Health Advice (स्वास्थ्य सलाह) घरेलू नुस्खे added a photo from August 26, 2013 to their timeline.
*****पान के औषधीय गुण
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भारतीय संस्कृति में पान को हर तरह से शुभ माना जाता है।
*****************इसके अलावा पान का रोगों को दूर भगाने
में भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुंह का
जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में
पान का इस्तेमाल लाभप्रद माना जाता है
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* पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की
शिकायत दूर हो जाती है। इसके इस्तेमाल में एक सावधानी रखना जरूरी होती है
कि पान की पीक पेट में न जाने पाए।
* चोट लगने पर पान को गर्म
करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे कुछ ही घंटों में
दर्द दूर हो जाता है। खांसी आती हो तो गर्म हल्दी को पान में लपेटकर
चबाएं।
* यदि खांसी रात में बढ़ जाती हो तो हल्दी की जगह इसमें
अजवाइन डालकर चबाना चाहिए। यदि किडनी खराब हो तो पान का इस्तेमाल बगैर कुछ
मिलाए करना चाहिए। इस दौरान मसाले, मिर्च एवं शराब (मांस एवं अंडा भी) से
पूरा परहेज रखना जरूरी है।
* जलने या छाले पड़ने पर पान के रस को
गर्म करके लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। पीलिया ज्वर और कब्ज में भी पान
का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जुकाम होने पर पान में लौंग डालकर खाने
से जुकाम जल्दी पक जाता है। श्वास नली की बीमारियों में भी पान का
इस्तेमाल अत्यंत कारगर है। इसमें पान का तेल गर्म करके सीने पर लगातार एक
हफ्ते तक लगाना चाहिए।
* पान में पकी सुपारी व मुलेठी डालकर खाने
से मन पर अच्छा असर पड़ता है। यूं तो हमारे देश में कई तरह के पान मिलते
हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा
कारगर सिद्ध होते हैं। भूख बढ़ाने, प्यास बुझाने और मसूड़ों की समस्या से
निजात पाने में बनारसी एवं देशी पान फायदेमंद साबित होता है।
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चेतावनी :पान का अत्यधिक प्रयोग मुंह के कैंसर का कारण भी हो सकता है। यहां सिर्फ पान के औषधीय महत्व की जानकारी दी गई है।
-
गहरी नींद के आसान उपाय........
* रात्रि भोजन करने के बाद पन्द्रह से बीस मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने
के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लेनी चाहिए। इससे अच्छी नींद के अलावा
पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
* अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ
रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर
अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में
शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
* अनिद्रा के
रोगी को अपने हाथ-पैर मुँह स्वच्छ जल से धोकर बिस्तर पर जाना जाहिए। इससे
नींद आने में कठिनाई नहीं होगी। एक खास बात यह कि बाजार में मिलने वाले
सुगंधित तेलों का प्रयोग नींद लाने के लिए नहीं करें, नहीं तो यह आपकी आदत
में शामिल हो जाएगा।
* सोते समय दिनभर
का घटनाक्रम भूल जाएँ। अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में भी कुछ न सोचें।
सारी बातें सुबह तक के लिए छोड़ दें। दिनचर्या के बारे में सोचने से
मस्तिष्क में तनाव भर जाता है, जिस कारण नींद नहीं आती।
* अपना पलंग
मन-मुताबिक ही चुनें और जिस मुद्रा में आपको सोने में आराम महसूस होता हो,
उसी मुद्रा में पहले सोने की कोशिश करें। अनचाही मुद्रा में सोने से शरीर
की थकावट बनी रहती है, जो नींद में बाधा उत्पन्न करती है।
* अगर
अनिद्रा की समस्या पुरानी और गंभीर है, नींद की गोलियाँ खाने की आदत बनी
हुई है तो किसी योग चिकित्सक की सलाह लेकर शवासन का अभ्यास करें और रात को
सोते वक्त शवासन करें। इससे पूरे शरीर की माँसपेशियों का तनाव निकल जाता है
और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिस कारण आसानी से नींद आ जाती है।
*
अच्छी नींद के लिए कमरे का हवादार होना भी जरूरी है। अगर मौसम बाहर सोने के
अनुकूल है तो छत पर या बाहर सोने को प्राथमिकता दें। कमरे में कूलर-पँखा
या फिर एयर कंडीशनर का शोर ज्यादा रहता है, तो इनकी भी मरम्मत करवा लेनी
चाहिए, क्योंकि शोर से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है, जिस कारण निद्रा में
बाधा पड़ जाती है।
* सोने से पहले चाय-कॉफी या अन्य तामसिक
पदार्थों का सेवन नहीं करें। इससे मस्तिष्क की शिराएँ उत्तेजित हो जाती
हैं, जो कि गहरी नींद आने में बाधक होती हैं।
