"चिकित्सा समाज सेवा है,व्यवसाय नहीं"
Thursday, 23 May 2019
Tuesday, 21 May 2019
Thursday, 16 May 2019
कचनार का फूल स्तनों की गांठ व बवासीर को जड़ से खत्म करता है
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प्रकृति के पास औषधि का खजाना है जो युगों-युगों से जीवों के काम आते रहे हैं। इन्हीं में से एक कचनार का पेड़ भी है जो कई रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है। इस पेड़ की पत्तियां, तना व फूल आदि सभी उपयोगी हैं। कचनार की गणना सुंदर व उपयोगी वृक्षों में होती है। इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से गुलाबी कचनार का सबसे ज्यादा महत्व है। कचनार के फूल, कलियां और वृक्ष की छाल को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह शरीर के किसी भी भाग में ग्रंथि (गांठ) को गलाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा रक्त विकार व त्वचा रोग जैसे- दाद, खाज-खुजली, एक्जीमा, फोड़े-फुंसी आदि के लिए भी कचनार की छाल का उपयोग किया जाता है। यह वात रोगों के लिए भी बहुत लाभकारी है।
बवासीर :
कचनार की एक चम्मच छाल को एक कप छांछ के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से बवासीर में खून गिरना बंद होता है। कचनार की कलियों के पाउडर को मक्खन और शक्कर मिलकर 11 दिन खाएं। आंतों में कीड़े हों तो कचनार की छाल का काढ़ा पिएं।
सूजन :
कचनार की जड़ को पानी में घिसकर लेप बना लें और इसे गर्म कर लें। इसके गर्म-गर्म लेप को सूजन पर लगाने से आराम मिलता है।
स्तनों की गांठ :
कचनार की छाल को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण लगभग आधे ग्राम की मात्रा में सौंठ और चावल के पानी (धोवन) के साथ मिलाकर पीने और स्तनों पर लेप करने से गांठ ठीक होती है।
मुंह में छाले :
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा-सा कत्था मिलाकर छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
खांसी और दमा :
शहद के साथ कचनार की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से खांसी और दमा में आराम मिलता है।
दांतों के रोग :
कचनार की छाल को पानी में उबाल लें और उस उबले पानी को छानकर एक शीशी में बंद करके रख लें। यह पानी 50-50 मिलीलीटर की मात्रा में गर्म करके रोजाना 3 बार कुल्ला करें। इससे दांतों का हिलना, दर्द, खून निकलना, मसूढों की सूजन और पायरिया खत्म हो जाता है।
कब्ज :
कचनार के फूलों को चीनी के साथ घोटकर शर्बत की तरह बनाकर सुबह-शाम पीने से कब्ज दूर होती है और मल साफ होता है। कचनार के फूलों का गुलकन्द रात में सोने से पहले 2 चम्मच की मात्रा में कुछ दिनों तक सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
कुबड़ापन :
अगर कुबड़ापन का रोग बच्चों में हो तो उसके पीठ के नीचे कचनार का फूल बिछाकर सुलाने से कुबड़ापन दूर होता है। लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग कचनार और गुग्गुल को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से कुबड़ापन दूर होता है। कुबड़ापन के दूर करने के लिए कचनार का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए।
घाव :
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से घाव ठीक होता है। इसके काढ़े से घाव को धोना भी चाहिए।
https://www.onlymyhealth.com/kachnar-bauhinia-variegata-benefits-in-medicinal-uses-in-hindi-1517559119?utm_source=izooto&utm_medium=push_notifications&utm_campaign=&utm_content=&utm_term=
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प्रकृति के पास औषधि का खजाना है जो युगों-युगों से जीवों के काम आते रहे हैं। इन्हीं में से एक कचनार का पेड़ भी है जो कई रोगों को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है। इस पेड़ की पत्तियां, तना व फूल आदि सभी उपयोगी हैं। कचनार की गणना सुंदर व उपयोगी वृक्षों में होती है। इसकी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से गुलाबी कचनार का सबसे ज्यादा महत्व है। कचनार के फूल, कलियां और वृक्ष की छाल को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह शरीर के किसी भी भाग में ग्रंथि (गांठ) को गलाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा रक्त विकार व त्वचा रोग जैसे- दाद, खाज-खुजली, एक्जीमा, फोड़े-फुंसी आदि के लिए भी कचनार की छाल का उपयोग किया जाता है। यह वात रोगों के लिए भी बहुत लाभकारी है।
बवासीर :
