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Dr-Rajesh Kumar Yadav खाने से जुड़ी इन बातों को याद न रखा तो कभी नहीं रह पाएंगे पूरी तरह स्वस्थ
खाने
के विषय में हर व्यक्ति की अलग सोच और पसंद होती है। लेकिन खाने से जुड़ी
कुछ गलतफहमियां ऐसी हैं जो हम में से अधिकांश लोगों को है। जैसे ज्यादा
खाने से या मेवे व घी ज्यादा खाने
से सेहत बनती है। ऐसी ही कुछ गलतफहमियां हैं। जिन्हे आज हम आपको बताने जा
रहे हैं। ये खाने से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें हैं। जिनसे परिचित होना बहुत
जरूरी है क्योंकि जब तक आप खाने से जुड़ी इन बातों से परिचित नहीं होंगे तब
तक आप पूरी तरह स्वस्थ नहीं रह पाएंगे।
- आवश्यकता और पचाने के क्षमता से अधिक भोजन शरीर को ताकत की बजाय अधिक कमजोर ही बनाता है। इसलिए ज्यादा न खाएं।
-
पहले खाए हुए के पचने से पूर्व ही दोबारा खा लेने पर पाचन-तंत्र गड़बड़ा
जाता है। इसलिए एक बार खाने के बाद पूरी तरह पेट खाली होने पर ही कुछ खाएं।
-
ज्यादा घी-दूध, मेवे-मिठाई और पकवान खाने से नही बल्कि ऐसी भारी चीजों को
पचाने क्षमता से शरीर की ताकत बढ़ती है। पाचन-शक्ति से अधिक पोष्टिक भोजन
करने से कब्जियत की समस्या होने लगती है। इसलिए इन चीजों को अपनी पाचन
शक्ति के अनुसार ही खाएं।
-
बेमेल भोजन करने से भी शरीर की शक्ति बर्बाद होती है। इसलिए ठंडा-गर्म या
जिन चीजों का एक साथ सेवन निषिद्ध माना गया है। उनके सेवन से बचें।
- पर्याप्त परिश्रम या शारीरिक मेहनत करने से पहले ही बार-बार भोजन करते रहने से धीरे-धीरे शरीर बीमारियों का घर बनने लगता है।
-
यह सोचना गलत है कि अंडे और मांसाहार करने से शरीर शक्तिशाली बनता है, आप
रूखा-सूखा या शाकाहारी भोजन करके भी सर्वशक्तिशाली बन सकते हैं, बशर्ते आप
की पाचन-शक्ति अच्छी होना चाहिये। शक्ति का प्रतीक घोड़ा जिंदगी भर सिर्फ
घांस खाकर भी शक्तिशाली बन जाता है।
-
25-30 की उम्र पार करने बाद शरीर में पहले जैसी पाचन-शक्ति नहीं रह जाती
इसीलिये 30 की आयु के बाद डटकर खाने की आदत को छोड़ देना चाहिये।
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कमेंट्स : गूगल प्लस ---
"चिकित्सा समाज सेवा है,व्यवसाय नहीं"
Tuesday, 4 August 2015
Friday, 17 July 2015
चेहरे की रंगत में निखार लाना चाहते हैं तो अपने खाने पर ध्यान दीजिए
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अपनी चेहरे की रंगत में निखार लाना चाहते हैं तो दुनिया भर की क्रीम, फेस पैक या स्क्रब लगाना छोड़कर
अपने खाने पर ध्यान दीजिए। जी हां, रंगत निखारने के लिए सही आहार जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिनके सेवनसे चेहरे की रंगत निखर जाती है।
अपने खाने पर ध्यान दीजिए। जी हां, रंगत निखारने के लिए सही आहार जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिनके सेवनसे चेहरे की रंगत निखर जाती है।
ये हैं 5 आसान से उपाय :
1. कीवी
कीवी में विटामिन ए, बी 12, आयरन, फाइबर के साथ ही भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसे रोजाना खाने से चेहरे की रंगत बदलने लगती है। स्किनहेल्दी हो जाती है। यदि चेहरे पर दाग हैं तो उस पर ताजी कीवी पीस कर लगा लेने से दाग साफ हो जाते हैं।
2. चुकंदर
चुकंदर में विटामिन्स, सोडियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन आदि तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से स्किन के पोर्स खुल जाते हैं। ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। रूप निखरने लगता है। स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाने के लिए चुकंदर का रस रोज पीना चाहिए और इसका फेस पैक लगाना चाहिए।
3. ग्रीन टी
ग्रीन टी केमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधों से बनाई जाती है। इसे कम किण्वन से तैयार किया जाता है। इसीलिए यह चाय शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती है।इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह सनबर्न को ठीक कर त्वचा से दाग-धब्बों को हटा कर उसे कोमल और स्वस्थ बनाती है।
4. गाजर
गाजर का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, सी, कैल्शियम व पैक्टीन फाइबर होता है, यह कॉलेस्ट्रोल का लेवल बढऩे नहीं देते हैं। गाजरमें विटामिन सी और कैरोटीन होता है जो कि त्वचा और बालों के लिए बेस्ट है। सुंदर चेहरा पाने के लिए गाजर का जूस रोज पिएं।
