Tuesday, 26 November 2013

मूली,गाजर,पालक और नमक से उपचार


Arun Kumar Nigam
 मूली

हरा दुपट्टा , गोरी काया
सबका दिल है इस पर आया.
ना सखि जूही, ना सखि जूली
नाम गँवइहा है मिस – मूली.

नन्हीं नटखट ,बड़ी चरपरी
लेकिन होती, बहुत गुणभरी.
है सुडौल और छरहरी काया
उसने इसका राज बताया.

मूली- नीबू रस पी जाओ
मोटापे को दूर भगाओ.
रस मिश्रण चेहरे पे लगाओ
और कांतिमय चेहरा पाओ.

मूली का रस सिर में लगाना
लीख - जुँओं से छुट्टी पाना.
जो मूली का रस पी जाता
मूत्र सम्बंधी नहीं रोग सताता.

कोई याद करे हरजाई
और तुम्हें गर हिचकी आई.
मित्र जरा भी मत घबराना
मूली के पत्तों को चबाना.

मूली के पत्ते मत फेंको
लवन विटामिन भरे अनेको
सेंधा- नमक लगाकर खायें
मुख-दुर्गंध को दूर भगायें.

मूली में प्रोटीन, कैल्शियम
गंधक ,आयोडीन, सोडियम
लौह तत्व, विटामिन बी,सी
गुण इसके कह गये मनीषी.

पतली वात,पित्त,कफ नाशक
मोटी मूली है त्रिदोष कारक.
विटामिन ‘ए’ का है खजाना
पतली- चरपरी मूली खाना.

इसे सलाद के रूप में खायें
या फिर इसकी सब्जी बनायें
मूली की भाजी है रुचिकर
मूली का रस अति श्रेयस्कर.

गरमागरम मूली के पराठे
शीत ऋतु में मन को भाते.
बहुत चमत्कारी है मूली
मत इसको कहना मामूली.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )

 
गाजर...

ठंडी का है मौसम छाया
हल्वा खाने मन ललचाया
बिट्टू लेकर गाजर आया
मम्मी से हल्वा बनवाया.

कद्दूकस में गाजर को किस
खोवा,दूध औ काजू किसमिस
पलभर में तैयार है हल्वा
बहुत खूब बिट्टू का जल्वा.

पापा जी जब हल्वा खाये
गुण गाजर के यूँ बतलाये
ए, बी, सी, डी, ई, जी और के
विटामिन ये सब गाजर के.

रक्त, नेत्र की ज्योत बढ़ाये
यह शक्ति का स्त्रोत बढ़ाये
कच्ची गाजर भी गुणकारी
दूर करे ये कई बीमारी.

पाचन तंत्र की करे सफाई
पेट के कीड़े मरते भाई
लाल और केसरिया रंग है
यह सलाद का प्रमुख अंग है.

इसमें होता बिटा कैरोटिन
कैंसर से जो बचाता हर छिन
कैल्सियम भी पाया जाता
जो हड्डी मजबूत बनाता.

दिल की धड़कन तेज हो जायें
गाजर थोड़ा भून के खायें
बवासीर, सूजन , दुर्बलता
पथरी का भी नाश ये करता.

पैक्टीन -फाइबर भी सम्मिलित
जो राखे कोलेस्ट्राल संतुलित
एंटी - आक्सीडेंट हितकारी
त्वचा सदा रहती सुकुमारी.

सर्दी आई , गाजर खाओ
खाओ और खिलाते जाओ
सेहत अपनी खूब बनाओ.
अपने मित्रों को बतलाओ.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )
 
Health Advice (स्वास्थ्य सलाह) घरेलू नुस्खे
बुखार

बदलते मौसम में बुखार की चपेट में आना एक आम बात है। कभी वायरल फीवर के नाम पर तो कभी मलेरिया जैसे नामों से यह सभी को अपनी चपेट में ले लेता है। फिर बड़ा आदमी हो या कोई बच्चा इस बीमारी की चपेट में आकर कई परेशानियों से घिर जाते हैं। कई बुखार तो ऐसे हैं जो बहुत दिनों तक आदमी को अपनी चपेट में रखकर उसे पूरी तरह से कमजोर बना देता है। पर घबराइए नहीं सभी तरह के बुखार की एक अचूक दवा है भुना नमक। इसके प्रयोग किसी भी तरह के बुखार को उतार देता है।



