Wednesday, 19 November 2014

काली मिर्च आदि से घरेलू इलाज और कैंसर












जैतून के तेल के लाभ
जैतून के तेल का प्रयोग शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। जैतून के तेल में फ्लेवसेनॉयड्‌स स्कवेलीन और पोरीफेनोल्स एंटीऑक्सीडेंट्‌स होता है जो फ्री रैडिकल्स से कोशिकाओं को समाप्त होने से बचाता है। सर्दियों और गर्मियों के मौसम में यह रूखी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग करने से बालों से डैंड्रफ समाप्त होता है। झुर्रियों को समाप्त करने के लिए यह बहुत उपयोगी है। शरीर के हर अंग में इस तेल का प्रयोग किया जा सकता है। खाने में इसे शामिल कर ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसे रोगों को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
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गाजर के सेवन से भी कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार किसी की जन्म कुंडली में 'शनि' व 'मंगल' ग्रह में परस्पर संबंध हो तो 'कैंसर' रोग होने सम्भावना रहती है।

*आगरा कालेज,आगरा के जूलाजी विभाग के अध्यक्ष रहे एक अवकाश प्राप्त सज्जन को 64 वर्ष की अवस्था मूत्र नली में कैंसर का डॉ को पता चला था ,वह पहले से ही डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर व हार्ट के मरीज थे। आपरेशन करवाने से घबरा रहे थे लेकिन ज्योतिष के अनुसार उनको शनि व मंगल ग्रहों के शमन का परामर्श दिया गया जिसका पालन उन्होने बखूबी किया फलतः उनका आपरेशन सफल रहा । लेकिन आपरेशन दिये गए समय पर करवाने में डॉ को राज़ी करना सरल काम नहीं था। जब डॉ आपरेशन करना चाहते थे समय उनके प्रतिकूल था उनको न करवाने का परामर्श दिया था। अनुकूल समय पर डॉ नहीं करते थे। अंततः जब ज्योतिष के अनुसार अनुकूल समय पर डॉ ने आपरेशन करना स्वीकार किया तभी उन्होने आपरेशन करवाया जो सफल हो सका जबकि डॉ सफलता की गारंटी नहीं दे रहे थे।
* अलीगढ़ स्थित एक मेडिकल रिप्रेंजनटेटिव की पत्नी को मस्तिष्क में कैंसर का पता चला था जिनके दो छोटे-छोटे बच्चे थे। उनके आगरा स्थित मित्र ने मुझसे संपर्क कर परामर्श मांगा और दी गई सलाह के अनुसार उपचार व आपरेशन करवाया गया जो पूर्ण रूप से सफल रहा जबकि वहाँ भी डॉ ने गारंटी नहीं दी थी।





काम के लिए
सर्दी-जुकाम होने पर दालचीनी का प्रयोग करना चाहिए। एक चम्मच शहद में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर मिलाकर सुबह-शाम लेने से खांसी-जुकाम में आराम मिलता है। हल्के गर्म पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर तथा एक चुटकी पिसी काली मिर्च शहद में मिलाकर पीने से जुकाम तथा गले की खराश दूर होती है। इसके पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाने से ठंडी हवा से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है।
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Friday, 14 November 2014

स्वस्थ शरीर जीवन:कुछ घरेलू उपचार..विजय प्रकाश अग्रवाल

कुछ घरेलू उपचार..
- अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम, पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..
- रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर, बेहतर लीवर आपका, टी० बी० भी हो दूर..
- गाजर रस संग आँवला, बीस औ चालिस ग्राम, रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..ठण्ड लगे जब आपको, सर्दी से बेहाल, नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..
- अदरक का रस लीजिए, मधु लेवें समभाग, नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग..
- शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम, बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..
(- चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय, चौलाई पालक भली, यौवन स्थिर होय..)
- लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह, जूसकरेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह
..- प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह, जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..
- सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय, दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..
- सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार, दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..
- तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल, सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल..

- थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग, अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग
..- अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय, मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि, उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि..
- दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ, दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ.
.- मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल, बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल..
- कंचन काया को कभी, पित्त अगर दे कष्ट, घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट.
.- बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग, सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..
- बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो एक ग्राम, सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम..
- नीबू बेसन जल शहद , मिश्रित लेप लगाय, चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय, कंठ सुरीला साथ में , वाणी मधुरिम होय..
- पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज, नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..
- ठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम, नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..
- कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय, अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..
- अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम, कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..
- छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग, जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह

Thursday, 13 November 2014

दालचीनी के कुछ घरेलु प्रयोग ---Face Book

सामान्यत: दालचीनी मसालों के रूप में काम मे ली जाती है। लेकिन यह पेट रोग, इंफ्यूएंजा, टाइफाइड, टीबी और कैंसर जैसे रोगों में उपयोगी पाई गई है। दालचीनी का तेल बनता है। दालचीनी,साबुन, दांतों के मंजन, पेस्ट, चाकलेट, सुगंध व उत्तेजक के रूप में काम में आती है। चाय, काफी में दालचीनी डालकर पीने से स्वादिष्ट हो जाती है तथा जुकाम भी ठीक हो जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दालचीनी के कुछ घरेलु प्रयोग जो बहुत उपयोगी हैं।

- दालचीनी का तेल दर्द, घावों और सूजन को नष्ट करता है।

- दालचीनी को तिल के तेल, पानी, शहद में मिलाकर उपयोग करना चाहिए। दर्द वाले स्थान पर मालिश करने के बाद इसे रातभर रहने देते है। मालिश अगर दिन में करें तो 2-3 घंटे के बाद धोएं।

- दालचीनी त्वचा को निखारती है तथा खुजली के रोग को दूर करती है।

- दालचीनी सेहत के लिए लाभकारी है। यह पाचक रसों के स्त्राव को भी उत्तेजित करती है। दांतों की समस्याओं को दूर करने में भी यह उपयोगी है।

- रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

- दालचीनी का नियमित प्रयोग मौसमी बीमारियों को दूर रखता है।

- ठंडी हवा से होने वाले सिरदर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं।

- दालचीनी पाउडर में नीबू का रस मिलाकर लगाने से मुंहासे व ब्लैकहैड्स दूर होते हैं।

- दालचीनी, डायरिया व जी मिचलाने में भी औषधी के रूप में काम में लाई जाती है।

- मुंह से बदबू आने पर दालचीनी का छोटा टुकड़ा चूसें। यह एक अच्छी माउथ फ्रेशनर भी है।

- दालचीनी में एंटीएजिंग तत्त्व उपस्थित होते हैं। एक नीबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर पांच मिनट के लिए शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।

- दालचीनी पाउडर की तीन ग्राम मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ लेने पर दस्त बंद हो जाते हैं

- आर्थराइटिस का दर्द दूर भगाने में शहद और दालचीनी का मिश्रण बड़ा कारगर है।

-गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या बेहद आम है। इससे छुटकारा पाने के लिए गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। इसे सिर में लगाए और पंद्रह मिनट बाद धो लें।

- एक चम्मच दालचीनी पाउडर और पांच चम्मच शहद मिलाकर बनाए गए पेस्ट को दांत के दर्द वाली जगह पर लगाने से फौरन राहत मिलती है।

- सर्दी जुकाम हो तो एक चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर दिन में तीन बार खाएं। पुराने कफ और सर्दी में भी राहत मिलेगी।

- पेट का दर्द-शहद के साथ दालचीनी पाउडर लेने पर पेट के दर्द से राहत मिलती है।

- खाली पेट रोजाना सुबह एक कप गरम पानी में शहद और दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से फैट कम होता है। इससे मोटे से मोटा व्यक्ति भी दुबला हो जाता है।

