Tuesday, 15 January 2019

डायबिटीज़ : शुगर (मधुमेह) का सबसे बढ़िया और सबसे सरल उपचार

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भारत में 5 करोड़ 70 लाख से ज्यादा लोगों को डाइबटीज है और 3 करोड़ से ज्यादा को हो जाएगी अगले कुछ सालों में (सरकार ऐसा कह रही है ) , हर 2 मिनट में एक आदमी डाइबटीज से मर जाता हैं !

और complications बहुत है !
किसी की किडनी खराब हो रही है ,किसी का लीवर खराब हो रहा है , किसी को paralisis हो रहा है किसी को brain stroke हो रहा है ,किसी को heart attack आ रहा है ! कुल मिलकर complications

बहुत है diabetes के !!
मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। रक्त ग्लूकोज (blood sugar level ) स्तर बढा़ हूँआ मिलता है, यह रोग मरीजों के (रक्त मे गंदा कोलेस्ट्रॉल,) के अवयव के बढने के कारण होता है। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।

भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज हमारे रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है। pancreas (अग्न्याशय) ग्लूकोज उत्पन्न करता है इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है।

मधुमेह बीमारी का असली कारण जब तक आप लोग नही समझेगे आपकी मधुमेह कभी भी ठीक नही हो सकती है जब आपके रक्त में वसा (गंदे कोलेस्ट्रोल)LDL की मात्रा बढ जाती है तब रक्त में मोजूद कोलेस्ट्रोल कोशिकाओ के चारों तरफ चिपक जाता है !और खून में मोजूद जो इन्सुलिन है कोशिकाओं तक नही पहुँच पाता है (इंसुलिन की मात्रा तो पर्याप्त होती है किन्तु इससे द्वारो को खोला नहीं जा सकता है, अर्थात पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है)

वो इन्सुलिन शरीर के किसी भी काम में नही आता है जिस कारण जब हम शुगर level चैक करते हैं शरीर में हमेशा शुगर का स्तर हमेशा ही बढा हुआ होता है क्यूंकि वो कोशिकाओ तक नहीं पहुंची क्योंकि वहाँ (गंदे कोलेस्ट्रोल)LDL VLDL जमा हुआ है जबकि जब हम बाहर से इन्सुलिन लेते है तब वो इन्सुलिन नया-नया होता है तो वह कोशिकाओं के अन्दर पहुँच जाता है !

तो ऐसी स्थिति मे हम क्या करें ??
 आप insulin पर ज्यादा निर्भर ना रहें ! क्यूंकि ये insulin डाईब्टीज से भी ज्यादा खराब है side effect इसके बहुत हैं !! तो आप ये आयुर्वेद की दवा का फार्मूला लिखिये !
और जरूर इस्तेमाल करें !!

100 ग्राम (मेथी का दाना )ले ले इसे धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
100 ग्राम (तेज पत्ता ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
150 ग्राम (जामुन की गुठली )लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
250 ग्राम (बेलपत्र के पत्ते ) लेलें इसे भी धूप मे सूखा कर पत्थर पर पीस कर इसका पाउडर बना लें !
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तो
मेथी का दना – 100 ग्राम
तेज पत्ता ——- 100 ग्राम
जामुन की गुठली -150 ग्राम
बेलपत्र के पत्ते – 250 ग्राम
तो इन सबका पाउडर बनाकर इन सबको एक दूसरे मे मिला लें ! बस दवा तैयार है !!
इसे सुबह -शाम (खाली पेट ) 1 से डेड चम्मच से खाना खाने से एक घण्टा पहले गरम पानी के साथ लें !!
2 से 3 महीने लगातार इसका सेवन करें !! (सुबह उठे पेट साफ करने के बाद ले लीजिये )
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अगर आप इसके साथ एक और काम करे तो सोने पे सुहागा हो जाएगा ! और ये दवा का असर बहुत ही जल्दी होगा !! जैसा कि आप जानते है शरीर की सभी बीमारियाँ वात,पित ,और कफ के बिगड़ने से होती हैं !! दुनिया मे सिर्फ दो ही ओषधियाँ है जो इन तीनों के सतर को बराबर रखती है !!

एक है गौ मूत्र , दूसरी है त्रिफला चूर्ण !!
अब आप ठहरे अँग्रेजी मानसिकता के लोग ! गौ मूत्र का नाम सुनते ही आपकी नाक चढ़ गई होगी !!
और हमारी मजबूरी ये है कि आपको गौ मूत्र का महत्व बताना हो तो हमको अमेरिका का उदाहरण देना पड़ेगा !