भुना नमक बनाने की विधि- खाने मे इस्तेमाल आने वाला सादा नमक लेकर उसे तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेकें। जब इसका कलर कॉफी जैसा काला भूरा हो जाए तो उतार कर ठण्डा करें। ठण्डा हो जाने पर एक शीशी में भरकर रखें।जब आपको ये महसूस होने लगे की आपको बुखार आ सकता है तो बुखार आने से पहले एक चाय का चम्मच एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर ले लें। जब आपका बुखार उतर जाए तो एक चम्मच नमक एक बार फिर से लें। ऐसा करने से आपको बुखार कभी पलट कर नहीं आएगा।



विशेष :-

- हाई ब्लडप्रेशर के रोगियों को यह विधि नहीं अपनानी चाहिए।


- यह प्रयोग एक दम खाली पेट करना चाहिए इसके बाद कुछ खाना नहीं चाहिए और ध्यान रखें कि इस दौरान रोगी को ठण्ड न लगे।


- अगर रोगी को प्यास ज्यादा लगे तो उसे पानी को गर्म कर उसे ठण्डा करके दें।


- इस नुस्खे को अजमाने के बाद रोगी को करीब 48 घंटे तक कुछ खाने को न दें। और उसके बाद उसे दूध चाय या हल्का दलिया बनाकर खिलाऐं।


 पालक................

हरी-हरी पालक की भाजी
हर मौसम में मिलती ताजी.
कच्ची पालक लगती खारी
नमक की मात्रा होती भारी.

इसमें नमक जरा कम डालें
कुदरती नमक का लाभ उठालें.
विटामिन ए, बी, सी वाली
चेहरे पर लाती है लाली.

लौह कैल्शियम लवण भरे हैं
गुणकारी कई तत्व खरे हैं
प्रचुर मात्रा में है पानी
भैया पालक है वरदानी.

कील मुहासों को कम करती
त्वचा कांतिमय खूब निखरती.
इसे टमाटर के संग खायें
और शरीर में रक्त बढ़ायें.

कच्ची पालक भी हितकारी
पालक का रस है गुणकारी.
इसका रस है पोषणकर्ता
संक्रामक रोगों को हरता.

बालों को झड़ने से रोके
देह में शक्ति रखे संजोके.
पेट आँत की करे सफाई
पालक का रस है सुखदाई.

पालक की सब्जी मन भाये
स्वस्थ रखे और भूख बढ़ाये.
रुचिकर और शीघ्र पाचक है.
पालक सचमुच ही पालक है.

अरुण कुमार निगम
आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )



पालक मानव के लिए बेहद उपयोगी है। पालक को आमतौर पर केवल हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए गुणकारी सब्जी माना जाता है।
बहुत कम लोग जानते हैं कि पालक में इसके अलावा और भी कई गुण है जिनसे सामान्य लोग अनजान है। तो आइए हम आपको पालक के कुछ ऐसे ही अद्भूत गुणों से अवगत करवाते हैं उसके पश्चात आप जान सकेंगे कि आप पालक क्यों खायें ?

