डॉ आरती सिंह |
शैम्पू और टूथपेस्ट भी बन सकते हैं आपकी जान के दुश्मन-----------------
घर में इस्तेमाल होने वाले बहुत से उत्पादों में कई ऎसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो हमें उस उत्पाद का आदी बनाते हैं.....जर्नल "प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकाडमी ऑफ साइंसेज " में प्रकाशित अध्ययन में डेनमार्क तथा जर्मनी के शोधकर्ताओं ने ऎसे 100 घरेलू उत्पादों का अध्ययन कर नतीजा पेश किया, जो कहता है कि इनमें हर तीसरा उत्पाद हमारी प्रजनन क्षमता पर असर डालता है.......... इन रोजाना उपयोग होने वाले घरेलू उत्पाद में ट्राइक्लोसन पाया जाता है, जो लिवर फिब्रोसिस तथा कैंसर से जुड़ा हुआ है............प्रयोगशाला में चूहों पर हुए एक परीक्षण में यह बात सामने आई है। ट्राइक्लोसन एक एंटी-माइक्रोबियल तत्व है, जो मुख्य रूप में टूथपेस्ट, सोप, शैम्पू और अन्य घरेलू उत्पादों में पाया जाता है............शोधकर्ताओं के अनुसार, इस त्तव का लंबे समय तक उपयोग आपको विकारों की चपेट में ला सकता है, क्योंकि यह आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता जाता है। यह ऊतकों के संकुचन में भी दिक्कत लाता है.......अमरीका के फूड एंड ड्रग विभाग ने ट्राइक्लोसन को पहले से ही जांच के दायरे में ले रखा है, क्योंकि यह हार्मोस तथा मांसपेशियों के संकुचन को खराब करती है.......
घर में इस्तेमाल होने वाले बहुत से उत्पादों में कई ऎसे रासायनिक तत्व होते हैं, जो हमें उस उत्पाद का आदी बनाते हैं.....जर्नल "प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकाडमी ऑफ साइंसेज " में प्रकाशित अध्ययन में डेनमार्क तथा जर्मनी के शोधकर्ताओं ने ऎसे 100 घरेलू उत्पादों का अध्ययन कर नतीजा पेश किया, जो कहता है कि इनमें हर तीसरा उत्पाद हमारी प्रजनन क्षमता पर असर डालता है.......... इन रोजाना उपयोग होने वाले घरेलू उत्पाद में ट्राइक्लोसन पाया जाता है, जो लिवर फिब्रोसिस तथा कैंसर से जुड़ा हुआ है............प्रयोगशाला में चूहों पर हुए एक परीक्षण में यह बात सामने आई है। ट्राइक्लोसन एक एंटी-माइक्रोबियल तत्व है, जो मुख्य रूप में टूथपेस्ट, सोप, शैम्पू और अन्य घरेलू उत्पादों में पाया जाता है............शोधकर्ताओं के अनुसार, इस त्तव का लंबे समय तक उपयोग आपको विकारों की चपेट में ला सकता है, क्योंकि यह आपके शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता जाता है। यह ऊतकों के संकुचन में भी दिक्कत लाता है.......अमरीका के फूड एंड ड्रग विभाग ने ट्राइक्लोसन को पहले से ही जांच के दायरे में ले रखा है, क्योंकि यह हार्मोस तथा मांसपेशियों के संकुचन को खराब करती है.......
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