Showing posts with label डायबिटीज़. Show all posts
Showing posts with label डायबिटीज़. Show all posts

Tuesday, 3 November 2015

डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर

स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं

अगर आप डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर के मरीज़ हैं तो भूल जाइये कि आप अपनी पसंद का कोई भी खाना खा सकते हैं। इन बीमारियों के साथ जीने के लिए आपको काफी परहेज़ करना पड़ता है। और जिसको ये दोनों बीमारियां एक साथ हो जाएं उसके लिए मामला और मुश्किल हो जाता है। जिस खाने की चीज़ में नमक और ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज़्यादा होता है, वो आपके लिए बिल्कुल मना हो जाते हैं। ऐसे में चटपटे स्नैक्स जैसे नमकीन, पैकेट बंद चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़ वगैरह तो आप भूल ही जाइये।
ऐसी स्थिति में आप कद्दू के बीज को स्नैक्स के रूप में खा सकते हैं। दिनभर में जब कुछ खाने का मन करे तो मुट्ठीभर कद्दू के बीज लिए और चबा लिये। अब आप सोचेंगे कद्दू के बीज ही क्यों? दरअसल, इन कद्दू के बीजों के शरीर पर एंटी-डायबिटिक और एंटी हाइपरटेंसिव प्रभाव पड़ते हैं। आइये जानें किस तरह।
ब्लड प्रेशर में लाभ
अगर आप अपना ब्लड प्रेशर कंट्रोल में लाइन के लिए एंटी-हाइपरटेंसिव दवाएं ले रहे हैं और फिर भी कुछ फायदा नहीं हो रहा तो आपको कद्दू के बीजों के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार, कद्दू के बीज में से तत्व होते हैं जो आपका ब्लड प्रेशर कम करते हैं, और दिल के लिए अच्छे होते हैं। कद्दू के बीज नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करते हैं जो दिल की धड़कन को नियमित करता है, जिससे दिल की बीमारियों का जोखिम कम होता है।
डायिबिटीज़ में लाभ
अगर आप अपनी डायबिटीज़ को नैचुरली कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो डायट में कद्दू के बीज खाना शुरू करें। एक अध्ययन में, ये बात सामने आई है कि कद्दू के बीज और अलसी के बीज का मिक्सचर डायबिटीज़ के दौरान शरीर में पैदा होने वाले कुछ एंजाइम स्तरों को कंट्रोल करता है, जिससे डायबिटीज़ कंट्रोल में आ जाती है।
अनुवादक – Shabnam Khan

Friday, 23 January 2015

अस्थमा व हृदयाघात से बचाव : शकरकंदी और परहेज

स्पष्ट रूप से पढ़ने के लिए इमेज पर डबल क्लिक करें (आप उसके बाद भी एक बार और क्लिक द्वारा ज़ूम करके पढ़ सकते हैं





सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इस मौसम में हमारे पास खाने-पीने के बहुत से विकल्प होते हैं। तो अपनी स्वाद ग्रंथियों को फलों व सब्जि़यों के सेवन का मौका दें। कुछ फल व सब्जि़यां तो ऐसी हैं, जिनका सेवन सिर्फ इसी मौसम में किया जा सकता है। ऐसी ही है शकरकंदी, जिसे अंग्रेजी में 'स्वीट पोटैटो' कहा जाता है।
• प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : शकरकंदी में विटामिन बी कांप्ले़क्स, आयरन, फास्फोसरस, विटामिन सी, के अलावा बीटा कैरोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करता है।
• अस्थमा से बचाव : शकरकंदी शरीर को गर्म भी रखती है और इसमें मौजूद विटामिन सी के सेवन से ब्रांकाइटिस और फेफड़ों की परेशानी में भी आराम मिलता है।
• अर्थराइटिस : शकरकंदी में मैग्नीशियम, जिंक, बीटा कैरोटीन और विटामिन बी कांप्लै्क्स होते हैं, इसलिए यह अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए अच्छा है।
• पाचन क्रिया : शकरकंदी स्वादिष्ट तो होती ही है, इसमें फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए यह पाचन तंत्र के लिए भी अच्छीं है।
• कैंसर : बीटा कैरोटीन को एण्टी्-कार्सिनोजन(कैंसर से राहत दिलाने वाला) माना जाता है। शकरकंदी प्रास्ट्रेंट, कोलन, आंत के कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है।
• हृदय स्वास्‍थ्‍य के लिए : अधिक मात्रा में पोटैशियम के सेवन से हृदयाघात और स्ट्रोाक का खतरा कम होता है और रक्तरचाप भी नियंत्रित रहता है।
• डायबिटीज़ : डायबिटिक्स की यह सोच बिलकुल गलत है कि वह शकरकंदी नहीं खा सकते। शकरकंदी के सेवन से रक्त़ में शर्करा का स्तपर ठीक रहता है और इन्सु‍लिन की मात्रा भी ठीक रहती है।
• वज़न प्रबंधन : शकरकंदी में प्रोटीन, स्टाऔर्च, विटामिन, मिनेरल्स। और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं और यह शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। मोटापा घटाना चाहते हैं, तो भी आप शकरकंदी का सेवन कर सकते हैं।