पालक, मेथी, ऐमारैंथ, सलाद पत्ता, अजवायन, सेलरी की तरह की पत्तेदार सब्जियाँ ‘बीटा कैरोटीन' की एक अच्छी स्रोत होती हैं| इसके अलावा उनमें से कुछ कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन सी और पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। पालक में उपस्थित ‘ग्लूटाथिऑन', कैंसर से रक्षा करने वाला एक सक्रिय घटक है|
  पालक में पाये जाने वाले विभिन्न तत्व- 100 ग्राम पालक में 26 किलो कैलोरी उर्जा ,प्रोटीन 2 % ,कार्बोहाइड्रेट 2.9 %, नमी 92 % वसा 0.7 %, रेशा 0.6 % ,खनिज लवन 0.7 % और रेशा 0.6 % होता हैं। पालक में विभिन्न खनिज लवण जैसे कैल्सियम, मैग्नीशियम ,लौह, तथा विटामिन ए, बी, सी आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाते हैं।
इसके अतिरिक्त यह रेशेयुक्त, जस्तायुक्त होता है।
इन्हीं गुणों के कारण इसे जीवन रक्षक भोजन भी कहा जाता हैं।

पालक में पाये जाने वाले गुण- पालक खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है। खून की कमी से पीड़ित व्यक्तियों को पालक खाने से काफी फायदा पहुंचता है।

गर्भवती स्त्रियों में फोलिक अम्ल की कमी को दूर करने के लिए पालक का सेवन लाभदायक होता है।
पालक में पाया जाने वाला कैल्शियम बढ़ते बच्चों, बूढ़े व्यक्तियों और गर्भवती स्त्रियों व स्तनपान कराने वाली स्त्रियों के लिए वह बहुत फायदेमंद है।

इसके नियमित सेवन से याददाश्त भी मजबूत होती है। 

शरीर बनाएं मजबूत- पालक में मौजूद फ्लेवोनोइड्स एंटीआक्सीडेंट का काम करता हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने के अलावा हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है।
सलाद में इसके सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन और विटामिन सी क्षय होने से बचाता है।

ये शरीर के जोड़ों में होने वाली बीमारी जैसे आर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस की भी संभावना को घटाता है।

आंखों के लिये लाभकारी- पालक आंखो के लिए काफी अच्छी होती है। यह त्वचा को रूखे होने से बचाता है।

बाल गिरने से रोकने के लिए रोज पालक खाना चाहिए। पालक के पेस्ट को चेहरे पर लगाने से चेहरे से झाइयां दूर हो जाती है।

पालक कब न खायें? पालक वायुकारक होती है अतः वर्षा ऋतु में इसका सेवन न करें

Monday, 25 November 2013

थायराड के लिए अश्वगंधा





*****थायराइड के लिए अश्वगंधा*********
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* थायरॉयड, गर्दन में स्थित एक ग्रंथि होती हैं और वह थायरोक्सिन नाम के हार्मोन का उत्पादन करती हैं, जो शरीर की चयापचय प्रक्रिया को विनियमित करने में मदद करता है। थायरोक्सिन हार्मोन (हाइपोथायरायडिज्म) की कमी से बच्चों में बौनापन और वयस्कों में सबकटॅनेअस चरबी बढ़ जाती हैं। और अतिरिक्त (हायपरथायरोडिझम) हार्मोन गण्डमाला का कारण बनता हैं। हायपरथायरोडिझम की स्थिती 30 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं में ज्यादा आम पायी जाती हैं। इसके लक्षणों में, गुस्सा, ज्यादा चिंता, दिल के धडकन का तेज दर, गहरा या उथला श्वसन, मासिक धर्म में बाधा, थकान और उभरी हुई आँखें आदी दिखते हैं। हालांकि यह सभी लक्षण एक साथ प्रकट नहीं हो सकते है, उनमें से कोई एक हायपरथायरोडिझम का संकेत हो सकता हैं।

थायरोक्सिन की निष्क्रियता के कारण हाइपोथायरायडिज्म हो सकता हैं, आयोडीन की कमी या थायराइड विफलता के कारण थकान, सुस्ती और हार्मोनल असंतुलन होता है। अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाये, तो यह मायक्झोएडेमा का कारण बन सकती हैं, जिसमें त्वचा और ऊतकों में सूजन होती हैं।

आयुर्वेदिक उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली अश्वगंधा, जड़ी बूटी इस रोग के दोनों रुपों, हायपर और हायपो के लिए जवाब साबित हो सकती हैं। यह भारत, अफ्रीका और भूमध्य सागर के सुखे क्षेत्रों में बढ़ती हैं। और इसका लैटिन नाम विथानिआ सोमनिफेरा हैं।

