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Tuesday, 24 September 2013

दवा,दूध और अदरक का प्रयोग कैसे?


  • Do not take medicine with milk
    The sentence we often hear when we want to take medicine. Why milk should not be mixed with the drug?

    Drugs or antibiotics are consumed orally can be effective for a person if consumed and absorbed by the body. Oral medication must be absorbed through the digestive tract so that it can enter the bloodstream and sent to hurt area. There are several factors that affect the body’s ability to absorb medications very well, including the relative acidity in the stomach, the presence or absence of fat nutrients or other nutrients, and whether there are certain elements such as calcium. Some drugs in the family of antibiotics, containing tetracycline that will react with the milk.

    Calcium which found in milk will bind drugs or antibiotics that prevent absorption into the body. In addition, there is a good drug consumed before and after meals. This is because the food you eat can affect drug absorption. Therefore, the best thing to do is follow the instructions written on the package and don’t forget to asking to the pharmacist if necessary.

    So what about coffee, tea or juice?

    Coffee, tea and juices have variety compounds, such as caffeine in coffee, which can affect drug absorption. So the best thing is take drug with fresh water. Because water does not contain compounds that could interfere drug absorption.



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      • अदरक
        अदरक रसोई घर या हर्बल दवाओं में भी पाया जाता है। विशिष्ट गुणों से भरपूर अदरक का इस्तेमाल कई बड़ी-छोटी बीमारियों में भी किया जाता है।

        यह कफ, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, कमर दर्द, पसली और छाती की पीड़ा दू...र करती है और पसीना लाकर रोम छिद्रों को खोलती है। औषधि के रूप में इसका प्रयोग गठिया, र्‌यूमेटिक आर्थराइटिस (आमवात, जोड़ों की बीमारियों) साइटिका और गर्दन व रीढ़ की हड्डियों की बीमारी (सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस) होने पर, भूख न लगना, मरोड़, अमीबिक पेचिश, खाँसी, जुकाम, दमा और शरीर में दर्द के साथ बुखार, कब्ज होना, कान में दर्द, उल्टियाँ होना, मोच आना, उदर शूल और मासिक धर्म में अनियमितता होना, एंटी-फंगल। इन सब रोगों में भी अदरक (सोंठ) को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

        अदरक एक दर्द निवारक के रूप में भी पाया गया है। इस का प्रयोग दर्दनाक माहवारी, माइग्रेन, अपच और संक्रमण के लिए और अस्थमा के रूप में राहत प्रदान और जीवन शक्ति और दीर्घायु को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

        विभिन्न प्रकार के रूमेटिक रोगों में जहाँ कर्टिकोस्टेराईड तथा नान स्टेराइड दर्द नाशक दवाएं दी जाती हैं वहाँ अदरक का रस बहुत ही लाभ दायक है। अदरक कुष्ठ, पीलिया, रक्त पित्त, ज्वर दाह रोग आदि में उपयोगी औषधि है। अदरक का रस पेट के लिए तो लाभकारी है ही साथ में शरीर की सूजन, पीलिया, मूत्र विकार, दमा, जलोदर आदि रोगों में भी लाभकारी है। इसके सेवन से वायु विकार नष्ट हो जाते हैं।

        बालों के लिए भी उपयोगी है। अदरक का रस रूसी को भी नियंत्रित करता है। अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया भी मर जाते हैं।