Saturday 12 January 2019

योनि रक्तस्राव : कारण और निवारण ------ अनुराग गुप्ता

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पीरियड्स के दिनों में महिलाओं में वजाइना (योनि) से ब्लीडिंग (रक्तस्राव) की आम समस्या है। मगर सामान्य दिनों में योनि से रक्तस्राव होना असामान्य है। कई बार पीरियड्स के दौरान भी अगर सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है या ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग हो रही है, तो ये असामान्य हो सकता है। ज्यादातर महिलाएं इसे पीरियड्स का प्रभाव या सामान्य कारण मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन कई बार बिना कारण योनि से होने वाला रक्तस्राव कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। आइए आपको बताते हैं वजाइना से होने वाला रक्तस्राव किन समस्याओं का हो सकता है संकेत।
वजाइना से असामान्य ब्लीडिंग के हो सकते हैं ये कारण :
गर्भाशय की दीवार में सूजन
गर्भाशय में फाइब्रॉइड (गांठ) का होना
अचानक ज्यादा वजन घट जाने के कारण
अचानक से वजन बढ़ जाने के कारण
गर्भाशय में पॉलीप्स का होना (गर्भाशय की दीवार पर ढेर सारे छोटे-छोटे उभार)
गर्भाशय, योनि या अंडाशय का कैंसर होना
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या
गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग या आईयूडी डिवाइस के प्रयोग के कारण
गर्भाशय का संक्रमण (इंफेक्शन) हो जाना
गर्भाशयम में ट्यूमर होना
थायरॉइड की समस्या :
थायरॉइड आपके चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को कंट्रोल करने वाले महत्वपूर्ण हार्मोन्स पैदा करता है। थायरॉइड के अनियमित हो जाने पर ऊर्जा की कमी, भूख में वृद्धि या भूख की कमी, ऐंठन, जोड़ों का दर्द, बाल झड़ना और नाखून टूटना, अचानक वजन बढ़ना या घटाना और जठरांत्र संबंधी समस्याएं जैसे दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं। तो यदि इन लक्षणों के साथ अगर असामान्य ब्लीडिंग होती है, तो संभवतः यह थायराइड समस्या के कारण है।

गर्भनिरोधक दवा का असर:
अगर आप गर्भधारण की रोकथआम के लिये किसी बर्थकंट्रोल दवा का सेवन कर रही हैं या हाल में ही आपने कोई नए ब्रांड की गर्भनिरोधक दवा खानी शुरू की है तो भी ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भनिरोधक दवाओं से लेकर योनि गर्भनिरोधक छल्ले तक स्‍पॉटिंग के कारण बन सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि ये सभी अपने शरीर के हार्मोन के स्तर में बदलाव कर देते हैं, और अप्रत्याशित रक्तस्राव कारण बनते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान:
अगर आप ब्लीडिंग की समस्या को नजरअंदाज करती हैं और चिकित्सक को नहीं दिखाती हैं, तो गर्भाशय को नुकसान पहुंच सकता है।
अगर आपको 7 दिन से ज्यादा लगातार ब्लीडिंग हो रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
अगर आपको पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द हो रहा है या कुछ असामान्य लग रहा है, तो चिकित्सक से संपर्क करें।
अगर आपको 90 दिनों से ज्यादा समय से पीरियड्स नहीं आया है, तो डॉक्टर से मिलकर इसका कारण जानें।
अगर पीरियड्स के दौरान भी आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो चिकित्सक से मिलना जरूरी है।
 by: Anurag Gupta
 ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग Jan 11, 2019

Monday 7 January 2019

हल्दी का सेवन कितना ? ------ अनुराग गुप्ता

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हल्दी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है, यह आप भी जानते हैं। हल्दी दर्द, सूजन और इंफेक्शन को दूर करती है। मसाले के अलावा हल्दी का प्रयोग कई तरह के घरेलू उपचारों में भी किया जाता है मगर क्या आप जानते हैं कि हल्दी का ज्यादा सेवन शरीर के लिए खतरनाक भी होता है। कई लोग हल्दी दूध के फायदों के कारण दूध में ढेर सारी हल्दी मिलाकर पीते हैं और सब्जी, दाल आदि में भी ढेर सारी हल्दी का इस्तेमाल करते हैं। मगर हल्दी का ज्यादा प्रयोग करने से इसके नुकसान भी होते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं ज्यादा हल्दी के सेवन के नुकसान और रोज कितनी हल्दी का सेवन है सुरक्षित।
पथरी का कारण बन सकती है ज्यादा हल्दी  : 

हल्दी में ऑक्सलेट की मात्रा होती है इसलिए अगर आप हल्दी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको पथरी होने का खतरा होता है। ये ऑक्सलेट शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सलेट बना लेता है, जो धीरे-धीरे किडनी में जमा होता रहता है और पथरी का कारण बनता है।
डायरिया और जी मिचलाना :
हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन को माना जाता है, जो कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। मगर शरीर में ज्यादा कर्क्युमिन होने पर ये डायरिया का कारण बन सकता है और इससे जी मिचलाने या उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