नीचे चार कारण दिये गये हैं, जिस के कारण इसका इस्तेमाल थाइरोइड के लिए किया जा सकता हैं।

1.यह आपके शरीर के साथ काम करती हैं, उसके खिलाफ नहीं।
2.यह एक एडाप्टोजेन हैं, एक हर्बल उत्पाद, जो शरीर की तनाव, आघात, चिंता और थकान के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं। एडाप्टोजेन एक पुनः निर्माण करने वाली जड़ी बूटी हैं, आयुर्वेदिक संदर्भ में 'रसायना' और बलवर्धक हैं। यह पुष्टिकारक औषधी (टॉनिक) जड़ी बूटी भी हैं और नियमित रूप से ली जा सकती हैं। और वह अंतःस्त्रावी प्रणाली (हार्मोन) को ठीक भी करती हैं, जिससे व्यक्ति को हार्मोनल संतुलन की पुनःप्राप्ती होने में मदद मिलती हैं, और बेहतर महसूस होता हैं।
3.अश्वगंधा का उपयोग कर रहे व्यक्तियों के उपाख्यानात्मक सबूत और वास्तविक अनुभव यह दर्शाते हैं, कि एडाप्टोजेन सभी प्रकार के लोगों पर, इतना ही नही विशेष बीमारी के चरम से पीड़ित लोगों पर भी कारगर हैं। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति इसे एक मंद थाइरोइड को सही करने के लिए ले सकता है, जबकि दुसरा अन्य इसका उपयोग अपने अति सक्रिय थाइरोईड के इलाज के लिए ले सकता हैं।
4.वैज्ञानिकों को इन निरिक्षणों ने चौका दिया हैं, क्योंकि इसका शरीर पर एक समग्र प्रभाव हैं। अलग और तटस्थ वैज्ञानिक दृष्टिकोण को, इस बड़ी पहेली को हल करना मुश्किल लगता हैं

यह जड़ी बूटी एक टॉनिक के रूप में हजारों वर्षों से इस्तेमाल की जा रही हैं, इसलिए इसको एक व्यक्ती दीर्घ अवधि के लिए, किसी दुष्प्रभाव की संभावना के बिना उपयोग कर सकता हैं।

प्रति दिन 200 से 1200 मिलीग्राम की छोटीसी खुराक आपको लेनी चाहिए। यदि गंध अनचाही हैं, तो यह एक चाय के साथ मिलाकर जिसे उत्तेजक गर्म पेय बनाने के लिए तुलसी मिलायी जा सकती हैं या सूथी(ताजे फलो के रस के साथ आईसक्रिम, दही या दुध मिलाकर बनाया एक गाढा मुलायम पेय) में लिया जा सकता हैं।

उपचार प्रभावी हो रहा हैं, यह निर्धारित करने के लिए अपने थायराइड हार्मोन की जाँच करना और 2 से 3 महीने की अवधि के बाद एक सकारात्मक बदलाव के लिए उनकी फिर से जाँच कराना एक सर्वोत्तम तरीका हैं।

किसी भी मामले में, अगर आप अश्वगंधा का उपयोग शुरू करना चाहते हैं, तो अपने परिवार के चिकित्सक के साथ पहले इसके बारे में चर्चा करना एक अच्छा विचार हैं।

Sunday, 24 November 2013

गुलाब और हरी मिर्च.......

