लाइफस्टाइल डेस्क: हर भारतीय किचन में आसानी से मिल जाने वाले
कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल खासकर सब्जी व दाल में तड़का लगाने के लिए होता है।
दक्षिण भारतीय खाने जैसे सांभर और रसम में इनका उपयोग अधिक होता है, फिर
भी इस मसाले में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई औषधीय गुण भी हैं। एक रिसर्च
के मुताबिक, प्रति सौ ग्राम कढ़ी पत्ते में 66 प्रतिशत मॉइश्चर, 6.1
प्रतिशत प्रोटीन, 1 प्रतिशत वसा, 16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 6.4 प्रतिशत
मिनरल पाया जाता है। इस तरह से कढ़ी पत्ता पेट के लिए काफी फायदेमंद है।
आइए, इसके कुछ और उपयोग के बारे में जानते हैं।
1- डायबिटीज़ को कंट्रोल करता है:
कढ़ी पत्ते में एंटी-डायबिटिक एंजेट होते हैं। यह शरीर में इंसुलिन की
गतिविधि को प्रभावित करके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। साथ ही, इसमें
मौजूद फाइबर भी डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
कैसे करें इस्तेमाल- अपने भोजन में कढ़ी पत्ते की मात्रा
बढ़ाएं या फिर रोज सुबह तीन महीने तक खाली पेट कढ़ी पत्ता खाएं तो फायदा
होगा। कढ़ी पत्ता मोटापे को कम कर के डायबिटीज को भी दूर कर सकता है।
2- दिल की बीमारियों से बचाता है:
स्टडी के अनुसार, कढ़ी पत्ते में ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले
गुण होते हैं, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं। यह
एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से
रोकते हैं। दरअसल, ऑक्सीकृत कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल बनाते हैं जो
हार्ट डिसीज़ को न्योता देते हैं।
3-डायरिया को रोकता है:
कढ़ी पत्ते में कार्बाज़ोल एल्कालॉयड्स होते हैं, जिससे इसमें
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण पेट के लिए
बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पेट से पित्त भी दूर करता है, जो डायरिया होने
का मुख्य कारण है।
कैसे करें सेवन- अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं तो कढ़ी के कुछ पत्तों को कस कर छाछ के साथ पिएं। ऐसा दिन में दो से तीन बार दोहराने से आराम मिलता है।
4-नाक और सीने से कफ का जमाव कम करता है:
अगर आपको सूखा कफ, साइनसाइटिस और चेस्ट में जमाव है तो कढ़ी पत्ता
आपके लिए बेहद असरदार उपाय हो सकता है। इसमें विटामिन सी और ए के साथ
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं, जो जमे हुए बलगम को बाहर
निकालने में मदद करते हैं।
कैसे करें सेवन- कफ से राहत पाने के लिए एक चम्मच कढ़ी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस मिक्सचर को दिन में दो बार पिएं।
5-लिवर को सुरक्षित करता है:
अगर आप ज्यादा एल्कोहल का सेवन करते हैं या फिश ज्यादा खाते हैं तो
कढ़ी पत्ता आपके लिवर को इससे प्रभावित होने से बचा सकता है। कढ़ी पत्ता
लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, जो हानिकारक तत्व जैसे मरकरी
(मछली में पाया जाता है) और एल्कोहल की वजह से लिवर पर पड़ता है।
कैसे करें सेवन- घर के बने हुए घी को गर्म करके
उसमें एक कप कढ़ी पत्ते का जूस मिलाएं। इसके बाद थोड़ी-सी चीनी और पिसी हुई
काली मिर्च मिलाएं। अब इस मिक्सचर को कम तापमान में गर्म करके उबाल लें और
उसे हल्का ठंडा करके पिएं।
6-एनीमिया रोगियों के लिए उपयोगी:
कढ़ी पत्ते में आयरन और फोलिक एसिड उच्च मात्रा में होते हैं। एनीमिया
शरीर में सिर्फ आयरन की कमी से नहीं होता, बल्कि जब आयरन को अब्जॉर्ब करने
और उसे इस्तेमाल करने की शक्ति कम हो जाती है, तो इससे भी एनीमिया हो जाता
है। इसके लिए शरीर में फोलिक एसिड की भी कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि
फोलिक एसिड ही आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
कैसे करें सेवन- अगर आप एनीमिया से पीड़ित हैं तो एक
खजूर को दो कढ़ी पत्तों के साथ खाली पेट रोज सुबह खाएं। इससे शरीर में
आयरन लेवल ऊंचा रहेगा और एनीमिया होने की संभावना भी कम होगी।
7- पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से राहत देता है:
मासिक धर्म के दिनों में होने वाली परेशानी व दर्द से निजात पाने के लिए कढ़ी पत्ता काफी असरदार होता है।
कैसे करें इस्तेमाल- इसके लिए मीठे नीम या कढ़ी के
पत्तों को सुखाकर इनका बारीक पाउडर तैयार कर लें। अब एक छोटा चम्मच इस
मिक्सचर को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। सवेरे और शाम दिन में दो बार
इसे लें। कढ़ी, दाल, पुलाव आदि के साथ कढ़ी पत्ते का नियमित सेवन बेहद
फायदेमंद है।
8- बाल सफेद होने से रोकता है:
करी पत्ते में विटामिन बी1 बी3 बी9 और सी होता है। इसके अलावा, इसमें
आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस की भी भरपूर मात्रा होती है। इसके इस्तेमाल से
बाल सफेद होने से बच सकते हैं।