Sunday 8 February 2015

चमत्कार देखें घरेलू चिकित्सा के

सेहत बनाएं:
यदि आप अपनी सेहत बनाने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले जरूरत है अपनी दिनचर्या सुधारने की। उसके लिए पेट साफ रखने की भी जरूरत है। पेट में कब्ज रहेगा तो कितने ही पौष्टिक पदार्थों का सेवन करें, लाभ नहीं होगा।
भोजन समय पर तथा चबा-चबाकर खाना चाहिए, ताकि पाचन शक्ति ठीक बनी रहे, फिर पौष्टिक आहार या औषधि का सेवन करना चाहिए। आचार्य चरक ने कहा है कि पुरुष के शरीर में वीर्य तथा स्त्री के शरीर में ओज होना चाहिए, तभी चेहरे पर चमक व कांति नजर आती है और शरीर पुष्ट दिखता है।
हम यहाँ कुछ ऐसे पौष्टिक पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें किशोरावस्था से लेकर युवावस्था तक के लोग सेवन कर लाभ उठा सकते हैं और बलवान बन सकते हैं-
सोते समय एक गिलास मीठे गुनगुने गर्म दूध में एक चम्मच शुद्ध घी डालकर पीना चाहिए।
दूध की मलाई तथा पिसी मिश्री जरूरत के अनुसार मिलाकर खाना चाहिए, यह अत्यंत शक्तिवर्द्धक है।
एक बादाम को पत्थर पर घिसकर दूध में मिलाकर पीना चाहिए, इससे अपार बल मिलता है। बादाम को घिसकर ही उपयोग में लें।
छाछ से निकाला गया ताजा माखन तथा मिश्री मिलाकर खाना चाहिए, ऊपर से पानी बिलकुल न पिएँ।
50 ग्राम उड़द की दाल आधा लीटर दूध में पकाकर खीर बनाकर खाने से अपार बल प्राप्त होता है। यह खीर पूरे शरीर को पुष्ट करती है।
प्रातः एक पाव दूध तथा दो-तीन केले साथ में खाने से बल मिलता है, कांति बढ़ती है।
एक चम्मच असगंध चूर्ण तथा एक चम्मच मिश्री मिलाकर गुनगुने एक पाव दूर के साथ प्रातः व रात को सेवन करें, रात को सेवन के बाद कुल्ला कर सो जाएँ। 40 दिन में परिवर्तन नजर आने लगेगा।
सफेद मूसली या धोली मूसली का पावडर, जो स्वयं कूटकर बनाया हो, एक चम्मच तथा पिसी मिश्री एक चम्मच लेकर सुबह व रात को सोने से पहले गुनगुने एक पाव दूध के साथ लें। यह अत्यंत शक्तिवर्धक है।
सुबह-शाम भोजन के बाद सेवफल, अनार, केले या जो भी मौसमी फल हों, खाएँ।
सुबह एक पाव ठंडे दूध में एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर पीने से खून साफ होता है, शरीर में खून की वृद्धि होती है।
प्याज का रस 2 चम्मच, शहद 1 चम्मच, घी चौथाई चम्मच मिलाकर सेवन करें और स्वयं शक्ति का चमत्कार देखें। यह नुस्खा यौन शक्ति बढ़ाने में अचूक है।

Friday 30 January 2015

केला,अंजीर,नींबू आदि द्वारा चिकित्सा

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Monday 26 January 2015

भोजन के नियम, चश्मा हटाने के उपाय और खांसी की घरेलू चिकित्सा

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Saturday 24 January 2015

ज्योतिष और चिकित्सा


नवरात्र प्रतिवर्ष ऋतु परिवर्तन काल में जड़ी-बूटियों के माध्यम से स्वास्थ्य रक्षा हेतु एहितियात-परहेज करने हेतु रखे गए थे। ज्योतिषियों  ने दो ग्रीष्म व शरद ऋतु के नवरात्र तो सार्वजनिक किए किन्तु दो को 'गुप्त' रखा जिनमें से एक का प्रारम्भ अभी 21 जनवरी 2015 से हुआ है और जो 28 जनवरी 2015 तक रहेगा। 'बसंत पंचमी' का पर्व इसी के मध्य पड़ता है। 'पौराणिक' पोंगा-पंडितों ने इन नवरात्र को विकृत करके अपने पेट भरने का माध्यम बना रखा है और जनहित को दरकिनार कर दिया है। कन्या-पूजन, रात्रि जागरण, ब्राह्मणों को भोजन कराने से स्वास्थ्य रक्षा कदापि संभव नहीं है।  नवरात्र के अवसर पर प्रस्तुत जड़ी-बूटियों को प्रयोग करना ही सर्वोत्तम स्वास्थ्य रक्षा का सूत्र है। जनता को जागरूक व सचेत होना चाहिए। :

Friday 23 January 2015

अस्थमा व हृदयाघात से बचाव : शकरकंदी और परहेज

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सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और इस मौसम में हमारे पास खाने-पीने के बहुत से विकल्प होते हैं। तो अपनी स्वाद ग्रंथियों को फलों व सब्जि़यों के सेवन का मौका दें। कुछ फल व सब्जि़यां तो ऐसी हैं, जिनका सेवन सिर्फ इसी मौसम में किया जा सकता है। ऐसी ही है शकरकंदी, जिसे अंग्रेजी में 'स्वीट पोटैटो' कहा जाता है।
• प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : शकरकंदी में विटामिन बी कांप्ले़क्स, आयरन, फास्फोसरस, विटामिन सी, के अलावा बीटा कैरोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का काम करता है।
• अस्थमा से बचाव : शकरकंदी शरीर को गर्म भी रखती है और इसमें मौजूद विटामिन सी के सेवन से ब्रांकाइटिस और फेफड़ों की परेशानी में भी आराम मिलता है।
• अर्थराइटिस : शकरकंदी में मैग्नीशियम, जिंक, बीटा कैरोटीन और विटामिन बी कांप्लै्क्स होते हैं, इसलिए यह अर्थराइटिस के मरीज़ों के लिए अच्छा है।
• पाचन क्रिया : शकरकंदी स्वादिष्ट तो होती ही है, इसमें फाइबर भी अधिक मात्रा में होते हैं इसलिए यह पाचन तंत्र के लिए भी अच्छीं है।
• कैंसर : बीटा कैरोटीन को एण्टी्-कार्सिनोजन(कैंसर से राहत दिलाने वाला) माना जाता है। शकरकंदी प्रास्ट्रेंट, कोलन, आंत के कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है।
• हृदय स्वास्‍थ्‍य के लिए : अधिक मात्रा में पोटैशियम के सेवन से हृदयाघात और स्ट्रोाक का खतरा कम होता है और रक्तरचाप भी नियंत्रित रहता है।
• डायबिटीज़ : डायबिटिक्स की यह सोच बिलकुल गलत है कि वह शकरकंदी नहीं खा सकते। शकरकंदी के सेवन से रक्त़ में शर्करा का स्तपर ठीक रहता है और इन्सु‍लिन की मात्रा भी ठीक रहती है।
• वज़न प्रबंधन : शकरकंदी में प्रोटीन, स्टाऔर्च, विटामिन, मिनेरल्स। और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं और यह शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करता है। मोटापा घटाना चाहते हैं, तो भी आप शकरकंदी का सेवन कर सकते हैं।