5. हरी पत्तेदार
हरी पत्तेदार सब्जी में विटामिन, पोषक तत्व और मिनरल्स होते हैं। अधिक हरी पत्तेदार खाने से चेहरे में निखार आता है।
साभार :
Friday, 10 July 2015
पेट का रखवाला पपीता --- आरती सिंह
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पेट का रखवाला पपीता--------------
पपीते में पपेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मांसाहार गलाने के काम आता है। भोजन पचाने में भी यह अत्यंत सहायक होता है.......पपीते के नियमित सेवन से अरूचि दूर होती है, कब्ज़ ठीक होता है और भूख बढ़ती है.........पपीता स्वादिष्ट होने और अपने सुंदर रंग के कारण जैम, जेली, हलवे और शीतल पेय के लिये प्रयोग में लाया जाता है......यकृत तथा पीलिया के रोग में पपीता अत्यंत लाभकारी है.......सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
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100 ग्राम पपीते में 98 कैलरी, एक से दो ग्राम प्रोटीन, एक से दो ग्राम रेशे तथा 70 मिग्रा लोहा होता है साथ ही यह विटामिन सी और विटामिन बी का बड़ा अच्छा स्रोत है। इन्हीं गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिये सबसे लाभदायक फलों में से एक माना जाता है। कच्चे पपीते में पपेन नामक एन्ज़ाइम पाया जाता है। इस एनज़ाइम का उपयोग मीट टेन्डराइज़र में किया जाता है। कच्चे पपीते को छील कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर के भी मांसाहार आसानी से गलाया जा सकता है। यह एनज़ाइम पाचन तंत्र के लिये बहुत लाभदायक होता है......पपीता एक सर्वसुलभ और अत्यंत गुणकारी फल है पर यह तोड़ने के बाद ज्यादा दिनों तक ताज़ा नहीं रहता इसलिए ताजा पपीता खाना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है......पका हुआ पपीता छील कर खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है। कच्चे पपीते की सब्ज़ी टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है। लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है या इसके लच्छों को कपूरकंद की तरह शकर मे पाग कर भी खाया जाता है।
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100 ग्राम पपीते में 98 कैलरी, एक से दो ग्राम प्रोटीन, एक से दो ग्राम रेशे तथा 70 मिग्रा लोहा होता है साथ ही यह विटामिन सी और विटामिन बी का बड़ा अच्छा स्रोत है। इन्हीं गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिये सबसे लाभदायक फलों में से एक माना जाता है। कच्चे पपीते में पपेन नामक एन्ज़ाइम पाया जाता है। इस एनज़ाइम का उपयोग मीट टेन्डराइज़र में किया जाता है। कच्चे पपीते को छील कर उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर के भी मांसाहार आसानी से गलाया जा सकता है। यह एनज़ाइम पाचन तंत्र के लिये बहुत लाभदायक होता है......पपीता एक सर्वसुलभ और अत्यंत गुणकारी फल है पर यह तोड़ने के बाद ज्यादा दिनों तक ताज़ा नहीं रहता इसलिए ताजा पपीता खाना ही स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है......पका हुआ पपीता छील कर खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा पेय, जैम और जेली बनाने में प्रयोग किया जाता है। कच्चे पपीते की सब्ज़ी टिक्की और चटनी अत्यंत स्वादिष्ट और गुणकारी होती है। लौकी के हलवे की तरह पपीते का हलवा भी बनाया जा सकता है या इसके लच्छों को कपूरकंद की तरह शकर मे पाग कर भी खाया जाता है।
सौन्दर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग होता है। पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहाँसे और झाँई से बचाव किया जा सकता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है। यह स्वाभाविक ब्लीच के साथ साथ त्वचा की स्निग्धता की भी रक्षा करता है इस कारण चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिये इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है।
Wednesday, 8 July 2015
Same doctors has come as demon --- Pallavi Panda Mishra
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पल्लवी जी के विचार /दृष्टिकोण 'स्तुत्य ' हैं :
Pallavi Panda Mishra added 2 new photos.