गुलाब के नाम पर न जाने कितनी कविताएं पढ़ी होंगी आपने। गुलाब के रंग-बिरंगे फूल सिर्फ ड्रॉइंगरूम में फूलदान पर ही अच्छे नहीं लगते, बल्कि इसकी पंखुड़ियां भी बड़े काम की हैं। गुलाब जल का इस्तेमाल फेस मास्क में भी होता है और यह खाने को भी लज्जतदार बनाता है। गुलाब विटामिन ए, बी 3, सी, डी और ई से भरपूर है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, जिंक और आयरन की भी मात्र काफी होती है।

* गुलाब को यों ही फूलों का फूल नहीं कहा जाता। दिखने में यह फूल बेहद खूबसूरत है और इसकी हर पंखुड़ी में समाए हैं अनगिनत गुण। त्वचा को सुंदर बनाने से लेकर शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने में गुलाब कितने काम आता है ।
* सुबह-सबेरे अगर खाली पेट गुलाबी गुलाब की दो कच्ची पंखुड़ियां खा ली जाएं, तो दिन भर ताजगी बनी रहती है। वह इसलिए क्योंकि गुलाब बेहद अच्छा ब्लड प्यूरिफायर है।
* अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रोंकाइटिस, डायरिया, कफ, फीवर, हाजमे की गड़बड़ी में गुलाब का सेवन बेहद उपयोगी होता है।
* गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल चाय बनाने में भी होता है। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त टॉक्सिन निकल जाता है। पंखुड़ियों को उबाल कर इसका पानी ठंडा कर पीने पर तनाव से राहत मिलती है और मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है।
* एक शीशी में ग्लिसरीन, नीबू का रस और गुलाब जल को बराबर मात्रा में मिलाकर घोल बना लें। दो बूंद चेहरे पर मलें। त्वचा में नमी और चमक बनी रहेगी और त्वचा मखमली-मुलायम बन जाएगी।
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हरी मिर्च.......


हरी मिर्च की छबि निराली

बड़ी चुलबुली नखरे वाली.

चिकनी हरी छरहरी काया

रूप देख कर मन ललचाया.




ज्योंहि मुँह से इसे लगाया

सी सी सी सी कह चिल्लाया.

पानी पीकर शक्कर खाई

तब जाकर राहत मिल पाई.




मिर्ची बिन सब्जी तरकारी

स्वादहीन हो जाए बेचारी.

चटनी चाट कचौड़ी फीकी

जबतक मिर्ची ना हो तीखी.




तरुणाई तक हरा रंग है

ढली उमरिया लाल बम्ब है.

शिमला मिर्च है गूदे वाली

मिर्च गोल भी होती काली.




हरी मिर्च दिखलाती शोखी

लाल मिर्च लगती है चोखी

शिमला मिर्च बदन से मोटी

काली मिर्च औषधि अनोखी.




भिन्न-भिन्न है इसकी किस्में

विटामिन - सी होता इसमें.

इसके गुण का ज्ञान है जिसमें

विष हरने के करे करिश्में.




सब्जी में यह डाली जाए

कोई इसको तल कर खाए

जब अचार के रूप में आए

देख इसे मुँह पानी आए.




हरी मिर्च की चटनी बढ़िया

गर्म-गर्म हो मिर्ची भजिया

फिर कैसे ना मनवा डोले

फूँक के खाए हौले-हौले.




खाने में तो काम है आती

कभी मुहावरा भी बन जाती.

मिर्च देख कर प्रीत जगी है

काहे तुझको मिर्च लगी है.




फिल्मी गीतों में भी आई

छोटी सी छोकरी नाम लाल बाई

इच्च्क दाना बिच्चक दाना

याद आया वो गीत पुराना ?




नीबू के संग कैसा चक्कर

जादू – टोना, जंतर – मंतर

धूनी में जब डाली जाए

बड़े-बड़े यह भूत भगाए.




मिर्च बड़ी ही गुणकारी है

तीखी है लेकिन प्यारी है

लेकिन ज्यादा कभी न खाना

कह गए ताऊ , दादा , नाना.




अति सदा होता दु:खदाई

सेवन कम ही करना भाई.

रखिए बस व्यवहार संतुलित

मन को कर देगी ये प्रमुदित.