शरीर से घटाता है आयरन : 

अगर आप ज्यादा हल्दी का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया जैसा खतरनाक रोग हो जाता है। दरअसल हल्दी में मौजूद तत्व आयरन को एब्जॉर्ब कर लेते हैं, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।

कितनी हल्दी का सेवन करें रोज : 

हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन होता है। हमारे शरीर को रोजाना 500 से 800 मिलीग्राम तक कर्क्युमिन की जरूरत होती है। एक छोटे चम्मच हल्दी में 200 मिलीग्राम कर्क्युमिन होता है। इसलिए एक दिन में हमें 2 या 3 चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्दी दूध बनाने के लिए एक ग्लास दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं।
 (Anurag Gupta

 ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग Jan 05, 2019 )

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Sunday 6 January 2019

गाजर सेवन महिलाओं के लिये ------ अनुराग गुप्ता

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गाजर शरीर में आयरन की पूर्ति करने के साथ-साथ खून भी साफ करता है।पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन की समस्या को कम करता है गाजर।माहवारी में गाजर का जूस पीना बहुत फायदेमंद रहता है।

महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है गाजर का सेवन, ये 4 समस्याएं होंगी दूर : 
By Anurag Gupta , ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग / Dec 29, 2018
गाजर का सेवन वैसे तो सभी के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें कैरोटिन और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मगर महिलाओं को गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि गाजर महिलाओं की कई समस्याओं को ठीक करता है। आयरन की कमी, खून की कमी, माहवारी के दर्द और एस्ट्रोजन हार्मोन की समस्याओं को गाजर के नियमित सेवन से बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं महिलाओं के लिए गाजर खाने के फायदे।
आयरन और खून की कमी होती है दूर :

भारत में महिलाओं में खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या बहुत ज्यादा पाई जाती है। गाजर आयरन का बेहतरीन स्रोत है। गाजर का प्रयोग आप सलाद या गाजर की सब्जी के रूप में कर सकते हैं। गाजर शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है। यह शरीर में आयरन की पूर्ति करने के साथ-साथ खून भी साफ करता है। रोजाना एक ग्लास गाजर का जूस पीने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।
पीरियड्स का दर्द होता है कम : 
कई महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन की समस्या से निजात पाने में भी गाजर आपकी मदद कर सकता है। गाजर में कई एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स, बीटा कैरोटिन, अल्फा कैरोटिन, कैल्शियम, विटामिन ए, बी1, बी2, सी और ई आदि होता है। गाजर से शरीर के इम्यून सिस्टम को ताकत मिलती है। गाजर न सिर्फ आपकी आंखों के लिए अच्छी होती है बल्कि ये पीरियड्स के दर्द में भी मददगार साबित होती है। पीरियड्स के दौरान गाजर का सेवन करें और रोज एक ग्लास गाजर के जूस को थोड़ी सी अजवाइन के साथ पिएं, दर्द और अन्य परेशानियां कम होंगी।

एस्ट्रोजन हार्मोन को करता है उत्तेजित :

गाजर में मौजूद बीटा-केरोटिन, विटामिन्स और पोटैशियम बहुत फायदेमंद होते हैं। गाजर में कैरोटीन नाम का पिग्मन्ट होता है जो शरीर में एस्ट्रोजन को उत्तेजित करने में सहायता करता है जो शरीर में गर्मी को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा ये हार्मोन महिलाओं को गर्भधारण में भी मदद करता है। बीटा-केरोटिन से गाजर विटामिन A का सबसे प्रभावकारी स्त्रोत बनती है।
कैसे करें गाजर का सेवन :

माहवारी में गाजर का जूस पीना बहुत फायदेमंद रहता है। इसके अलावा कच्ची गाजर खाना भी दर्द से आराम देता है। पीरियड्स में दर्द होने पर एक कप पानी में गाजर को बारीक काटकर उबाल लें। अगर स्वाद अच्छा न लगे तो इसमें स्वादानुसार शक्कर और कालीमिर्च भी मिला सकती हैं। अब दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें। दर्द में राहत मिलेगी।
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Friday 4 January 2019

सहजन व व्यायाम , भोजन से स्वास्थ्य लाभ

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Wednesday 2 January 2019

प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के घरेलू उपाय ; platelet badhane ke upay ------

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कम प्लेटलेट काउंट एक स्वास्थ्य विकार है जिसमें आपके रक्त प्लेटलेट्स सामान्य से कम होते हैं। platelet badhane ke upay प्लेटलेट्स रक्त कोशिकाओं में सबसे नन्हा होता है, जो लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं की तुलना में बहुत छोटा होता है। वे रक्त के थक्के बनाने में सहायता करते हैं और चोट लगने पर शरीर से खून की कमी को रोकने में मदद करते हैं। 5 से 9 दिनों के जीवन काल के साथ, वे हमारे शरीर में बहुत बड़ी संख्या में मौजूद होते हैं।