क्यूंकि अंग्रेज़ मेकोले के बनाए indian education system मे पढ़ कर आपकी बुद्धि ऐसी हो गई है कि
आपको सिर्फ अमेरिका(अंग्रेज़ो ) द्वारा किये गए काम मे ही विश्वास होता है ! आपको कहीं ना कहीं लगता ये अमरीकी बहुत समझदार जो करते है सोच समझ के करते हैं !!

तो खैर आपकी जानकरी के लिए बता दूँ कि अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं !! उसको इसका महत्व समझ आने लगा है !! और हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया है ! लेकिन गौ मूत्र का नाम सुनते हमारी नाक चढ़ती है ! 
खैर जिसको पीना है वो पी सकता है ! गौ मूत्र बिलकुल ताजा पिये सबसे बढ़िया !! शरीर के बाहरी अंगो पर प्रयोग के लिए जितना पुराना उतना अच्छा है लेकिन पीने के लिए ताजा सबसे बढ़िया !! हमेशा देशी गाय का ही मूत्र पिये (देशी गाय की निशानी जिसकी पीठ पर हम्प होता है ) ! 3 -4 घंटे से अधिक पुराना मूत्र ना पिये !!
और याद रखे गौ मूत्र पीना है अर्क नहीं ! आधे से एक सुबह सुबह कप पिये ! सारी बीमारियाँ दूर !
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अब बात करते हैं त्रिफला चूर्ण की !
त्रिफला अर्थात तीन फल !
कौन से तीन फल !
1) हरड़ (Terminalia chebula)
2) बहेडा (Terminalia bellirica)
3) आंवला (Emblica officinalis)

एक बात याद रखें इनकी मात्रा हमेशा 1:2:3 होनी चाहिए ! 1 अनुपात 2 अनुपात 3 !
बाजार मे जितने भी त्रिफला चूर्ण मिलते है सब मे तीनों की मात्रा बराबर होती है ! बहुत ही कम बीमारियाँ होती है जिसमे त्रिफला बराबर मात्रा मे लेना चाहिए !!
इसलिए आप जब त्रिफला चूर्ण बनवाए तो 1 :2 :3 मे ही बनवाए !!
सबसे पहले हरड़ 100 ग्राम , फिर बहेड़ा 200 ग्राम और अंत आंवला 300 ग्राम !!
इन तीनों को भी एक दूसरे मे मिलकर पाउडर बना लीजिये !! और रात को एक से डेड चमच गर्म दूध के साथ प्रयोग करें !!
सावधानियाँ !!

चीनी का प्रयोग कभी ना करें और जो sugar free गोलियां का तो सोचे भी नहीं !!
गुड़ खाये , फल खाये ! एक धागे वाली मिश्री आती है उसका प्रयोग कर सकते है भगवान की बनाई गई को भी मीठी चीजे खा सकते हैं !!
रात का खाना सर्यास्त के पूर्व करना होगा !! मतलब सूर्य अस्त के बाद भोजन ना करें

ऐसी चीजे ज्यादा खाए जिसमे फाइबर हो रेशे ज्यादा हो, High Fiber Low Fat Diet घी तेल वाली डायेट कम हो और फाइबर वाली ज्यादा हो रेशेदार चीजे ज्यादा खाए। सब्जिया में बहुत रेशे है वो खाए, डाल जो छिलके वाली हो वो खाए, मोटा अनाज ज्यादा खाए, फल ऐसी खाए जिनमे रेशा बहुत है ।
https://www.gyanhindigyan.com/2019/01/sugar-ka-upchar.html?m=1&fbclid=IwAR2nZw0pM0PwhQW3fb9sPL-ChDQlPgz0w2gl960bL5GF0SIIDT7mdmNGod8

