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आप जो तेल का प्रयोग करते है उसमे रतनजोत के कुछ टुकड़े ड़ाल दीजिये जिससे तेल का रंग तो सुंदर हो ही जाता है इस तेल के प्रयोग से बाल स्वस्थ और काले हो जाते हैं साथ ही इस तेल से मस्तिष्क की ताकत भी बढ़ती है रतनजोत घिसकर माथे पर लगाने से मानसिक क्षमता बढ़ती है और डिप्रेशन बीमारियाँ नहीं होती है इसका पावडर तेल में मिलाकर मालिश करने से त्वचा का रूखापन खत्म होता है .
रतनजोत के खास प्रयोग-
रतनजोत के पौधे की जड़ का पावडर एक ग्राम सवेरे शाम लिया जाए तो मिर्गी के दौरे पड़ने बंद हो जाते हैं त्वचा के रोगों से छुटकारा पाना हो तो इसकी जड़ का आधा ग्राम पावडर सवेरे शाम ले लीजिये इसके पौधे की पत्तियों को चाय की तरह पीया जाए तो यह हृदय के लिए बहुत लाभदायक है-
इसके पत्तियों के सेवन से रक्त शुद्ध होता है और दाद, खाज और खुजली से छुटकारा मिलता है. इसके पत्तों का काढ़ा नियमित रूप से लिया जाए तो गुर्दे की पथरी भी ठीक हो जाती है
एक किलो सरसो का तेल, रतनजोत, मेहंदी के पत्ते, जलभांगरा के पत्ते तथा आम की गुठलियों को 100-100 ग्राम की मात्रा लेकर सभी को कूटकर लुगदी बना लें और लुगदी को निचोड़ लें।फिर उसे सरसों के तेल में इतना उबालें कि सारा पानी जल जाए, केवल तेल ही शेष बचे। इसे छानकर इसका तेल रोजाना सिर परलगायें।और सुबह-शाम 250 ग्राम दूध पीना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
आंवला के पिसे हुए चूर्ण को नींबू के रस और रतनजोत चूर्ण के साथ पीसकर बालों में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं।आंवला और लौह चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
100 ग्राम दही में पिसी हुई एक ग्राम कालीमिर्च और रतनजोत चूर्ण मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो लें। इस प्रयोग को करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है तथा बाल काले और सुन्दर हो जाते हैं।
जीवन- शैली
http://www.jeevanshaeli.com/2015/12/ratanjot-ke-pryog-se-baal-kaale-ho.html
आप जो तेल का प्रयोग करते है उसमे रतनजोत के कुछ टुकड़े ड़ाल दीजिये जिससे तेल का रंग तो सुंदर हो ही जाता है इस तेल के प्रयोग से बाल स्वस्थ और काले हो जाते हैं साथ ही इस तेल से मस्तिष्क की ताकत भी बढ़ती है रतनजोत घिसकर माथे पर लगाने से मानसिक क्षमता बढ़ती है और डिप्रेशन बीमारियाँ नहीं होती है इसका पावडर तेल में मिलाकर मालिश करने से त्वचा का रूखापन खत्म होता है .
रतनजोत के खास प्रयोग-
रतनजोत के पौधे की जड़ का पावडर एक ग्राम सवेरे शाम लिया जाए तो मिर्गी के दौरे पड़ने बंद हो जाते हैं त्वचा के रोगों से छुटकारा पाना हो तो इसकी जड़ का आधा ग्राम पावडर सवेरे शाम ले लीजिये इसके पौधे की पत्तियों को चाय की तरह पीया जाए तो यह हृदय के लिए बहुत लाभदायक है-
इसके पत्तियों के सेवन से रक्त शुद्ध होता है और दाद, खाज और खुजली से छुटकारा मिलता है. इसके पत्तों का काढ़ा नियमित रूप से लिया जाए तो गुर्दे की पथरी भी ठीक हो जाती है
एक किलो सरसो का तेल, रतनजोत, मेहंदी के पत्ते, जलभांगरा के पत्ते तथा आम की गुठलियों को 100-100 ग्राम की मात्रा लेकर सभी को कूटकर लुगदी बना लें और लुगदी को निचोड़ लें।फिर उसे सरसों के तेल में इतना उबालें कि सारा पानी जल जाए, केवल तेल ही शेष बचे। इसे छानकर इसका तेल रोजाना सिर परलगायें।और सुबह-शाम 250 ग्राम दूध पीना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
आंवला के पिसे हुए चूर्ण को नींबू के रस और रतनजोत चूर्ण के साथ पीसकर बालों में लेप करने से बाल काले हो जाते हैं।आंवला और लौह चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
100 ग्राम दही में पिसी हुई एक ग्राम कालीमिर्च और रतनजोत चूर्ण मिलाकर सप्ताह में एक बार सिर को धोयें और बाद में गुनगुने पानी से सिर को धो लें। इस प्रयोग को करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है तथा बाल काले और सुन्दर हो जाते हैं।
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