पल्लवी जी के विचार /दृष्टिकोण 'स्तुत्य ' हैं :
Pallavi Panda Mishra added 2 new photos.
We
say that doctors are angels sent by god to save human life. But for me
the same doctors has come as demon in my life to ruin it in pieces.
Due to few doctors negligence I lost my husband’s life just like a water bubble. Few days back we were a happy family with ambition and future plans for our upcoming life.
But who knew life threatening danger was waiting on our way to shatter my family.
My Husband Girish had a heart blockage which we never knew until the last day of his life just because the doctor could not find it.
On 13th June after lunch he was playing with our 6 month old baby and suddenly he started vomiting then complained of stretching of throat and jaw muscle, breathing problem little pain in heart. As we stay in BTM, Bengaluru, nearest hospital was Gangothri hospital so I took him there. Attendant doctor checked him and asked us to do an ECG and blood test.
Both were done immediately. Then they admitted him and gave saline and few medicines. The main doctor of hospital Dr K.N.N Pai came for rounds and checked him and said this is nothing but dehydration and throat infection he will be alright soon.
I have no idea that whether he had checked the ECG report or not. That night we stayed in the hospital. Till then Girish was telling he was not filling comfortable as his arms are paining and he is not able to breathe properly. I went asked the attendant doctor about the ECG and blood report.
He said everything seems "Normal". He gave him pain killer and sleeping tablets and said you will be alright just try to sleep.
The next day morning 10 Am Dr K.N. N Pai again visited and checked Girish and tasked how he is feeling. Girish told he is little better as he took the pain killer medicines.
Dr said today they will discharge him and to take rest at home for 2 to 3 days he will feel batter. They gave some antibiotics and pain killer tablets and discharged him.
14th June 2 pm we came home. After we came home daily Girish was getting fever and complaining of breathing problem. Again 17th June evening I took him to same hospital to check why his fever is not coming down. For our surprise Dr K.N.N Pai refused to check him as we didn’t have appointment.
i requested them that its urgent as my husband was admitted here only. They said we can check with other doctors if we want. So we checked with general physician there and showed the previous reports. Still they could not find what the problem with Girish is and asked us to do a blood test. Test done in 1 hour and showed some infection.
Till that time the doctor (Dr.Rakhi) was gone and other general doctor came (attendant doctor on 13th June night) saw the blood report and told its nothing but throat infection and wrote high power antibiotics and sleeping tablets. I gave him those medicines after dinner but that night Girish could not sleep for a second also.
Next day morning i.e 18th June i took him to a private clinic in indira nagar with the help of my brother. There the doctor was shocked to see the ECG report taken on 13th June and asked us why nobody has not seen this ECG report before. It was clearly mentioned there that Girish got his first attack that day.
We were dumb stuck with his words. Dr immediately referred us to go to Chinmaya missin hospital and get admitted. In CMH, the doctors told it’s too much delayed but still we will try our best and did angioplasty same day.
After 2 hours of operation Girish was fine but suddenly his condition got worst. Doctor called us and told chances of his survival is 1% only god can help him. At 11 pm night Girish left this world leaving us alone. The heart blockage was 100% so blood flow to few area was totally blocked and the cells were died off in that area.
