हमारे शरीर में रक्त का 80 प्रतिशत भाग 'जल' ही होता है। जल शरीर में स्फूर्ती और स्निग्धता बनाए रखता है। लेकिन यदि नियमानुसार प्रयोग किया जाये तभी। भोजन से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होती है अतः भोजनोपरांत 'ठंडे जल' का प्रयोग वर्जित किया गया है। उत्तम तो यह है कि भोजन के आधे घंटे उपरांत ही जल ग्रहण किया जाये।
दवा के मुक़ाबले परहेज से ज़्यादा फायदा होता है। भोजन में उपरोक्त फलों व सब्जियों का प्रयोग करना तो उत्तम है ही। साथ ही साथ 'कैंसर उत्पत्ति' के कारक ग्रहों-'मंगल' व 'शनि' की शांति हेतु निम्नाकित जाप पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके तथा प्रिथीवी से इंसुलेशन बनाते हुये करने से अधिक लाभ प्राप्त होगा।
1)-ॐ अं अंगारकाय नमः
2)-ॐ शं शनेश्चराय नमः
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