कम प्लेटलेट गिनती के कारण : 
प्लेटलेट्स का कम होना एक गंभीर समस्या है क्योंकि इससे हमारे शरीर से खून की कमी हो जाती है। प्लेटलेट्स की कम संख्या के पीछे दो कारण हो सकते हैं - या तो वे नष्ट हो रहे हैं या पर्याप्त उत्पादन नहीं हो रहे हैं। यह विभिन्न कारणों सहित हो सकता है:
एनीमिया, वायरल संक्रमण, ल्यूकेमिया, कीमोथेरेपी, अत्यधिक शराब के सेवन और विटामिन 12 की कमी के कारण प्लेटलेट्स का उत्पादन कम होना।
किसी भी गंभीर जिगर की बीमारी या कैंसर के कारण प्लीहा में प्लेटलेट्स की कमी।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे आईटीपी, टीटीपी, रक्त में जीवाणु संक्रमण, दवाओं और ऑटोइम्यून रोग के कारण प्लेटलेट्स का टूटना।
कम प्लेटलेट्स के कुछ लक्षण :
थकान, कमजोरी, कटौती से लंबे समय तक रक्तस्राव, त्वचा पर चकत्ते, मूत्र या मल के माध्यम से रक्तस्राव हो सकते हैं। लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलावों और कुछ घरेलू उपचारों का पालन करके, ब्लड प्लेटलेट काउंट को बढ़ाया जा सकता है।

 ब्लड प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए कुछ सरल घरेलू उपचार नीचे दिए गए हैं।
 पपीता और पपीता के पत्ते : 
पपीता और इसकी पत्तियां दोनों हमारे शरीर में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में बहुत सहायक हैं, 2009 में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मलेशिया द्वारा किए गए एक शोध में कहा गया है। आप पके पपीते का सेवन कर सकते हैं और हर दिन इसके पत्तों का रस पी सकते हैं। आपका प्लेटलेट काउंट सामान्य नहीं आता है। आप पपीते का रस भी पी सकते हैं और इसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिला सकते हैं।
कद्दू और उसके बीज : 
कद्दू में पोषक तत्व प्रभावी रूप से प्रोटीन का उत्पादन करने में सहायक होते हैं, जो प्लेटलेट्स के उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कद्दू में विटामिन ए भी होता है जो हमारे शरीर में प्लेटलेट्स के उत्पादन में मदद करता है। तो, कद्दू और इसके बीजों का नियमित सेवन हमारी प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में हमारी मदद करता है।
नींबू का रस : 
नींबू हमारे शरीर को अच्छी मात्रा में विटामिन सी प्रदान करता है। विटामिन सी प्लेटलेट काउंट को बेहतर बनाने में मदद करता है। इतना ही नहीं, विटामिन सी हमारी प्रतिरोधक क्षमता में भी सुधार करता है जो बदले में प्लेटलेट्स की मुक्त कणों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए बहुत उपयोगी है।
आंवला (भारतीय करौदा ) : 
आंवला भी विटामिन सी से भरपूर होता है और नींबू से होने वाले सभी लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा, आंवला एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है और इस प्रकार कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद करता है जिससे कम प्लेटलेट काउंट हो सकता है।
चुकंदर की जड़ : 
बीट रूट प्लेटलेट्स के मुक्त कट्टरपंथी नुकसान को भी रोकता है और इसकी संख्या बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए, एक गिलास बीट रूट जूस का सेवन प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में बहुत मदद कर सकता है।
platelet badhane ke upay ::
wheet grass / गेंहू की घास  : 
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ यूनिवर्सल फार्मेसी एंड लाइफ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि व्हीटग्रास हमारे खून में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन अणु की तरह आणविक संरचना के साथ, क्लोरोफिल में व्हीटग्रास अधिक होता है। इसकी प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए आप थोड़ा सा नींबू के रस के साथ आधा कप व्हीटग्रास जूस का सेवन कर सकते हैं।
विटामिन सी एक पोषक तत्व है जो लोहे के साथ खुद को बांधकर लोहे के अवशोषण को बढ़ाता है। यह अघुलनशील और अघुलनशील लोहे के यौगिकों के निर्माण को रोकता है।
एलो वेरा का रस  :

एलो वेरा रक्त शोधन प्रक्रिया में मदद करता है। यह रक्त संक्रमण को रोकने में भी प्रभावी है। यह सब रक्त प्लेटलेट गिनती में वृद्धि की ओर जाता है और कम प्लेटलेट्स की समस्या का प्रभावी ढंग से इलाज करता है।

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