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Saturday, 2 February 2019

पीपल के पत्‍ते से अस्‍थमा और श्‍वसन संबंधी बीमारियों का उपचार ------ अतुल मोदी

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 By Atul Modi , ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग / Feb 01, 2019
पीपल का पेड़ टैनिक एसिड, एसपारटिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड, विटामिन, मेथिओनिन, ग्लाइसिन आदि से समृद्ध है। ये सभी सामग्रियां पीपल के पेड़ को एक असाधारण औषधीय पेड़ बनाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पीपल के पेड़ के हर हिस्से - पत्ती, छाल, अंकुर, बीज, साथ ही फल के कई औषधीय लाभ हैं। इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए प्राचीन काल से किया जा रहा है।

पीपल के पत्‍तों के लाभ क्‍या हैं?:
बुखार से राहत  :
पीपल के कुछ कोमल पत्ते लें, उन्हें दूध के साथ उबालें, चीनी डालें और फिर इस मिश्रण को दिन में लगभग दो बार पियें। इससे बुखार और सर्दी से राहत मिलती है।

अस्‍थमा का  खात्‍मा :
पीपल के कुछ पत्तों, या इसके पाउडर को लें और इसे दूध के साथ उबालें। फिर, चीनी मिलाएं और इसे एक दिन में लगभग दो बार पीएं। यह अस्थमा से पीड़ित लोगों की मदद करता है। 

नेत्र रोगों में  लाभकारी :
पीपल नेत्र दर्द के इलाज में कुशलता से मदद करता है। इसकी पत्तियों से निकला पीपल का दूध आंखों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार है।

दांतों को मजबूती प्रदान करे :
पीपल के पेड़ की ताज़ी टहनियाँ या नई जड़ें लें, ब्रश के रूप में इसका इस्तेमाल न केवल दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करता है बल्कि दांतों के आसपास मौजूद बैक्टीरिया को भी मारने में मदद करता है।

नकसीर में  फायदेमंद :
कुछ कोमल पीपल के पत्ते लें, उसमें से एक रस तैयार करें और फिर इसकी कुछ बूंदें नासिका में डालें। इससे नकसीर से राहत मिलती है।

पीलिया में है मददगार :
पीपल के पत्ते लें और कुछ मिश्री मिलाकर रस तैयार करें। इस रस को दिन में 2-3 बार पिएं। यह पीलिया और इसके लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

कब्‍ज से राहत :  
पीपल के पत्तों को बराबर मात्रा में सौंफ के बीज के पाउडर और गुड़ के साथ लें। सोने से पहले दूध के साथ ऐसा करें। इससे कब्ज से राहत मिलेगी।
ह्रदय रोगों का  नाश :
कुछ पीपल के पत्ते लें, उन्हें पानी के एक जार में भिगोकर रात भर छोड़ दें। पानी को डिस्टिल्ड करें और फिर इसे दिन में दो-तीन बार पिएं। यह दिल की धड़कन और दिल की कमजोरी से राहत प्रदान करने में मदद करता है।
ब्‍लड शुगर को रखे नियंत्रित :

पीपल शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए पाया जाता है। पीपल के फल के पाउडर को हरितकी फल के पाउडर के साथ लिया जाता है, जो त्रिफला के घटकों में से एक है, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है।
https://www.onlymyhealth.com/peepal-is-an-excellent-remedy-for-asthma-diabetes-and-heart-diseases-in-hindi-1549005426?utm_source=izooto&utm_medium=push_notifications&utm_campaign=&utm_content=&utm_term=

Saturday, 29 July 2017

श्वांसों की लय और फेंफडों की खुराक

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Friday, 23 January 2015

अस्थमा व हृदयाघात से बचाव : शकरकंदी और परहेज

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सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इस मौसम में हमारे पास खाने-पीने के बहुत से विकल्प होते हैं। तो अपनी स्वाद ग्रंथियों को फलों व सब्जि़यों के सेवन का मौका दें। कुछ फल व सब्जि़यां तो ऐसी हैं, जिनका सेवन सिर्फ इसी मौसम में किया जा सकता है। ऐसी ही है शकरकंदी, जिसे अंग्रेजी में 'स्वीट पोटैटो' कहा जाता है।
• प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : शकरकंदी में विटामिन बी कांप्ले़क्स, आयरन, फास्फोसरस, विटामिन सी, के अलावा बीटा कैरोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करता है।
• अस्थमा से बचाव : शकरकंदी शरीर को गर्म भी रखती है और इसमें मौजूद विटामिन सी के सेवन से ब्रांकाइटिस और फेफड़ों की परेशानी में भी आराम मिलता है।
• अर्थराइटिस : शकरकंदी में मैग्नीशियम, जिंक, बीटा कैरोटीन और विटामिन बी कांप्लै्क्स होते हैं, इसलिए यह अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए अच्छा है।
• पाचन क्रिया : शकरकंदी स्वादिष्ट तो होती ही है, इसमें फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए यह पाचन तंत्र के लिए भी अच्छीं है।
• कैंसर : बीटा कैरोटीन को एण्टी्-कार्सिनोजन(कैंसर से राहत दिलाने वाला) माना जाता है। शकरकंदी प्रास्ट्रेंट, कोलन, आंत के कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है।
• हृदय स्वास्‍थ्‍य के लिए : अधिक मात्रा में पोटैशियम के सेवन से हृदयाघात और स्ट्रोाक का खतरा कम होता है और रक्तरचाप भी नियंत्रित रहता है।
• डायबिटीज़ : डायबिटिक्स की यह सोच बिलकुल गलत है कि वह शकरकंदी नहीं खा सकते। शकरकंदी के सेवन से रक्त़ में शर्करा का स्तपर ठीक रहता है और इन्सु‍लिन की मात्रा भी ठीक रहती है।
• वज़न प्रबंधन : शकरकंदी में प्रोटीन, स्टाऔर्च, विटामिन, मिनेरल्स। और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं और यह शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। मोटापा घटाना चाहते हैं, तो भी आप शकरकंदी का सेवन कर सकते हैं।