहद घोलकर रात को पीने से दुबलापन दूर होकर शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है।
* शहद नित्य सेवन निर्बल आमाशय व आंतों को बल प्रदान करता है।
* प्याज का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर चाटने से कफ निकल जाता है
तथा आंतों में जमे विजातीय द्रव्यों को दूर कर कीड़े नष्ट करता है। इसे पानी
में घोलकर एनीमा लेने से लाभ होता है।
* हृदय की धमनी के लिए शहद
बड़ा शक्तिवर्द्धक है। सोते वक्त शहद व नींबू का रस मिलाकर एक ग्लास पानी
पीने से कमजोर हृदय में शक्ति का संचार होता है।
* पेट के छोटे-मोटे घाव और शुरुआती स्थिति का अल्सर शहद को दूध या चाय के साथ लेने से ठीक हो सकता है।
* सूखी खाँसी में शहद व नींबू का रस समान मात्रा में सेवन करने पर लाभ होता है।
* शहद से मांसपेशियां बलवती होती हैं।
* बढ़े हुए रक्तचाप में शहद का सेवन लहसुन के साथ करना लाभप्रद होता है।
* अदरक का रस और शहद समान मात्रा में लेकर चाटने से श्वास कष्ट दूर होता है और हिचकियां बंद हो जाती हैं।
* संतरों के छिलकों का चूर्ण बनाकर दो चम्मच शहद उसमें फेंटकर उबटन तैयार
कर त्वचा पर मलें। इससे त्वचा निखर जाती है और कांतिवान बनती है।
* कब्जियत में टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर सेवन करें, लाभ होगा।
अमरुद खाने के फायदे :
अमरुद में विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे त्वचा संबधित रोग नहीं होते हैं। इसमें विटामिन,फाइबर
और मिनरल प्रचुर मात्रा में होता है जो कब्ज की समस्याओं से निजात दिलाता
है| जिन व्यक्तिओं के नाक-कान से खून आता हो, उन्हें भी अमरूद का सेवन करना
चाहिए। सिर्फ यही नहीं अमरुद एसिडिटी, अस्थमा, ब्लडप्रेशर, मोटापा आदि
समस्याओं में भी फायदा पहुंचाता है।
यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम
करता है साथ ही साथ यह पित्त रोगों में भी मददगार होता है। वैसे भी अमरूद
ऐसा फल है, जो लोगों की जेब का भी हिसाब रखता है| इसलिए अगर आप भी सुंदर और
स्वस्थ बनना चाहते है तो आज से ही अमरूद का सेवन शुरू कर दें।
* अमरुद फेफड़ो को स्वस्थ रखता है|
*अमरुद खाने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है|
*ये खून के बहाव को ठीक रखता है जिससे ह्रदय स्वस्थ रहता है।
*ये दमा के रोगियों को फायदा पहुँचाता है|
* अमरुद खाने से पेट की बदहजमी की समस्या ठीक हो जाती है|ये कब्ज को भी ठीक कर देता है।
*अमरुद मोटापे को भी कम करता है|
* अमरुद में अधिक मात्रा में विटामिन c पाया जाता है जो की शरीर के
प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत बनाता है जिससे हमें सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे
बीमारियाँ नहीं होती|
* ये रक्तस्त्राव के रोग को भी ठीक कर देता है|
* इसमें केल्शियम भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो की हमारे शरीर की हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ रखता है|
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