Saturday, 12 January 2019

योनि रक्तस्राव : कारण और निवारण ------ अनुराग गुप्ता

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पीरियड्स के दिनों में महिलाओं में वजाइना (योनि) से ब्लीडिंग (रक्तस्राव) की आम समस्या है। मगर सामान्य दिनों में योनि से रक्तस्राव होना असामान्य है। कई बार पीरियड्स के दौरान भी अगर सामान्य से ज्यादा रक्तस्राव हो रहा है या ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग हो रही है, तो ये असामान्य हो सकता है। ज्यादातर महिलाएं इसे पीरियड्स का प्रभाव या सामान्य कारण मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन कई बार बिना कारण योनि से होने वाला रक्तस्राव कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। आइए आपको बताते हैं वजाइना से होने वाला रक्तस्राव किन समस्याओं का हो सकता है संकेत।
वजाइना से असामान्य ब्लीडिंग के हो सकते हैं ये कारण :
गर्भाशय की दीवार में सूजन
गर्भाशय में फाइब्रॉइड (गांठ) का होना
अचानक ज्यादा वजन घट जाने के कारण
अचानक से वजन बढ़ जाने के कारण
गर्भाशय में पॉलीप्स का होना (गर्भाशय की दीवार पर ढेर सारे छोटे-छोटे उभार)
गर्भाशय, योनि या अंडाशय का कैंसर होना
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या
गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग या आईयूडी डिवाइस के प्रयोग के कारण
गर्भाशय का संक्रमण (इंफेक्शन) हो जाना
गर्भाशयम में ट्यूमर होना
थायरॉइड की समस्या :
थायरॉइड आपके चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को कंट्रोल करने वाले महत्वपूर्ण हार्मोन्स पैदा करता है। थायरॉइड के अनियमित हो जाने पर ऊर्जा की कमी, भूख में वृद्धि या भूख की कमी, ऐंठन, जोड़ों का दर्द, बाल झड़ना और नाखून टूटना, अचानक वजन बढ़ना या घटाना और जठरांत्र संबंधी समस्याएं जैसे दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं। तो यदि इन लक्षणों के साथ अगर असामान्य ब्लीडिंग होती है, तो संभवतः यह थायराइड समस्या के कारण है।

गर्भनिरोधक दवा का असर:
अगर आप गर्भधारण की रोकथआम के लिये किसी बर्थकंट्रोल दवा का सेवन कर रही हैं या हाल में ही आपने कोई नए ब्रांड की गर्भनिरोधक दवा खानी शुरू की है तो भी ब्लीडिंग हो सकती है। गर्भनिरोधक दवाओं से लेकर योनि गर्भनिरोधक छल्ले तक स्‍पॉटिंग के कारण बन सकते हैं। ऐसा इसलिये क्योंकि ये सभी अपने शरीर के हार्मोन के स्तर में बदलाव कर देते हैं, और अप्रत्याशित रक्तस्राव कारण बनते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान:
अगर आप ब्लीडिंग की समस्या को नजरअंदाज करती हैं और चिकित्सक को नहीं दिखाती हैं, तो गर्भाशय को नुकसान पहुंच सकता है।
अगर आपको 7 दिन से ज्यादा लगातार ब्लीडिंग हो रही है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
अगर आपको पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द हो रहा है या कुछ असामान्य लग रहा है, तो चिकित्सक से संपर्क करें।
अगर आपको 90 दिनों से ज्यादा समय से पीरियड्स नहीं आया है, तो डॉक्टर से मिलकर इसका कारण जानें।
अगर पीरियड्स के दौरान भी आपको बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो चिकित्सक से मिलना जरूरी है।
 by: Anurag Gupta
 ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग Jan 11, 2019

Monday, 7 January 2019

हल्दी का सेवन कितना ? ------ अनुराग गुप्ता

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हल्दी हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती है, यह आप भी जानते हैं। हल्दी दर्द, सूजन और इंफेक्शन को दूर करती है। मसाले के अलावा हल्दी का प्रयोग कई तरह के घरेलू उपचारों में भी किया जाता है मगर क्या आप जानते हैं कि हल्दी का ज्यादा सेवन शरीर के लिए खतरनाक भी होता है। कई लोग हल्दी दूध के फायदों के कारण दूध में ढेर सारी हल्दी मिलाकर पीते हैं और सब्जी, दाल आदि में भी ढेर सारी हल्दी का इस्तेमाल करते हैं। मगर हल्दी का ज्यादा प्रयोग करने से इसके नुकसान भी होते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं ज्यादा हल्दी के सेवन के नुकसान और रोज कितनी हल्दी का सेवन है सुरक्षित।
पथरी का कारण बन सकती है ज्यादा हल्दी  : 

हल्दी में ऑक्सलेट की मात्रा होती है इसलिए अगर आप हल्दी का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपको पथरी होने का खतरा होता है। ये ऑक्सलेट शरीर में मौजूद कैल्शियम के साथ मिलकर कैल्शियम ऑक्सलेट बना लेता है, जो धीरे-धीरे किडनी में जमा होता रहता है और पथरी का कारण बनता है।
डायरिया और जी मिचलाना :
हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन को माना जाता है, जो कई तरह के रोगों में फायदेमंद होता है। मगर शरीर में ज्यादा कर्क्युमिन होने पर ये डायरिया का कारण बन सकता है और इससे जी मिचलाने या उल्टी की समस्या भी हो सकती है।

शरीर से घटाता है आयरन : 