As a result after clearance of the blockage also the cells could not accept the blood and his heart ruptured. If the doctors would have noticed the ECG report the same day of attack Girish would have survived.
Sorry for such a long post but i don’t want anyone else suffer like me so wanted all of you to know about it. Whenever any of your near and dear ones complain of breathing problem, jaw and throat muscle stretch, arms getting pain then immediately check with cardiology specialist without any delay. Because it’s a sign of heart attack.
I am going to put a case on Gangothri hospital for a such a negligence act. But mean time I want everybody to spread this massage as much as possible so that no one else should suffer like me in future.
Many people already asked if he had any BAD HABITS.. want to clarify right away.. NO he didn't have ANY bad habits.
https://www.facebook.com/pallavi.panda.52/posts/10153404726655270
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हार्ट अटेक से संबन्धित कुछ घरेलू उपाय :
बायोकेमिक औषद्धि KALI PHOS को 6 x शक्ति में दिन में 3 बार 4-4-4 गोली सेवन करने से हाई व लो ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित होते हैं और हार्ट के लिए तो यह रामबाण औषद्धि है। बहुत ज़रूरी होने पर 10-10 मिनट के अंतराल पर 4-4-4 गोली चूसने को दें या गुनगुने पानी में घोल कर पिलाएँ जो sinking heart को भी दुरुस्त करने में कारगर है।
ॐ भू : ॐ भुव: ॐ स्व: ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गों देवस्य धीमहि । ॐ धियों यो न : प्रचोदयात । ।
इस प्रकार से पश्चिम दिशा में मुख करके धरती से इंसुलेशन बनाते हुये किसी आसन ( लकड़ी,ऊन अथवा पोलीथीन ) पर बैठ कर 108 या कम से कम 27 बार नियमित वाचन करने से निम्न,उच्च रक्तचाप व हृदय रोगों में लाभ मिलता है।
ॐ = अ+उ+म का उच्चारण करने से शरीर के केंद्र बिन्दु 'नाभि' की कसरत हो जाती है जिससे 'नर्वस सिस्टम' ठीक रहता है। ब्लाकेज भी खुल जाते हैं। ॐ के उच्चारण के अतिरिक्त नाभि की न तो कोई दूसरी कसरत है न ही मालिश।
Due to few doctors negligence I lost my husband’s life just like a water bubble. Few days back we were a happy family with ambition and future plans for our upcoming life.
But who knew life threatening danger was waiting on our way to shatter my family.
My Husband Girish had a heart blockage which we never knew until the last day of his life just because the doctor could not find it.
On 13th June after lunch he was playing with our 6 month old baby and suddenly he started vomiting then complained of stretching of throat and jaw muscle, breathing problem little pain in heart. As we stay in BTM, Bengaluru, nearest hospital was Gangothri hospital so I took him there. Attendant doctor checked him and asked us to do an ECG and blood test.
Both were done immediately. Then they admitted him and gave saline and few medicines. The main doctor of hospital Dr K.N.N Pai came for rounds and checked him and said this is nothing but dehydration and throat infection he will be alright soon.
I have no idea that whether he had checked the ECG report or not. That night we stayed in the hospital. Till then Girish was telling he was not filling comfortable as his arms are paining and he is not able to breathe properly. I went asked the attendant doctor about the ECG and blood report.
He said everything seems "Normal". He gave him pain killer and sleeping tablets and said you will be alright just try to sleep.
The next day morning 10 Am Dr K.N. N Pai again visited and checked Girish and tasked how he is feeling. Girish told he is little better as he took the pain killer medicines.
Dr said today they will discharge him and to take rest at home for 2 to 3 days he will feel batter. They gave some antibiotics and pain killer tablets and discharged him.
14th June 2 pm we came home. After we came home daily Girish was getting fever and complaining of breathing problem. Again 17th June evening I took him to same hospital to check why his fever is not coming down. For our surprise Dr K.N.N Pai refused to check him as we didn’t have appointment.
i requested them that its urgent as my husband was admitted here only. They said we can check with other doctors if we want. So we checked with general physician there and showed the previous reports. Still they could not find what the problem with Girish is and asked us to do a blood test. Test done in 1 hour and showed some infection.