Wednesday, 12 November 2014

कढ़ी पत्ता के 8 फायदे और अन्य प्राकृतिक उपचार

लाइफस्टाइल डेस्क: हर भारतीय किचन में आसानी से मिल जाने वाले कढ़ी पत्ते का इस्तेमाल खासकर सब्जी व दाल में तड़का लगाने के लिए होता है। दक्षिण भारतीय खाने जैसे सांभर और रसम में इनका उपयोग अधिक होता है, फिर भी इस मसाले में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ कई औषधीय गुण भी हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, प्रति सौ ग्राम कढ़ी पत्ते में 66 प्रतिशत मॉइश्चर, 6.1 प्रतिशत प्रोटीन, 1 प्रतिशत वसा, 16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 6.4 प्रतिशत मिनरल पाया जाता है। इस तरह से कढ़ी पत्ता पेट के लिए काफी फायदेमंद है। आइए, इसके कुछ और उपयोग के बारे में जानते हैं।
1- डायबिटीज़ को कंट्रोल करता है:
कढ़ी पत्ते में एंटी-डायबिटिक एंजेट होते हैं। यह शरीर में इंसुलिन की गतिविधि को प्रभावित करके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर भी डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है।
कैसे करें इस्तेमाल- अपने भोजन में कढ़ी पत्ते की मात्रा बढ़ाएं या फिर रोज सुबह तीन महीने तक खाली पेट कढ़ी पत्ता खाएं तो फायदा होगा। कढ़ी पत्ता मोटापे को कम कर के डायबिटीज को भी दूर कर सकता है। 

2- दिल की बीमारियों से बचाता है:
स्टडी के अनुसार, कढ़ी पत्ते में ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले गुण होते हैं, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं। यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से रोकते हैं। दरअसल, ऑक्सीकृत कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल बनाते हैं जो हार्ट डिसीज़ को न्योता देते हैं।
3-डायरिया को रोकता है:
कढ़ी पत्ते में कार्बाज़ोल एल्कालॉयड्स होते हैं, जिससे इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये गुण पेट के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। यह पेट से पित्त भी दूर करता है, जो डायरिया होने का मुख्य कारण है।
कैसे करें सेवन- अगर आप डायरिया से पीड़ित हैं तो कढ़ी के कुछ पत्तों को कस कर छाछ के साथ पिएं। ऐसा दिन में दो से तीन बार दोहराने से आराम मिलता है।
4-नाक और सीने से कफ का जमाव कम करता है:
अगर आपको सूखा कफ, साइनसाइटिस और चेस्ट में जमाव है तो कढ़ी पत्ता आपके लिए बेहद असरदार उपाय हो सकता है। इसमें विटामिन सी और ए के साथ एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल एजेंट होते हैं, जो जमे हुए बलगम को बाहर निकालने में मदद करते हैं। 
कैसे करें सेवन- कफ से राहत पाने के लिए एक चम्मच कढ़ी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस मिक्सचर को दिन में दो बार पिएं।
5-लिवर को सुरक्षित करता है:
अगर आप ज्यादा एल्कोहल का सेवन करते हैं या फिश ज्यादा खाते हैं तो कढ़ी पत्ता आपके लिवर को इससे प्रभावित होने से बचा सकता है। कढ़ी पत्ता लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, जो हानिकारक तत्व जैसे मरकरी (मछली में पाया जाता है) और एल्कोहल की वजह से लिवर पर पड़ता है।
कैसे करें सेवन-  घर के बने हुए घी को गर्म करके उसमें एक कप कढ़ी पत्ते का जूस मिलाएं। इसके बाद थोड़ी-सी चीनी और पिसी हुई काली मिर्च मिलाएं। अब इस मिक्सचर को कम तापमान में गर्म करके उबाल लें और उसे हल्का ठंडा करके पिएं।  
6-एनीमिया रोगियों के लिए उपयोगी:
कढ़ी पत्ते में आयरन और फोलिक एसिड उच्च मात्रा में होते हैं। एनीमिया शरीर में सिर्फ आयरन की कमी से नहीं होता, बल्कि जब आयरन को अब्जॉर्ब करने और उसे इस्तेमाल करने की शक्ति कम हो जाती है, तो इससे भी एनीमिया हो जाता है। इसके लिए शरीर में फोलिक एसिड की भी कमी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि फोलिक एसिड ही आयरन को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
कैसे करें सेवन- अगर आप एनीमिया से पीड़ित हैं तो एक खजूर को दो कढ़ी पत्तों के साथ खाली पेट रोज सुबह खाएं। इससे शरीर में आयरन लेवल ऊंचा रहेगा और एनीमिया होने की संभावना भी कम होगी।
7- पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से राहत देता है:
मासिक धर्म के दिनों में होने वाली परेशानी व दर्द से निजात पाने के लिए कढ़ी पत्ता काफी असरदार होता है।
कैसे करें इस्तेमाल- इसके लिए मीठे नीम या कढ़ी के पत्तों को सुखाकर इनका बारीक पाउडर तैयार कर लें। अब एक छोटा चम्मच इस मिक्सचर को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। सवेरे और शाम दिन में दो बार इसे लें। कढ़ी, दाल, पुलाव आदि के साथ कढ़ी पत्ते का नियमित सेवन बेहद फायदेमंद है।
8- बाल सफेद होने से रोकता है:
करी पत्ते में विटामिन बी1 बी3 बी9 और सी होता है। इसके अलावा, इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस की भी भरपूर मात्रा होती है। इसके इस्तेमाल से बाल सफेद होने से बच सकते हैं।
कैसे करें इस्तेमाल- रातभर भीगे हुए बादाम को छीलकर पानी और 10-15 कढ़ी पत्ता के साथ पीस लें। इस पेस्ट को सिर की स्किन पर लगाकर मसाज करें। इसके बाद किसी अच्छे माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें। ऐसा हफ्ते में एक बार करने से कुछ ही हफ्तों में रिज़ल्ट सामने होगा।