कचनार की एक चम्मच छाल को एक कप छांछ के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से बवासीर में खून गिरना बंद होता है। कचनार की कलियों के पाउडर को मक्खन और शक्कर मिलकर 11 दिन खाएं। आंतों में कीड़े हों तो कचनार की छाल का काढ़ा पिएं।
सूजन :
कचनार की जड़ को पानी में घिसकर लेप बना लें और इसे गर्म कर लें। इसके गर्म-गर्म लेप को सूजन पर लगाने से आराम मिलता है।
स्तनों की गांठ :
कचनार की छाल को पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण लगभग आधे ग्राम की मात्रा में सौंठ और चावल के पानी (धोवन) के साथ मिलाकर पीने और स्तनों पर लेप करने से गांठ ठीक होती है।
मुंह में छाले :
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा-सा कत्था मिलाकर छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
खांसी और दमा :
शहद के साथ कचनार की छाल का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करने से खांसी और दमा में आराम मिलता है।
दांतों के रोग :
कचनार की छाल को पानी में उबाल लें और उस उबले पानी को छानकर एक शीशी में बंद करके रख लें। यह पानी 50-50 मिलीलीटर की मात्रा में गर्म करके रोजाना 3 बार कुल्ला करें। इससे दांतों का हिलना, दर्द, खून निकलना, मसूढों की सूजन और पायरिया खत्म हो जाता है।
कब्ज :
कचनार के फूलों को चीनी के साथ घोटकर शर्बत की तरह बनाकर सुबह-शाम पीने से कब्ज दूर होती है और मल साफ होता है। कचनार के फूलों का गुलकन्द रात में सोने से पहले 2 चम्मच की मात्रा में कुछ दिनों तक सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
कुबड़ापन :
अगर कुबड़ापन का रोग बच्चों में हो तो उसके पीठ के नीचे कचनार का फूल बिछाकर सुलाने से कुबड़ापन दूर होता है। लगभग 1 ग्राम का चौथाई भाग कचनार और गुग्गुल को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से कुबड़ापन दूर होता है। कुबड़ापन के दूर करने के लिए कचनार का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए।
घाव :
कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से घाव ठीक होता है। इसके काढ़े से घाव को धोना भी चाहिए।
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Wednesday, 8 May 2019
Monday, 6 May 2019
आइरन आदि तथा सर्दी व गर्मी के मौसम में क्या सेवन करें ?
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सर्दियों के मौसम में फ्रूट व सब्जी मार्केट में गाजर की उपलब्धता बहुतायत में रहती है, लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गाजर काफी फायदेमंद होता है. अगर आप इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो कई लाभ होंगे. तो आइये हम आपको बताते है गाजर से होने वाले फायदों के बारे में।
गाजर में पौष्टिक तत्वों की बहुतायत होती है, जो सेहत को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होते हैं। इसमें बीटा कैरोटिन, विटामिन ए, विटामिन सी, खनिज लवण, विटामिन बी 1 के साथ-साथ एंटी ऑक्सिडेंट की बहुतायत होती है। गाजर का इस्तेमाल केवल भोजन में ही नहीं होता, बल्कि इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है।
गाजर के फायदे
आंखों के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है, यह हम सब जानते हैं। गाजर में बीटा कैरोटिन की बहुतायत होती है, जो खाने के बाद पेट में जाकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। इसलिए गाजर का किसी भी रूप में नियमित तौर पर सेवन करने से आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है।
एक मात्र गाजर ही ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें फाल्केरिनोल नामक प्राकृतिक कीटनाशक पाया जाता है। विभिन्न सर्वेक्षणों में यह पाया गया है कि गाजर का सेवन करने से किसी भी कैंसर का खतरा एक तिहाई तक कम होता है। गाजर को अपने आहार का हिस्सा बनाने से फेफड़े, ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर का खतरा कम होता है।
गाजर एंटी एजिंग एजेंट की तरह कार्य करता है। इसमें भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन, एंटी ऑक्सिडेंट हमारे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करता है, इससे कोशिकाओं की उम्र देरी से घटती है और शरीर पर झुर्रियां नहीं पड़तीं।
गाजर में मौजूद औषधीय गुण किसी भी किस्म के संक्रमण की आशंका को कम करते हैं। आप चाहें इसका जूस पिएं या इसे उबालकर खाएं, यह फायदेमंद है।
गाजर में विटामिन सी और एंटी ऑक्सिडेंट की बहुतायत होती है, इसका इस्तेमाल करने से त्वचा को सूर्य की तेज रोशनी से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकता है। नियमित तौर पर गाजर को अपने आहार में शामिल करने से साफ सुथरी निखरी हुई त्वचा के मालिक बन सकते हैं।
