Sunday, 4 October 2015

तुलसी और छाछ

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Thursday, 24 September 2015

चिकित्सक के बिना चिकित्सा

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Tuesday, 4 August 2015

पाचन-तंत्र को पूरी तरह स्वस्थ रखें --- Dr-Rajesh Kumar Yadav

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Dr-Rajesh Kumar Yadav खाने से जुड़ी इन बातों को याद न रखा तो कभी नहीं रह पाएंगे पूरी तरह स्वस्थ

खाने के विषय में हर व्यक्ति की अलग सोच और पसंद होती है। लेकिन खाने से जुड़ी कुछ गलतफहमियां ऐसी हैं जो हम में से अधिकांश लोगों को है। जैसे ज्यादा खाने से या मेवे व घी ज्यादा खाने
से सेहत बनती है। ऐसी ही कुछ गलतफहमियां हैं। जिन्हे आज हम आपको बताने जा रहे हैं। ये खाने से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें हैं। जिनसे परिचित होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब तक आप खाने से जुड़ी इन बातों से परिचित नहीं होंगे तब तक आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं रह पाएंगे।

- आवश्यकता और पचाने के क्षमता से अधिक भोजन शरीर को ताकत की बजाय अधिक कमजोर ही बनाता है। इसलिए ज्यादा न खाएं।

- पहले खाए हुए के पचने से पूर्व ही दोबारा खा लेने पर पाचन-तंत्र गड़बड़ा जाता है। इसलिए एक बार खाने के बाद पूरी तरह पेट खाली होने पर ही कुछ खाएं।

- ज्यादा घी-दूध, मेवे-मिठाई और पकवान खाने से नही बल्कि ऐसी भारी चीजों को पचाने क्षमता से शरीर की ताकत बढ़ती है। पाचन-शक्ति से अधिक पोष्टिक भोजन करने से कब्जियत की समस्या होने लगती है। इसलिए इन चीजों को अपनी पाचन शक्ति के अनुसार ही खाएं।

- बेमेल भोजन करने से भी शरीर की शक्ति बर्बाद होती है। इसलिए ठंडा-गर्म या जिन चीजों का एक साथ सेवन निषिद्ध माना गया है। उनके सेवन से बचें।

- पर्याप्त परिश्रम या शारीरिक मेहनत करने से पहले ही बार-बार भोजन करते रहने से धीरे-धीरे शरीर बीमारियों का घर बनने लगता है।

- यह सोचना गलत है कि अंडे और मांसाहार करने से शरीर शक्तिशाली बनता है, आप रूखा-सूखा या शाकाहारी भोजन करके भी सर्वशक्तिशाली बन सकते हैं, बशर्ते आप की पाचन-शक्ति अच्छी होना चाहिये। शक्ति का प्रतीक घोड़ा जिंदगी भर सिर्फ घांस खाकर भी शक्तिशाली बन जाता है।

- 25-30 की उम्र पार करने बाद शरीर में पहले जैसी पाचन-शक्ति नहीं रह जाती इसीलिये 30 की आयु के बाद डटकर खाने की आदत को छोड़ देना चाहिये।

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Friday, 17 July 2015

चेहरे की रंगत में निखार लाना चाहते हैं तो अपने खाने पर ध्यान दीजिए

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अपनी चेहरे की रंगत में निखार लाना चाहते हैं तो दुनिया भर की क्रीमफेस पैक या स्क्रब लगाना छोड़कर 
अपने खाने पर ध्यान दीजिए। जी हांरंगत निखारने के लिए सही आहार जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिनके सेवनसे चेहरे की रंगत निखर जाती है।

ये हैं 5 आसान से उपाय :

1. कीवी
कीवी में विटामिन बी 12, आयरनफाइबर के साथ ही भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसे रोजाना खाने से चेहरे की रंगत बदलने लगती है। स्किनहेल्दी हो जाती है। यदि चेहरे पर दाग हैं तो उस पर ताजी कीवी पीस कर लगा लेने से दाग साफ हो जाते हैं।

2. चुकंदर
चुकंदर में विटामिन्स, सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन आदि तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से स्किन के पोर्स खुल जाते हैं। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। रूप निखरने लगता है। स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए चुकंदर का रस रोज पीना चाहिए और इसका फेस पैक लगाना चाहिए।

3. ग्रीन टी
ग्रीन टी केमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधों से बनाई जाती है। इसे कम किण्वन से तैयार किया जाता है। इसीलिए यह चाय शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है।इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह सनबर्न को ठीक कर त्वचा से दाग-धब्बों को हटा कर उसे कोमल और स्वस्थ बनाती है।

4. गाजर
गाजर का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसमें विटामिन विटामिन बीसीकैल्शियम  पैक्टीन फाइबर होता हैयह कॉलेस्ट्रोल का लेवल बढऩे नहीं देते हैं। गाजरमें विटामिन सी और कैरोटीन होता है जो कि त्वचा और बालों के लिए बेस्ट है। सुंदर चेहरा पाने के लिए गाजर का जूस रोज पिएं।

5. हरी पत्तेदार
हरी पत्तेदार सब्जी में विटामिनपोषक तत्व और मिनरल्स होते हैं। अधिक हरी पत्तेदार खाने से चेहरे में निखार आता है।
साभार :

Friday, 10 July 2015

पेट का रखवाला पपीता --- आरती सिंह

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10 जुलाई 2015 
पेट का रखवाला पपीता--------------
पपीते में पपेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मांसाहार गलाने के काम आता है। भोजन पचाने में भी यह अत्यंत सहायक होता है.......पपीते के नियमित सेवन से अरूचि दूर होती है, कब्ज़ ठीक होता है और भूख बढ़ती है.........पपीता स्वादिष्ट होने और अपने सुंदर रंग के कारण जैम, जेली, हलवे और शीतल पेय के लिये प्रयोग में लाया जाता है......यकृत तथा पीलिया के रोग में पपीता अत्यंत लाभकारी है.......सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
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100 ग्राम पपीते में 98 कैलरी, एक से दो ग्राम प्रोटीन, एक से दो ग्राम रेशे तथा 70 मिग्रा लोहा होता है साथ ही यह विटामिन सी और विटामिन बी का बड़ा अच्छा स्रोत है। इन्हीं गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिये सबसे लाभदायक फलों में से एक माना जाता है। कच्चे पपीते में पपेन नामक एन्ज़ाइम पाया जाता है। इस एनज़ाइम का उपयोग मीट टेन्डराइज़र में किया जाता है। कच्चे पपीते को छील कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर के भी मांसाहार आसानी से गलाया जा सकता है। यह एनज़ाइम पाचन तंत्र के लिये बहुत लाभदायक होता है......पपीता एक सर्वसुलभ और अत्यंत गुणकारी फल है पर यह तोड़ने के बाद ज्यादा दिनों तक ताज़ा नहीं रहता इसलिए ताजा पपीता खाना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है......पका हुआ पपीता छील कर खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है। कच्चे पपीते की सब्ज़ी टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है। लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है या इसके लच्छों को कपूरकंद की तरह शकर मे पाग कर भी खाया जाता है।
सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग होता है। पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहाँसे और झाँई से बचाव किया जा सकता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है। यह स्वाभाविक ब्लीच के साथ साथ त्वचा की स्निग्धता की भी रक्षा करता है इस कारण चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिये इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है।