Sunday, 9 November 2014

मोटापा, पेट (तोंद)की चर्बी निवारण केकुदरती पदार्थों के उपचार

मोटापा, पेट (तोंद)की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के उपचार :
१) चर्बी घटाने के लियेव्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है।एरोबिक कसरतें लाभप्रदहोती हैं। आलसी जीवन शैली सेमोटापा बढता है। अत:सक्रियता बहुत जरूरी है।
२) शहद मोटापा निवारण केलिये अति महत्वपूर्ण पदार्थ है।एक चम्मच शहद आधा चम्मच नींबूका रस गरम जल में मिलाकर लेतेरहने से शरीर की अतिरिक्तचर्बी नष्ट होती है। यह दिन में३ बार लेना कर्तव्य है।
३) पत्ता गोभी(बंद गोभी) में चर्बी घटाने के गुण होते हैं।:ज्यादा केलोरी का दहन होता है। इस प्रक्रिया मेंचर्बी समाप्त होकर मोटापा निवारण में मदद मिलती है।
४) पुदीना मेंमोटापा विरोधी तत्व पायेजाते हैं। पुदीना रस एक चम्मच २चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहनेसे उपकार होता है।
५) सुबह उठते ही २५० ग्रामटमाटर का रस २-३ महीने तकपीने से शरीर की वसा मेंकमी होती है।
६) गाजर का रस मोटापा कमकरने में उपयोगी है। करीब ३००ग्राम गाजर का रस दिन मेंकिसी भी समय लेवें।
७) एक अध्ययन का निष्कर्ष आया है कि वाटर थिरेपी मोटापा की समस्या हल करने में कारगर सिद्ध हुई है। सुबह उठने के बाद प्रत्येक घंटे के फ़ासलेपर २ गिलास पानी पीते रहें।इस प्रकार दिन भर में कम से कम२० गिलास पानी पीयें। इससेविजातीय पदार्थ शरीर सेबाहर निकलेंगे और चयापचय प्रक्रिया(मेटाबोलिस्म) तेज होकर ज्यादा केलोरी का दहनहोगा ,और शरीर की चर्बी कमहोगी। अगर २ गिलास के बजाये३ गिलास पानी प्रति घंटेपीयें तो और भी तेजी सेमोटापा निवारण होगा।
८) कम केलोरी वाले खाद्यपदार्थों का उपयोग करें।जहां तक आप कम केलोरी वालेभोजन की आदतनहीं डालेंगे ,मोटापा निवारणदुष्कर कार्य रहेगा। अब मैं ऐसेभोजन पदार्थ निर्देशितकरता हूं जिनमें नगण्यकेलोरी होती है।
अपने भोजनमें ये पदार्थ ज्यादा शामिलकरें--नींबूजामफ़ल (अमरुद)अंगूर सेवफ़ल खरबूजा जामुन पपीता आम संतरा पाइनेपल टमाटर तरबूज बैर स्ट्राबेरी सब्जीयां जिनमें नहीं के बराबर केलोरी होती है--पत्ता गोभीफ़ूल गोभी ब्रोकोली प्याज मूली पालक शलजम सौंफ़
लहसुन
अदरक चाकू से बरीक काटलें ,एक नींबू की चीरें काटकरदोनो पानी में ऊबालें।सुहाता गरम पीयें।बढिया उपाय ह