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भारतीय संस्कृति में पान को हर तरह से शुभ माना जाता है।
*****************इसके अलावा पान का रोगों को दूर भगाने में भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। खाना खाने के बाद और मुंह का जायका बनाए रखने के लिए पान बहुत ही कारगर है। कई बीमारियों के उपचार में पान का इस्तेमाल लाभप्रद माना जाता है
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* पान में दस ग्राम कपूर को लेकर दिन में तीन-चार बार चबाने से पायरिया की शिकायत दूर हो जाती है। इसके इस्तेमाल में एक सावधानी रखना जरूरी होती है कि पान की पीक पेट में न जाने पाए।
* चोट लगने पर पान को गर्म करके परत-परत करके चोट वाली जगह पर बांध लेना चाहिए। इससे कुछ ही घंटों में दर्द दूर हो जाता है। खांसी आती हो तो गर्म हल्दी को पान में लपेटकर चबाएं।
* यदि खांसी रात में बढ़ जाती हो तो हल्दी की जगह इसमें अजवाइन डालकर चबाना चाहिए। यदि किडनी खराब हो तो पान का इस्तेमाल बगैर कुछ मिलाए करना चाहिए। इस दौरान मसाले, मिर्च एवं शराब (मांस एवं अंडा भी) से पूरा परहेज रखना जरूरी है।
* जलने या छाले पड़ने पर पान के रस को गर्म करके लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं। पीलिया ज्वर और कब्ज में भी पान का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। जुकाम होने पर पान में लौंग डालकर खाने से जुकाम जल्दी पक जाता है। श्वास नली की बीमारियों में भी पान का इस्तेमाल अत्यंत कारगर है। इसमें पान का तेल गर्म करके सीने पर लगातार एक हफ्ते तक लगाना चाहिए।
* पान में पकी सुपारी व मुलेठी डालकर खाने से मन पर अच्छा असर पड़ता है। यूं तो हमारे देश में कई तरह के पान मिलते हैं। इनमें मगही, बनारसी, गंगातीरी और देशी पान दवाइयों के रूप में ज्यादा कारगर सिद्ध होते हैं। भूख बढ़ाने, प्यास बुझाने और मसूड़ों की समस्या से निजात पाने में बनारसी एवं देशी पान फायदेमंद साबित होता है।
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चेतावनी :पान का अत्यधिक प्रयोग मुंह के कैंसर का कारण भी हो सकता है। यहां सिर्फ पान के औषधीय महत्व की जानकारी दी गई है।
- गहरी नींद के आसान उपाय........
* रात्रि भोजन करने के बाद पन्द्रह से बीस मिनट धीमी चाल से सैर कर लेने के बाद ही बिस्तर पर जाने की आदत बना लेनी चाहिए। इससे अच्छी नींद के अलावा पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है।
* अगर तनाव की वजह से नींद नहीं आ रही हो या फिर मन में घबराहट सी हो तब अपना मन पसंद संगीत सुनें या फिर अच्छा साहित्य या स्वास्थ्य से संबंधित पुस्तकें पढ़ें, ऐसा करने से मन में शांति का भाव आएगा, जो गहरी नींद में काफी सहायक होता है।
* अनिद्रा के रोगी को अपने हाथ-पैर मुँह स्वच्छ जल से धोकर बिस्तर पर जाना जाहिए। इससे नींद आने में कठिनाई नहीं होगी। एक खास बात यह कि बाजार में मिलने वाले सुगंधित तेलों का प्रयोग नींद लाने के लिए नहीं करें, नहीं तो यह आपकी आदत में शामिल हो जाएगा।
* सोते समय दिनभर का घटनाक्रम भूल जाएँ। अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में भी कुछ न सोचें। सारी बातें सुबह तक के लिए छोड़ दें। दिनचर्या के बारे में सोचने से मस्तिष्क में तनाव भर जाता है, जिस कारण नींद नहीं आती।
* अपना पलंग मन-मुताबिक ही चुनें और जिस मुद्रा में आपको सोने में आराम महसूस होता हो, उसी मुद्रा में पहले सोने की कोशिश करें। अनचाही मुद्रा में सोने से शरीर की थकावट बनी रहती है, जो नींद में बाधा उत्पन्न करती है।
* अगर अनिद्रा की समस्या पुरानी और गंभीर है, नींद की गोलियाँ खाने की आदत बनी हुई है तो किसी योग चिकित्सक की सलाह लेकर शवासन का अभ्यास करें और रात को सोते वक्त शवासन करें। इससे पूरे शरीर की माँसपेशियों का तनाव निकल जाता है और मस्तिष्क को आराम मिलता है, जिस कारण आसानी से नींद आ जाती है।
* अच्छी नींद के लिए कमरे का हवादार होना भी जरूरी है। अगर मौसम बाहर सोने के अनुकूल है तो छत पर या बाहर सोने को प्राथमिकता दें। कमरे में कूलर-पँखा या फिर एयर कंडीशनर का शोर ज्यादा रहता है, तो इनकी भी मरम्मत करवा लेनी चाहिए, क्योंकि शोर से मस्तिष्क उत्तेजित रहता है, जिस कारण निद्रा में बाधा पड़ जाती है।
* सोने से पहले चाय-कॉफी या अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करें। इससे मस्तिष्क की शिराएँ उत्तेजित हो जाती हैं, जो कि गहरी नींद आने में बाधक होती हैं।
bahut achhi jankari
ReplyDeleteफेसबुक पर प्राप्त टिप्पणी---
ReplyDeletePrasad Chandra Madhav: pan par Es post ko dekh kar bahut khush hui