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Monday, 7 January 2019

हल्दी का सेवन कितना ? ------ अनुराग गुप्ता

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हल्दी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है, यह आप भी जानते हैं। हल्दी दर्द, सूजन और इंफेक्शन को दूर करती है। मसाले के अलावा हल्दी का प्रयोग कई तरह के घरेलू उपचारों में भी किया जाता है मगर क्या आप जानते हैं कि हल्दी का ज्यादा सेवन शरीर के लिए खतरनाक भी होता है। कई लोग हल्दी दूध के फायदों के कारण दूध में ढेर सारी हल्दी मिलाकर पीते हैं और सब्जी, दाल आदि में भी ढेर सारी हल्दी का इस्तेमाल करते हैं। मगर हल्दी का ज्यादा प्रयोग करने से इसके नुकसान भी होते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं ज्यादा हल्दी के सेवन के नुकसान और रोज कितनी हल्दी का सेवन है सुरक्षित।
पथरी का कारण बन सकती है ज्यादा हल्दी  : 

हल्दी में ऑक्सलेट की मात्रा होती है इसलिए अगर आप हल्दी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको पथरी होने का खतरा होता है। ये ऑक्सलेट शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सलेट बना लेता है, जो धीरे-धीरे किडनी में जमा होता रहता है और पथरी का कारण बनता है।
डायरिया और जी मिचलाना :
हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन को माना जाता है, जो कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। मगर शरीर में ज्यादा कर्क्युमिन होने पर ये डायरिया का कारण बन सकता है और इससे जी मिचलाने या उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

शरीर से घटाता है आयरन : 

अगर आप ज्यादा हल्दी का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया जैसा खतरनाक रोग हो जाता है। दरअसल हल्दी में मौजूद तत्व आयरन को एब्जॉर्ब कर लेते हैं, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।

कितनी हल्दी का सेवन करें रोज : 

हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन होता है। हमारे शरीर को रोजाना 500 से 800 मिलीग्राम तक कर्क्युमिन की जरूरत होती है। एक छोटे चम्मच हल्दी में 200 मिलीग्राम कर्क्युमिन होता है। इसलिए एक दिन में हमें 2 या 3 चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्दी दूध बनाने के लिए एक ग्लास दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं।
 (Anurag Gupta

 ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग Jan 05, 2019 )

https://www.onlymyhealth.com/consuming-too-much-turmeric-causes-health-problems-know-how-much-amount-is-safe-in-hindi-1546597554?utm_source=izooto&utm_medium=push_notifications&utm_campaign=&utm_content=&utm_term=

Sunday, 7 October 2018

किडनी,टी बी, कैंसर के उपचार संबंधी डाक्टरी परामर्श ------

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Tuesday, 20 March 2018

किडनी ------ पूनम जैन

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Thursday, 9 November 2017

पानी ,मूँगफली,चश्मा ,केला के प्रयोग और स्वस्थ्य रक्षा

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Sunday, 13 August 2017

सर्जरी के बाद लापरवाही नहीं ------ शमीम खान / खांसी-जुकाम और भाप ------ रुचि शर्मा

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Friday, 23 June 2017

किडनी समय रहते संभालें ------ संत समीर

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Friday, 25 November 2016

किडनी का सिकुड़ना : एक इलाज – Nephrotic Syndrome Treatment in Ayurved ----- डॉ. योगेश गौतम

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दोस्तों किडनी फेलियर का एक सबसे बड़ा कारन है किडनी का सिकुड़ना। अगर किडनी सिकुड़ जाए तो क्या करें.

जब हमारी किडनी सिकुड़ जाती है तो किडनी की छोटी रचना जिसे हम नेफ्रॉन्स कहते है जो फ़िल्टर का कम करती है ये नेफ्रान्स दब जाते है और उनका फंक्शन ठीक से नहीं हो पता जिससे किडनी फ़िल्टर भी ठीक से नहीं हो कर पाती और वही बिषैला पदार्थ हमारे ब्लड में शरीर में जाने लगता है और Creatinine, urea ये सब ब्लड में बढ़ जाते है।


ऐसे मरीज जिनकी किडनी सिकुड़ गयी है और डॉक्टर ने बोल दिया है की इसका कोई इलाज नहीं है किडनी ट्रांस्प्लांट के आलावा वो मरीज निराश न हो। उनके लिए विशेष आयुर्वेदिक इलाज हैं .

जिन मरीजों की किडनी सिकुड़ गयी हो और डॉक्टर उनको किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र विकल्प बता रहें हों ऐसे मरीजो को करना क्या है के “मकोय” यह एक पौधा होता है जो पूरे भारत में पाया जाता है.

संस्कृत में इसको काकमाची, असमिया में पीचकटी, गुजरती में पीलूडी, बंगाली में काकमाची, गुडकमाई, तमिल में मन्टटकल्ली, तेलुगु में गजूचेट्टू, नेपाली में परे गोलभेरा, जंगली बिही, काकमाची, काली गेडी, पंजाबी में काकमाच, मराठी में कमोनी, काकमाची, मेको, मलयालम में क्रीन्टाकली कहते हैं.

इसका वानस्पतिक नाम Solanum americanum Mill है. इंग्लिश में इसको Common nightshade कहते हैं.

इसके फल छोटे छोटे होते है कुछ लोग इसे खाते भी है. इसका पूरा पौधा ले लीजिये इसको अच्छे से धुलाई कर के इसका रस निकाल लें, इस मकोय के रस को 20 ml दिन में दो बार पीना है तीन महीने तक लगातार.

3 महीने बाद सोनोग्राफी करवा के देखे किडनी के सिकुड़ने में यह बहुत ही लाभकारी है।

विशेष – मकोय की सब्जी भी बना कर खायी जाती है. इसके फल भी खाए जाते हैं. इसका अर्क भी आता है. जिस भी प्रकार से किडनी के रोगी इसका सेवन करें तो उनको लाभ होगा.

साभार : 
http://onlyayurved.com/major-disease/kidney/nephrotic-syndrome/nephrotic-syndrome-treatment-in-hindi/

Friday, 1 July 2016

जल ही जीवन है ------ विजय राजबली माथुर

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फोटो रमाशंकर बाजपेयी जी के सौजन्य से 

******जल निगम, लखनऊ: पेय जल ******
जल निगम,लखनऊ द्वारा सप्लाई किया जा रहा पेय जल कितना शुद्ध है इसकी जांच करने के लिए किसी प्रयोगशाला की ज़रूरत नहीं है। कोई भी अपने घर पर पानी को एक पात्र में उबालने रख दें और जब उबल जाये तो ठंडा होने पर उसकी तलहटी में जमें अशुद्ध पदार्थों से परिचित हो लें। 
ये अशुद्ध पदार्थ पानी के साथ-साथ उदर में पहुँच कर यकृत-लीवर और गुर्दा -किडनी को क्षति पहुंचाते हैं। चिकित्सक -डॉ से इलाज कराने पर वह तेज़ एंटी बायटिक देते हैं और पुनः लीवर व किडनी को क्षति बढ़ती है। 
एलोपैथिक डॉ सिर्फ नरसिंग होम के जरिये धन कमाने पर ही ज़ोर देते हैं। सरकारी अस्पतालों की लापरवाही ही इसीलिए है कि, जनता मजबूरी में निजी चिकित्सकों के जरिये लूटी जा सके। जनता को खुद ही जागरूक होना होगा और अपना चिकित्सक अपने आप खुद बनना होगा तभी कल्याण संभव है।

https://www.facebook.com/vijai.mathur/posts/1107723499289625