गाजर के जूस में काला नमक, धनिया की पत्ती, भुना हुआ जीरा, काली मिर्च और नीबू का रस मिलाकर नियमित तौर पर पीने से पाचन संबंधी गड़बड़ी से तुरंत छुटकारा मिलता है
गाजर का नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियंत्रित रहता है, क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर शरीर में मौजूद पित्त के प्रभाव को कम करते हैं।
विटामिन ए शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार साबित होता है। गाजर में मौजूद फाइबर कोलोन की सफाई करके कोलोन कैंसर की आशंका को काफी हद तक कम करते हैं।
गाजर के इस्तेमाल से दांतों की सेहत भी दुरुस्त रहती है। यह दांतों की सफाई करने के साथ साथ सांसों को स्वच्छ रखता है और मसूड़ों को मजबूत करता है।
अगर त्वचा कहीं जल गई हैतो प्रभावित हिस्से पर बार-बार गाजर का रस लगाने से आराम मिलता है। खुजली की समस्या से परेशान हैं तो गाजर को कद्दूकस करके उसमें नमक मिलाकर खाने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिलेगी।
https://news4social.com/benefits-of-eating-carrots-in-the-winter/
सर्दियों के मौसम में फ्रूट व सब्जी मार्केट में गाजर की उपलब्धता बहुतायत में रहती है, लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गाजर काफी फायदेमंद होता है. अगर आप इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो कई लाभ होंगे. तो आइये हम आपको बताते है गाजर से होने वाले फायदों के बारे में।
गाजर में पौष्टिक तत्वों की बहुतायत होती है, जो सेहत को दुरुस्त रखने में मददगार साबित होते हैं। इसमें बीटा कैरोटिन, विटामिन ए, विटामिन सी, खनिज लवण, विटामिन बी 1 के साथ-साथ एंटी ऑक्सिडेंट की बहुतायत होती है। गाजर का इस्तेमाल केवल भोजन में ही नहीं होता, बल्कि इसका इस्तेमाल बहुत सारी दवाओं के निर्माण में भी किया जाता है।
गाजर के फायदे
आंखों के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी है, यह हम सब जानते हैं। गाजर में बीटा कैरोटिन की बहुतायत होती है, जो खाने के बाद पेट में जाकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। इसलिए गाजर का किसी भी रूप में नियमित तौर पर सेवन करने से आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है।
एक मात्र गाजर ही ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें फाल्केरिनोल नामक प्राकृतिक कीटनाशक पाया जाता है। विभिन्न सर्वेक्षणों में यह पाया गया है कि गाजर का सेवन करने से किसी भी कैंसर का खतरा एक तिहाई तक कम होता है। गाजर को अपने आहार का हिस्सा बनाने से फेफड़े, ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर का खतरा कम होता है।
गाजर एंटी एजिंग एजेंट की तरह कार्य करता है। इसमें भरपूर मात्रा में पाया जाने वाला बीटा कैरोटिन, एंटी ऑक्सिडेंट हमारे शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करता है, इससे कोशिकाओं की उम्र देरी से घटती है और शरीर पर झुर्रियां नहीं पड़तीं।
गाजर में मौजूद औषधीय गुण किसी भी किस्म के संक्रमण की आशंका को कम करते हैं। आप चाहें इसका जूस पिएं या इसे उबालकर खाएं, यह फायदेमंद है।
गाजर में विटामिन सी और एंटी ऑक्सिडेंट की बहुतायत होती है, इसका इस्तेमाल करने से त्वचा को सूर्य की तेज रोशनी से होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सकता है। नियमित तौर पर गाजर को अपने आहार में शामिल करने से साफ सुथरी निखरी हुई त्वचा के मालिक बन सकते हैं।
गाजर के जूस में काला नमक, धनिया की पत्ती, भुना हुआ जीरा, काली मिर्च और नीबू का रस मिलाकर नियमित तौर पर पीने से पाचन संबंधी गड़बड़ी से तुरंत छुटकारा मिलता है
गाजर का नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियंत्रित रहता है, क्योंकि इसमें मौजूद फाइबर शरीर में मौजूद पित्त के प्रभाव को कम करते हैं।
विटामिन ए शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार साबित होता है। गाजर में मौजूद फाइबर कोलोन की सफाई करके कोलोन कैंसर की आशंका को काफी हद तक कम करते हैं।
गाजर के इस्तेमाल से दांतों की सेहत भी दुरुस्त रहती है। यह दांतों की सफाई करने के साथ साथ सांसों को स्वच्छ रखता है और मसूड़ों को मजबूत करता है।
अगर त्वचा कहीं जल गई हैतो प्रभावित हिस्से पर बार-बार गाजर का रस लगाने से आराम मिलता है। खुजली की समस्या से परेशान हैं तो गाजर को कद्दूकस करके उसमें नमक मिलाकर खाने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिलेगी।
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