अरुण कुमार निगम

आदित्य नगर , दुर्ग ( छत्तीसगढ़ )

Sunday, 17 November 2013

हाई ब्लड प्रेशर है :साईकिल चलाएं,शहद व अमरूद खाएं ---

  
उपरोक्त स्तुति को सुबह आठ बार और सोते समय आठ बार पश्चिम की ओर मुंह करके जाप करें । धरती से इंसुलेशन बनाते हुये बैठें अर्थात लकड़ी के तख्त पर या ऊनी वस्त्र या पोलीथीन शीट बिछा कर बैठें। दिया हुआ मंत्र 9 या 18 या 27 बार करें ;जहां-जहां ॐ आए ज़रा ज़ोर से उच्चारण करें। ॐ उच्चारण से 'नाभि'की कसरत हो जाती है जिससे सारे नर्व्स खुल जाते हैं। यह मंत्र हाई बी पी,लो बी पी,हार्ट समस्या,मानसिक चिंता आदि मे लाभ देता है।
ॐ भू :ॐ भुव:ॐ स्व:ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गों देवस्य धीमहि ॐ धियो यो न: प्रचोदयात॥

बायोकेमिक दवा-KALI PHOS 6 X  का 4 tds सेवन करें। अथवा 10-10 मिनट के अंतर पर 4-4-4 गोली चूस लें।
निश्चय ही लाभ होगा।
 
शहद के गुणकारी घरेलू नुस्खे.............
*कई बार हम साधारण सी बीमारी में भी घबरा जाते हैं लेकिन अगर हमें थोड़ा भी घरेलू नुस्खों के बारे में पता हो तो आसानी से तुरंत इलाज किया जा सकता है। दादी-नानी के खजाने से हम लेकर आए हैं ऐसे ही कुछ खास लाजवाब सरल-सहज नुस्खे, जिन्हें अपना कर आप भी पा सकते हैं निरोगी काया :

__* अदरक के रस में या अडूसे के काढ़े में शहद मिलाकर देने से खांसी में आराम मिलता है।

* पके आम के रस में शहद मिलाकर देने से पीलिया में लाभ होता है।

* जिन बच्चों को शकर का सेवन मना है, उन्हें शकर के स्थान पर शहद दिया जा सकता है।

* उल्टी (वमन) के समय पोदीने के रस के साथ शहद का प्रयोग लाभकारी रहता है।

* शुष्क त्वचा पर शहद, दूध की क्रीम व बेसन मिलाकर उबटन करें। इससे त्वचा की शुष्कता दूर होकर लावण्यता प्राप्त होगी।

* एक गिलास दूध में बिना शकर डाले शहद घोलकर रात को पीने से दुबलापन दूर होकर शरीर सुडौल, पुष्ट व बलशाली बनता है।

* शहद नित्य सेवन निर्बल आमाशय व आंतों को बल प्रदान करता है।

* प्याज का रस और शहद समान मात्रा में मिलाकर चाटने से कफ निकल जाता है तथा आंतों में जमे विजातीय द्रव्यों को दूर कर कीड़े नष्ट करता है। इसे पानी में घोलकर एनीमा लेने से लाभ होता है।

* हृदय की धमनी के लिए शहद बड़ा शक्तिवर्द्धक है। सोते वक्त शहद व नींबू का रस मिलाकर एक ग्लास पानी पीने से कमजोर हृदय में शक्ति का संचार होता है।

* पेट के छोटे-मोटे घाव और शुरुआती स्थिति का अल्सर शहद को दूध या चाय के साथ लेने से ठीक हो सकता है।

* सूखी खाँसी में शहद व नींबू का रस समान मात्रा में सेवन करने पर लाभ होता है।

* शहद से मांसपेशियां बलवती होती हैं।

* बढ़े हुए रक्तचाप में शहद का सेवन लहसुन के साथ करना लाभप्रद होता है।

* अदरक का रस और शहद समान मात्रा में लेकर चाटने से श्वास कष्ट दूर होता है और हिचकियां बंद हो जाती हैं।

* संतरों के छिलकों का चूर्ण बनाकर दो चम्मच शहद उसमें फेंटकर उबटन तैयार कर त्वचा पर मलें। इससे त्वचा निखर जाती है और कांतिवान बनती है।