अगर आप ज्यादा हल्दी का सेवन करते हैं, तो आपके शरीर में आयरन की कमी भी हो सकती है। आयरन की कमी से एनीमिया जैसा खतरनाक रोग हो जाता है। दरअसल हल्दी में मौजूद तत्व आयरन को एब्जॉर्ब कर लेते हैं, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।

कितनी हल्दी का सेवन करें रोज : 

हल्दी में सबसे फायदेमंद तत्व कर्क्युमिन होता है। हमारे शरीर को रोजाना 500 से 800 मिलीग्राम तक कर्क्युमिन की जरूरत होती है। एक छोटे चम्मच हल्दी में 200 मिलीग्राम कर्क्युमिन होता है। इसलिए एक दिन में हमें 2 या 3 चम्मच से ज्यादा हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्दी दूध बनाने के लिए एक ग्लास दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी का प्रयोग कर सकते हैं।
 (Anurag Gupta

 ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग Jan 05, 2019 )

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Sunday, 6 January 2019

गाजर सेवन महिलाओं के लिये ------ अनुराग गुप्ता

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गाजर शरीर में आयरन की पूर्ति करने के साथ-साथ खून भी साफ करता है।पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन की समस्या को कम करता है गाजर।माहवारी में गाजर का जूस पीना बहुत फायदेमंद रहता है।

महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है गाजर का सेवन, ये 4 समस्याएं होंगी दूर : 
By Anurag Gupta , ओन्‍ली माई हैल्‍थ सम्पादकीय विभाग / Dec 29, 2018
गाजर का सेवन वैसे तो सभी के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें कैरोटिन और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मगर महिलाओं को गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि गाजर महिलाओं की कई समस्याओं को ठीक करता है। आयरन की कमी, खून की कमी, माहवारी के दर्द और एस्ट्रोजन हार्मोन की समस्याओं को गाजर के नियमित सेवन से बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं महिलाओं के लिए गाजर खाने के फायदे।
आयरन और खून की कमी होती है दूर :

भारत में महिलाओं में खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या बहुत ज्यादा पाई जाती है। गाजर आयरन का बेहतरीन स्रोत है। गाजर का प्रयोग आप सलाद या गाजर की सब्जी के रूप में कर सकते हैं। गाजर शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने का काम करता है। यह शरीर में आयरन की पूर्ति करने के साथ-साथ खून भी साफ करता है। रोजाना एक ग्लास गाजर का जूस पीने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।
पीरियड्स का दर्द होता है कम : 
कई महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन की समस्या से निजात पाने में भी गाजर आपकी मदद कर सकता है। गाजर में कई एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स, बीटा कैरोटिन, अल्फा कैरोटिन, कैल्शियम, विटामिन ए, बी1, बी2, सी और ई आदि होता है। गाजर से शरीर के इम्यून सिस्टम को ताकत मिलती है। गाजर न सिर्फ आपकी आंखों के लिए अच्छी होती है बल्कि ये पीरियड्स के दर्द में भी मददगार साबित होती है। पीरियड्स के दौरान गाजर का सेवन करें और रोज एक ग्लास गाजर के जूस को थोड़ी सी अजवाइन के साथ पिएं, दर्द और अन्य परेशानियां कम होंगी।

एस्ट्रोजन हार्मोन को करता है उत्तेजित :

गाजर में मौजूद बीटा-केरोटिन, विटामिन्स और पोटैशियम बहुत फायदेमंद होते हैं। गाजर में कैरोटीन नाम का पिग्मन्ट होता है जो शरीर में एस्ट्रोजन को उत्तेजित करने में सहायता करता है जो शरीर में गर्मी को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा ये हार्मोन महिलाओं को गर्भधारण में भी मदद करता है। बीटा-केरोटिन से गाजर विटामिन A का सबसे प्रभावकारी स्त्रोत बनती है।
कैसे करें गाजर का सेवन :

माहवारी में गाजर का जूस पीना बहुत फायदेमंद रहता है। इसके अलावा कच्ची गाजर खाना भी दर्द से आराम देता है। पीरियड्स में दर्द होने पर एक कप पानी में गाजर को बारीक काटकर उबाल लें। अगर स्वाद अच्छा न लगे तो इसमें स्वादानुसार शक्कर और कालीमिर्च भी मिला सकती हैं। अब दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें। दर्द में राहत मिलेगी।
https://www.onlymyhealth.com/eating-carrot-or-carrot-juice-benefits-in-anemia-periods-pain-and-women-problems-in-hindi-1545998666?utm_source=izooto&utm_medium=push_notifications&utm_campaign=&utm_content=&utm_term=

Friday, 4 January 2019

सहजन व व्यायाम , भोजन से स्वास्थ्य लाभ

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