Till that time the doctor (Dr.Rakhi) was gone and other general doctor came (attendant doctor on 13th June night) saw the blood report and told its nothing but throat infection and wrote high power antibiotics and sleeping tablets. I gave him those medicines after dinner but that night Girish could not sleep for a second also.
Next day morning i.e 18th June i took him to a private clinic in indira nagar with the help of my brother. There the doctor was shocked to see the ECG report taken on 13th June and asked us why nobody has not seen this ECG report before. It was clearly mentioned there that Girish got his first attack that day.
We were dumb stuck with his words. Dr immediately referred us to go to Chinmaya missin hospital and get admitted. In CMH, the doctors told it’s too much delayed but still we will try our best and did angioplasty same day.
After 2 hours of operation Girish was fine but suddenly his condition got worst. Doctor called us and told chances of his survival is 1% only god can help him. At 11 pm night Girish left this world leaving us alone. The heart blockage was 100% so blood flow to few area was totally blocked and the cells were died off in that area.
As a result after clearance of the blockage also the cells could not accept the blood and his heart ruptured. If the doctors would have noticed the ECG report the same day of attack Girish would have survived.
Sorry for such a long post but i don’t want anyone else suffer like me so wanted all of you to know about it. Whenever any of your near and dear ones complain of breathing problem, jaw and throat muscle stretch, arms getting pain then immediately check with cardiology specialist without any delay. Because it’s a sign of heart attack.
I am going to put a case on Gangothri hospital for a such a negligence act. But mean time I want everybody to spread this massage as much as possible so that no one else should suffer like me in future.
Many people already asked if he had any BAD HABITS.. want to clarify right away.. NO he didn't have ANY bad habits.
https://www.facebook.com/pallavi.panda.52/posts/10153404726655270
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हार्ट अटेक से संबन्धित कुछ घरेलू उपाय :
बायोकेमिक औषद्धि KALI PHOS को 6 x शक्ति में दिन में 3 बार 4-4-4 गोली सेवन करने से हाई व लो ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित होते हैं और हार्ट के लिए तो यह रामबाण औषद्धि है। बहुत ज़रूरी होने पर 10-10 मिनट के अंतराल पर 4-4-4 गोली चूसने को दें या गुनगुने पानी में घोल कर पिलाएँ जो sinking heart को भी दुरुस्त करने में कारगर है।
ॐ भू : ॐ भुव: ॐ स्व: ॐ तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गों देवस्य धीमहि । ॐ धियों यो न : प्रचोदयात । ।
इस प्रकार से पश्चिम दिशा में मुख करके धरती से इंसुलेशन बनाते हुये किसी आसन ( लकड़ी,ऊन अथवा पोलीथीन ) पर बैठ कर 108 या कम से कम 27 बार नियमित वाचन करने से निम्न,उच्च रक्तचाप व हृदय रोगों में लाभ मिलता है।
ॐ = अ+उ+म का उच्चारण करने से शरीर के केंद्र बिन्दु 'नाभि' की कसरत हो जाती है जिससे 'नर्वस सिस्टम' ठीक रहता है। ब्लाकेज भी खुल जाते हैं। ॐ के उच्चारण के अतिरिक्त नाभि की न तो कोई दूसरी कसरत है न ही मालिश।
Sunday, 28 June 2015
गुणों से भरपूर चुकंदर ऊर्जा का संचार करता है --- डॉ आरती सिंह
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https://www.facebook.com/groups/1374833052829804/permalink/1464663993846709/
रोजाना थोड़ा सा चुकंदर खाने से मिलने लगेंगे ये गजब के रिजल्ट्स-----