* कब्जियत में टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर सेवन करें, लाभ होगा।
 
अमरुद खाने के फायदे :
अमरुद में विटामिन सी की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे त्वचा संबधित रोग नहीं होते हैं। इसमें विटामिन,फाइबर और मिनरल प्रचुर मात्रा में होता है जो कब्ज की समस्याओं से निजात दिलाता है| जिन व्यक्तिओं के नाक-कान से खून आता हो, उन्हें भी अमरूद का सेवन करना चाहिए। सिर्फ यही नहीं अमरुद एसिडिटी, अस्थमा, ब्लडप्रेशर, मोटापा आदि समस्याओं में भी फायदा पहुंचाता है।

यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करता है साथ ही साथ यह पित्त रोगों में भी मददगार होता है। वैसे भी अमरूद ऐसा फल है, जो लोगों की जेब का भी हिसाब रखता है| इसलिए अगर आप भी सुंदर और स्वस्थ बनना चाहते है तो आज से ही अमरूद का सेवन शुरू कर दें।



* अमरुद फेफड़ो को स्वस्थ रखता है|
*अमरुद खाने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है|

*ये खून के बहाव को ठीक रखता है जिससे ह्रदय स्वस्थ रहता है।
*ये दमा के रोगियों को फायदा पहुँचाता है|
* अमरुद खाने से पेट की बदहजमी की समस्या ठीक हो जाती है|ये कब्ज को भी ठीक कर देता है।
*अमरुद मोटापे को भी कम करता है|
* अमरुद में अधिक मात्रा में विटामिन c पाया जाता है जो की शरीर के प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत बनाता है जिससे हमें सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे बीमारियाँ नहीं होती|
* ये रक्तस्त्राव के रोग को भी ठीक कर देता है|
* इसमें केल्शियम भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो की हमारे शरीर की हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ रखता है|

Friday, 8 November 2013

Kidney Cleanser Foods...

आजकल मेरी श्रीमतीजी के एक चाचा SPGI में किडनी की खराबी की वजह से ही इलाज कराने पटना से आए हुये हैं। उनकी तकलीफ देख कर वेदना हुई परंतु वे लोग एलोपेथी पर अंध-भक्ति के कारण इन प्राकृतिक उपचारों पर ध्यान नहीं देते हैं और न ही वास्तु दोषों (जो नौ वर्ष पूर्व अवगत करा दिये थे)का ही निवारण करा सके हैं। वे लोग चुटियाधारी,रामनामी गमछा ओढ़े पोंगा-पंडितों के चक्र में रहे हैं जिस कारण आज इतनी तकलीफ उठा रहे हैं। यदि और लोग सबक सीख कर इस पोस्ट का लाभ उठा सकें तो उत्तम है।


Kidney Cleanser Foods...

Cabbage, cauliflower, and other cruciferous vegetables are rich in phytochemicals. These natural components help protect against tissue injury and reduce the risk for developing cancer by neutralizing harmful free radicals and other toxic chemicals.

Red bell peppers
contain vitamins A, B, C, fibers, and lycopene (a powerful antioxidant). Together these components help protect the kidneys against damage and aid in tissue repair.

Garlic and onions
are potent antimicrobials. They help protect the kidneys against viral, bacterial, and fungal infections. They also have anti-inflammatory properties that aid in keeping the structural integrity of the renal tissues.

Grapes contain several flavonoids. These are natural components that not only give grapes their reddish/purplish color but also give a lot of health benefits. They reduce inflammation, counter oxidation and tissue damage, and help protect against certain types of cancer.

Egg whites provide the highest quality animal protein and contain all the essential amino acids. The advantage of getting proteins from egg white is its low phosphorus content. Proteins from meat usually have higher levels of phosphorus. Egg whites decrease the kidneys’ burden of eliminating excess phosphorus accumulated from processed foods and beverages.

Olives and virgin olive oil are rich in linoleic acid and other antioxidants that prevent inflammation and tissue damage.