चुकंदर का सेवन अधिकतर लोग सलाद के रूप में या जूस बनाकर करते हैं। इसके लाल रंग के कारण अधिकतर लोग सिर्फ इसे खून बढ़ाने वाली चीज के रूप में ही जानते हैं और इसका उपयोग भी इसीलिए करते हैं..... इसे खाने के एक नहीं अनेक फायदे हैं....... गुणों से भरपूर- सोडियम पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते है इसे खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है.......उम्र के साथ ऊर्जा व शक्ति कम होने लगती है, चुकंदर का सेवन अधिक उम्र वालों में भी ऊर्जा का संचार करता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं........यदि आपको आलस महसूस हो रही हो या फिर थकान लगे तो चुकंदर का खा लीजिये। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर की एनर्जी बढाता है
दिल की बीमारियां- चुकंदर में नाइट्रेट नामक रसायन होता है जो रक्त के दबाव को काफी कम कर देता है और दिल की बीमारी के जोखिम को भी कम करता है। चुकंदर एनीमिया के उपचार में बहुत उपयोगी माना जाता है। यह शरीर में रक्त बनाने की प्रक्रिया में सहायक होता है। आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय रखने की क्षमता को बढ़ा देता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और घाव भरने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर में- शोधकर्ताओं ने रोज चुकंदर का जूस पीने वाले मरीजों को अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने रोज चुकंदर का मिक्स जूस [गाजर या सेब के साथ] पीने वाले मरीजों के हाई ब्लड प्रेशर में कमी पाई। अध्ययन के मुताबिक रोजाना केवल दो कप चुकंदर का मिक्स जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है......चुकंदर का नियमित सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत नहीं होगी। बवासीर के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले एक गिलास या आधा गिलास जूस दवा का काम करता है.......लोग जिम में जी तोड़ कर वर्कआउट करते हैं उन्हें खाने के साथ चुकंदर खाना चाहिए..... इससे शरीर में एनर्जी बढती है और थकान दूर होती है......साथ ही अगर हाई बीपी हो गया हो तो इसे पीने से केवल 1 घंटे में शरीर नार्मल हो जाता है......
चुकंदर का सेवन अधिकतर लोग सलाद के रूप में या जूस बनाकर करते हैं। इसके लाल रंग के कारण अधिकतर लोग सिर्फ इसे खून बढ़ाने वाली चीज के रूप में ही जानते हैं और इसका उपयोग भी इसीलिए करते हैं..... इसे खाने के एक नहीं अनेक फायदे हैं....... गुणों से भरपूर- सोडियम पोटेशियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन, आयोडीन, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते है इसे खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है.......उम्र के साथ ऊर्जा व शक्ति कम होने लगती है, चुकंदर का सेवन अधिक उम्र वालों में भी ऊर्जा का संचार करता है। इसमें एंटीआक्सीडेंट पाए जाते हैं........यदि आपको आलस महसूस हो रही हो या फिर थकान लगे तो चुकंदर का खा लीजिये। इसमें कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर की एनर्जी बढाता है
दिल की बीमारियां- चुकंदर में नाइट्रेट नामक रसायन होता है जो रक्त के दबाव को काफी कम कर देता है और दिल की बीमारी के जोखिम को भी कम करता है। चुकंदर एनीमिया के उपचार में बहुत उपयोगी माना जाता है। यह शरीर में रक्त बनाने की प्रक्रिया में सहायक होता है। आयरन की प्रचुरता के कारण यह लाल रक्त कोशिकाओं को सक्रिय रखने की क्षमता को बढ़ा देता है। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और घाव भरने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर में- शोधकर्ताओं ने रोज चुकंदर का जूस पीने वाले मरीजों को अध्ययन में शामिल किया। उन्होंने रोज चुकंदर का मिक्स जूस [गाजर या सेब के साथ] पीने वाले मरीजों के हाई ब्लड प्रेशर में कमी पाई। अध्ययन के मुताबिक रोजाना केवल दो कप चुकंदर का मिक्स जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है......चुकंदर का नियमित सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत नहीं होगी। बवासीर के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले एक गिलास या आधा गिलास जूस दवा का काम करता है.......लोग जिम में जी तोड़ कर वर्कआउट करते हैं उन्हें खाने के साथ चुकंदर खाना चाहिए..... इससे शरीर में एनर्जी बढती है और थकान दूर होती है......साथ ही अगर हाई बीपी हो गया हो तो इसे पीने से केवल 1 घंटे में शरीर नार्मल हो जाता है......
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